बिलासपुर: प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे युक्तियुक्तकरण के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में पेश याचिकाएं निराकृत कर दी गई हैं. वहीं महासमुंद जिले की एक महिला शिक्षक की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इस पर्टिकुलर मामले में 10 दिन का स्थगन आदेश (स्टे) जारी कर दिया है.
हाईकोर्ट पहुंचा युक्तियुक्तकरण मामला: सरकार की ओर से पेश तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने याचिकाओं को निराकृत कर दिया है. सरकार की ओर से सुनवाई के दौरान यह कहा गया कि सभी शिक्षकों को दावा आपत्ति के लिए समय दिया जाएगा. जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा के वेकेशन कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई.
कर्मचारी संघ की चेतावनी: छत्तीसगढ़ विद्यालयीन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष समेत 34 शिक्षकों ने हाईकोर्ट में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को चुनौती दी थी. याचिका में युक्तियुक्तकरण में हो रहे काउंसिलिंग नियमों के उल्लंघन को चुनौती दी गई.
स्वीकृत पदों का विवरण: प्रदेश में स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर 2 अगस्त 2024 को आदेश जारी हुआ, तो प्रदेश भर में इसका शिक्षकों ने जमकर विरोध किया, तब शासन ने इस पर अमल नहीं किया था. अब 25 अप्रैल 2025 को फिर नया आदेश जारी किया गया, जिसमें कई खामियां गिनाई जा रही हैं. राज्य शासन अपना एक सेटअप निकालता है, जिसमें स्वीकृत पदों का विवरण होता है.
प्रायमरी स्कूल, मिडिल स्कूल: अभी जारी आदेश के अनुसार प्रायमरी स्कूल, मिडिल स्कूल में मर्ज हो रहा है, तो प्रायमरी का प्रधान पाठक अब सहायक शिक्षक बन जायेगा. इसी तरह जिन स्थानों पर हायर सेकेंडरी के साथ ही मिडिल स्कूल भी है तो मर्ज होने के बाद वहां हेड मास्टर फिर से शिक्षक बन जायेगा. धीरे धीरे पद समाप्त हो रहे हैं. इन्हीं सब बातों को लेकर संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार तिवारी और पाटन ब्लॉक व दुर्ग के 34 शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है.