रतलाम: गृह विभाग और मध्य प्रदेश पुलिस ने अब रतलाम में भी अत्याधुनिक फॉरेंसिक लैब की स्थापना की है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शुक्रवार को रतलाम की इस फॉरेंसिक लैब का वर्चुअल उद्घाटन किया. 3.50 करोड़ की लागत से बनी इस फॉरेंसिक लैब का लाभ रतलाम समेत मंदसौर और नीमच जिले की पुलिस को मिल सकेगा. जहां विसरा, सलाइवा और नारकोटिक्स सबंधित जांच की सुविधा शुरू मिलेगी. इसके पहले सागर, इंदौर और भोपाल स्थित फोरेंसिक लैब में यहां से जांच के सैंपल भेजे जाते थे. लेकिन अब रतलाम में ही आधुनिक फोरेंसिक जांच की सुविधा मिलने लगी है.
3.50 करोड़ की लागत से फॉरेंसिक लैब तैयार
रतलाम रेंज के डीआईजी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि "3.50 करोड़ की लागत से यह फॉरेंसिक लैब तैयार की गई है. जहां अब केमिकल, बायोलॉजिकल और टॉक्सिक संबंधित फॉरेंसिक जांच की जा सकेगी. पहले इस तरह की जांचों के लिए सागर, भोपाल और इंदौर की लैब पर निर्भर रहना पड़ता था. जहां से रिपोर्ट आने में 3 से 5 माह तक का समय लग जाता था. लेकिन अब रतलाम, मंदसौर और नीमच जिले में आधुनिक फॉरेंसिक लैब की सुविधा शुरू हो चुकी है. जिससे यहां की पुलिस को वैज्ञानिक तरीके से अपराधों की जांच करने में सहयोग मिल सकेगा."
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज निवास स्थित समत्व भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर रीवा एवं रतलाम में न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला का उद्घाटन किया।@DrMohanYadav51 #CMMadhyaPradesh #MadhyaPradesh pic.twitter.com/Dd9iRSaPFb
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) April 25, 2025
सीएम मोहन यादव ने किया वर्चुअली उद्घाटन
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शुक्रवार को सीएम आवास स्थित समत्व भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर रीवा और रतलाम में न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला(फॉरेंसिक लैब) का वर्चुअली उद्घाटन किया.

आने वाले समय में डीएनए और नार्को टेस्ट की भी सुविधा
रतलाम में नवनिर्मित फॉरेंसिक लैब में आधुनिक जांच उपकरणों के साथ ही फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम की नियुक्ति की गई है. वर्तमान में यहां विसरा, सलाइवा सीमन और जहर संबंधित फोरेंसिक जांच शुरू हो गई है. लेकिन आने वाले समय में यहां डीएनए टेस्ट से लेकर नार्को टेस्ट किए जाने की सुविधा भी मुहैया कराई जा सकती है.
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हर जिले में फोरेंसिक लैब स्थापित करने का लक्ष्य
दरअसल किसी भी अपराध की पुलिस इन्वेस्टिगेशन में फॉरेंसिक जांच सबसे महत्वपूर्ण पहलू होता है. फोरेंसिक जांच से मिले तथ्यों की बदौलत अपराध करने वाले आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए ठोस सबूत मिलते हैं. इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के हर जिले में फोरेंसिक लैब स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है.