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युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया, शिक्षकों का विरोध और सियासत, कांग्रेस के आरोप पर भाजपा का पलटवार - RATIONALIZATION PROCESS

कांग्रेस के आंदोलन की शुरुआत पांच जून से हो गई है.

RATIONALIZATION PROCESS
कांग्रेस के आरोप पर भाजपा का पलटवार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : June 6, 2025 at 12:40 PM IST

Updated : June 6, 2025 at 3:10 PM IST

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रायपुर: युक्तियुक्तकरण को लेकर शिक्षक संघ विरोध कर रहे हैं. अब उनके साथ कांग्रेस भी सड़क पर उतर आई है. कांग्रेस ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन का ऐलान किया है, जिसका नाम शिक्षा न्याय आंदोलन है. वहीं भाजपा का कहना है कि युक्तियुक्तकरण से कहीं भी स्कूल बंद नहीं किए गए हैं. वहीं शिक्षक संघ का दावा है कि युक्तियुक्तकरण के निर्देशों और प्रक्रियाओं की विसंगतियों को लेकर शिक्षक संगठनों की आपत्ति पर हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को फटकार लगाई है.

कांग्रेस का आंदोलन: शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तकरण आदेश के बाद शिक्षक संघ लगातार विरोध कर रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि वह युक्तिकरण का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि युक्तियुक्तकरण के तहत जो स्कूलों को बंद किया जा रहा है और पूर्व के सेटअप में कमी की जा रही है, उसका विरोध कर रहे हैं. इस बीच कांग्रेस भी अब शिक्षकों के साथ खड़ी नजर आ रही है. चार चरणों में कांग्रेस सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने जा रही है.

कांग्रेस के आरोप पर भाजपा का पलटवार (ETV Bharat)

पहला चरण: कांग्रेस के आंदोलन की शुरुआत पांच जून से हो गई है. पहला चरण 5 जून से 7 जून तक चलेगा. इस दौरान जिला स्तरीय पत्रकार वार्ता आयोजित की जाएगी, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पत्रकारों के बीच जाकर अपनी बात रखेंगे.

दूसरा चरण: 9 जून से 11 जून तक चलेगा. इस दौरान ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों के कार्यालय का घेराव किया जाएगा.

तीसरा चरण: 16 से 25 जून तक चलेगा, जिसमें 3 से 5 किलोमीटर की जिला स्तरीय शिक्षा न्याय यात्रा निकली जाएगी और शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव किया जाएगा.

चौथा चरण: 1 से 10 जुलाई तक चलेगा, जिसमें प्रत्येक ब्लॉक में 5 से 10 बंद स्कूलों के पालकों विधायकों के साथ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

दीपक बैज ने उठाए सवाल: सरकार का यह निर्णय शिक्षा नीति के खिलाफ है और प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने वाला है. जब जब भाजपा की सरकार बनती है, तभी स्कूल क्यों बंद होते हैं. यह सबसे बड़ा सवाल है. 58000 शिक्षक भर्ती का वादा किया था, तो वह भर्ती क्यों नहीं की गई. भर्ती कर लेते तो ना तो शालाओं को बंद किया जाता और ना ही युक्तियुक्तकरण की जरूरत पड़ती.

भ्रष्टाचार का आरोप: दीपक बैज ने यह भी कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तब 3500 बंद स्कूलों को चालू किया. 5 साल चलाया तो आप उसे क्यों नहीं चला सकते हैं. कांग्रेस सरकार ने 750 से अधिक इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले, तो आप 10 हजार स्कूल क्यों नहीं चला पा रहे हैं. बैज ने युक्तियुक्तकरण में खुलेआम भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया.

सरकार ने शिक्षा जगत को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है. उनका कहना है कि वे कांग्रेसियों को समझाएंगे, इससे अच्छा वे शिक्षकों को समझ लेते, अपने मुख्यमंत्री को समझ लेते, वह ज्यादा बेहतर होता: दीपक बैज, प्रदेश अध्यक्ष,कांग्रेस

भाजपा का पलटवार: भाजपा के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि हमारे मंत्री ने कांग्रेस से बंद किए गए स्कूल की लिस्ट मांगी है, यदि एक परिसर में दो स्कूल होते थे, एक प्राइमरी एक मिडिल या एक मिडिल और एक हाई स्कूल, उन दोनों को मर्ज कर एक स्कूल कर दिया गया है. वह बंद नहीं हुए हैं. यदि स्कूल बंद होते, तो शिक्षक नौकरी से निकले जाते, कितने शिक्षक नौकरी से निकाले गए हैं, कांग्रेस को बताना चाहिए.

अनुराग अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ घड़ियाली आंसू बहा रही है, लेकिन शिक्षक जानते हैं कि जब रोजगार की मांग को लेकर BEd, DEd संघ ने रायपुर में आंदोलन किया था, उन्हें लाठियां से मारा और जूते से कुचला गया था. पंचायत शिक्षाकर्मी की विधवाओं ने बूढ़ातालाब में बाल मुंडवा लिए थे, लेकिन आपने ध्यान नहीं दिया. उन्हें नौकरी भाजपा की विष्णु देव साय सरकार ने दिया है. आपने अपनी कमाई के लिए बीएड के शिक्षाकर्मियों को भर्ती कर दिया था, जिसमें हाईकोर्ट में आदेश दिया, वहीं सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश से निकले शिक्षा कर्मियों को भी नौकरी देकर उनके साथ होने का सबूत दिया है.

भाजपा विष्णु सरकार लगातार शिक्षकों के साथ खड़ी है । मुख्यमंत्री भी कह चुके हैं कि 33000 शिक्षकों की भर्ती चरणबद्व तरीके से की जाएगी। जनता जानती है कि भाजपा शिक्षक और छात्रों के साथ खड़ी है: अनुराग अग्रवाल,प्रदेश मीडिया सह प्रभारी, भाजपा

शिक्षक संघ का दावा: इस बीच शिक्षक संघ ने बड़ा दावा किया है. छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे का दावा है कि ''उच्च न्यायालय ने शिक्षा विभाग को फटकार लगाई है. संबंधित निर्देशों और प्रक्रियाओं को असंवैधानिक मानते हुए सुधार के निर्देश दिए हैं.'' वीरेंद्र दुबे ने मांग की है कि मुख्यमंत्री इस मामले को संज्ञान में लें, और शिक्षक संगठनों से चर्चा कर समाधान का रास्ता निकालें.

शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण सूची में त्रुटि, सहायक शिक्षक फेडरेशन का विरोध, 3 बजे शुरू हुई काउंसलिंग
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रायपुर: युक्तियुक्तकरण को लेकर शिक्षक संघ विरोध कर रहे हैं. अब उनके साथ कांग्रेस भी सड़क पर उतर आई है. कांग्रेस ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन का ऐलान किया है, जिसका नाम शिक्षा न्याय आंदोलन है. वहीं भाजपा का कहना है कि युक्तियुक्तकरण से कहीं भी स्कूल बंद नहीं किए गए हैं. वहीं शिक्षक संघ का दावा है कि युक्तियुक्तकरण के निर्देशों और प्रक्रियाओं की विसंगतियों को लेकर शिक्षक संगठनों की आपत्ति पर हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को फटकार लगाई है.

कांग्रेस का आंदोलन: शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तकरण आदेश के बाद शिक्षक संघ लगातार विरोध कर रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि वह युक्तिकरण का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि युक्तियुक्तकरण के तहत जो स्कूलों को बंद किया जा रहा है और पूर्व के सेटअप में कमी की जा रही है, उसका विरोध कर रहे हैं. इस बीच कांग्रेस भी अब शिक्षकों के साथ खड़ी नजर आ रही है. चार चरणों में कांग्रेस सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने जा रही है.

कांग्रेस के आरोप पर भाजपा का पलटवार (ETV Bharat)

पहला चरण: कांग्रेस के आंदोलन की शुरुआत पांच जून से हो गई है. पहला चरण 5 जून से 7 जून तक चलेगा. इस दौरान जिला स्तरीय पत्रकार वार्ता आयोजित की जाएगी, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पत्रकारों के बीच जाकर अपनी बात रखेंगे.

दूसरा चरण: 9 जून से 11 जून तक चलेगा. इस दौरान ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों के कार्यालय का घेराव किया जाएगा.

तीसरा चरण: 16 से 25 जून तक चलेगा, जिसमें 3 से 5 किलोमीटर की जिला स्तरीय शिक्षा न्याय यात्रा निकली जाएगी और शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव किया जाएगा.

चौथा चरण: 1 से 10 जुलाई तक चलेगा, जिसमें प्रत्येक ब्लॉक में 5 से 10 बंद स्कूलों के पालकों विधायकों के साथ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

दीपक बैज ने उठाए सवाल: सरकार का यह निर्णय शिक्षा नीति के खिलाफ है और प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने वाला है. जब जब भाजपा की सरकार बनती है, तभी स्कूल क्यों बंद होते हैं. यह सबसे बड़ा सवाल है. 58000 शिक्षक भर्ती का वादा किया था, तो वह भर्ती क्यों नहीं की गई. भर्ती कर लेते तो ना तो शालाओं को बंद किया जाता और ना ही युक्तियुक्तकरण की जरूरत पड़ती.

भ्रष्टाचार का आरोप: दीपक बैज ने यह भी कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तब 3500 बंद स्कूलों को चालू किया. 5 साल चलाया तो आप उसे क्यों नहीं चला सकते हैं. कांग्रेस सरकार ने 750 से अधिक इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले, तो आप 10 हजार स्कूल क्यों नहीं चला पा रहे हैं. बैज ने युक्तियुक्तकरण में खुलेआम भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया.

सरकार ने शिक्षा जगत को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है. उनका कहना है कि वे कांग्रेसियों को समझाएंगे, इससे अच्छा वे शिक्षकों को समझ लेते, अपने मुख्यमंत्री को समझ लेते, वह ज्यादा बेहतर होता: दीपक बैज, प्रदेश अध्यक्ष,कांग्रेस

भाजपा का पलटवार: भाजपा के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि हमारे मंत्री ने कांग्रेस से बंद किए गए स्कूल की लिस्ट मांगी है, यदि एक परिसर में दो स्कूल होते थे, एक प्राइमरी एक मिडिल या एक मिडिल और एक हाई स्कूल, उन दोनों को मर्ज कर एक स्कूल कर दिया गया है. वह बंद नहीं हुए हैं. यदि स्कूल बंद होते, तो शिक्षक नौकरी से निकले जाते, कितने शिक्षक नौकरी से निकाले गए हैं, कांग्रेस को बताना चाहिए.

अनुराग अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ घड़ियाली आंसू बहा रही है, लेकिन शिक्षक जानते हैं कि जब रोजगार की मांग को लेकर BEd, DEd संघ ने रायपुर में आंदोलन किया था, उन्हें लाठियां से मारा और जूते से कुचला गया था. पंचायत शिक्षाकर्मी की विधवाओं ने बूढ़ातालाब में बाल मुंडवा लिए थे, लेकिन आपने ध्यान नहीं दिया. उन्हें नौकरी भाजपा की विष्णु देव साय सरकार ने दिया है. आपने अपनी कमाई के लिए बीएड के शिक्षाकर्मियों को भर्ती कर दिया था, जिसमें हाईकोर्ट में आदेश दिया, वहीं सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश से निकले शिक्षा कर्मियों को भी नौकरी देकर उनके साथ होने का सबूत दिया है.

भाजपा विष्णु सरकार लगातार शिक्षकों के साथ खड़ी है । मुख्यमंत्री भी कह चुके हैं कि 33000 शिक्षकों की भर्ती चरणबद्व तरीके से की जाएगी। जनता जानती है कि भाजपा शिक्षक और छात्रों के साथ खड़ी है: अनुराग अग्रवाल,प्रदेश मीडिया सह प्रभारी, भाजपा

शिक्षक संघ का दावा: इस बीच शिक्षक संघ ने बड़ा दावा किया है. छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे का दावा है कि ''उच्च न्यायालय ने शिक्षा विभाग को फटकार लगाई है. संबंधित निर्देशों और प्रक्रियाओं को असंवैधानिक मानते हुए सुधार के निर्देश दिए हैं.'' वीरेंद्र दुबे ने मांग की है कि मुख्यमंत्री इस मामले को संज्ञान में लें, और शिक्षक संगठनों से चर्चा कर समाधान का रास्ता निकालें.

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Last Updated : June 6, 2025 at 3:10 PM IST
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