अलवर : सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, यह कड़ी मेहनत और समर्पण से ही हासिल की जाती है. ऐसा ही कर दिखाया है अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ तहसील के रायपुर अहीर गांव की बेटी राशि यादव ने. राशि ने अपनी मेहनत और माता-पिता के सहयोग से पहले डिवोशनल सिंगर के रूप में नाम कमाया और अब अभिनेत्री के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में भी अपनी पहचान बना रही हैं.
भजनों से मिली पहचान : राशि यादव को बचपन से ही भजनों का शौक था. उन्होंने बताया कि कक्षा 6-7 में पढ़ाई के दौरान ही वे स्कूल से घर आकर टीवी पर भजन सुनतीं और उन्हें अपनी डायरी में लिख लेती थीं. धीरे-धीरे यह शौक उनकी आदत बन गया और भजन गाना उनकी पहचान. उनकी मधुर आवाज ने जब समाज के लोगों को प्रभावित किया तो उन्हें मंच मिलने लगे और उनका हौसला बढ़ता गया. आज खाटू श्याम के भजनों के लिए लोग उन्हें दूर-दूर तक जानते हैं. वे पिछले 8 वर्षों से बाबा श्याम के भजनों का गुणगान कर रही हैं और राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक अपनी प्रस्तुति से भक्तों को मंत्रमुग्ध कर चुकी हैं.
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बॉलीवुड में भी सफलता के कदम : राशि यादव ने बताय कि उनकी बाबा श्याम में गहरी आस्था है और उनकी इसी आस्था ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में भी काम भी दिलाया. राशि ने बताया कि जब वे एक बार खाटू श्याम के मंच पर भजन प्रस्तुत कर रही थीं, तभी उन्हें एक फिल्म का ऑफर मिला. खास बात यह है कि उनकी पहली फिल्म 'ए टेलर मर्डर स्टोरी' की शूटिंग भी खाटू में ही हुई. इस फिल्म में राशि ने एक पुलिसकर्मी की भूमिका निभाई है. इसके अलावा राशि एक साइको थ्रिलर फिल्म में लीड रोल कर रही हैं, जिसकी शूटिंग जारी है. एक और फिल्म में भी राशि मुख्य भूमिका में नजर आने वाली हैं.
मिसेज इंडिया का खिताब किया अपने नाम : राशि यादव ने हाल ही में मुंबई में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में मिसेज इंडिया का खिताब भी जीता. इस प्रतियोगिता में विभिन्न राज्यों की प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था, लेकिन अपनी प्रतिभा और आत्मविश्वास के दम पर राशि ने यह खिताब अपने नाम कर लिया. इससे पहले उन्हें मुंबई में 'राष्ट्रीय रत्न सम्मान' से भी नवाजा जा चुका है. वहीं, गोवा में आयोजित इंटरनेशनल ग्लोबल आइकॉन अवार्ड से भी राशि को सम्मानित किया गया है.

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पिता के हौसले से हासिल किया मुकाम : राशि यादव ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है. उन्होंने बताया कि उनके पिता ने हमेशा उनका साथ दिया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. शुरू में उनके पिता हर मंच पर उनके साथ जाते थे, लेकिन बाद में उन्होंने कहा 'यह तुम्हारा सफर है, इसे तुम्हें खुद सफलता तक पहुंचाना होगा.' पिता की इन बातों से राशि का आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

महिलाओं से की आत्मनिर्भर बनने की अपील : राशि यादव ने देश की महिलाओं से भी अपील की है कि वे घर में न बैठें, अपने अंदर आत्मविश्वास पैदा करें और अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करें. उन्होंने कहा कि सही मार्गदर्शन और सही प्रयास से सफलता निश्चित रूप से हासिल होती है. राशि यादव की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने की चाह रखते हैं. भजन गायन से लेकर मिसेज इंडिया बनने और फिल्मों में पहचान बनाने तक, राशि ने यह साबित कर दिया है कि सपने पूरे होते हैं, अगर सच्ची लगन और मेहनत से उन्हें पूरा किया जाए.