जयपुर: राजस्थान पुलिस की उप निरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा में डमी अभ्यर्थी के तौर पर परीक्षा देने के आरोप में गिरफ्तार आरएएस अधिकारी हनुमानाराम को एसओजी ने गुरुवार को कोर्ट में पेश किया. जहां से उसे एक दिन के रिमांड पर भेजा गया है. अब उससे गहनता से पूछताछ की जाएगी. हनुमानाराम अभी जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ में एसडीएम के पद पर तैनात था. वहां से एसओजी ने पेपर लीक मामले में उसे हिरासत में लिया था. यहां पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार किया गया है.
एसओजी के एसपी लोकेश सोनवाल ने बताया, अब तक की पड़ताल में सामने आया है कि हनुमानाराम ने दो अभ्यर्थियों के स्थान पर डमी अभ्यर्थी के तौर पर एसआई भर्ती परीक्षा दी थी. उसने सितंबर 2021 में डमी अभ्यर्थी के रूप में एसआई भर्ती परीक्षा दी. उस समय उसका चयन आरएएस भर्ती-2021 में हो चुका था. लेकिन पोस्टिंग नहीं मिली थी. हनुमानाराम ने जिन दो अभ्यर्थियों के बदले परीक्षा दी. उनमें से एक नरपतराम है. नरपतराम और उसकी पत्नी इंद्रा को एसओजी ने पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था. जबकि एसओजी ने रामनिवास को भी बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. रामनिवास पेशे से सरकारी स्कूल में अध्यापक है. वह हनुमानाराम का बचपन का मित्र है. उसी ने हनुमानाराम को नरपतराम के लिए भी डमी अभ्यर्थी बनने के लिए तैयार किया. डमी अभ्यर्थी बनने के लिए हनुमानाराम ने रामनिवास और नरपतराम से कितने पैसे लिए. इसे लेकर एसओजी के अधिकारी पूछताछ में जुटे हैं.
नरपतराम और इंद्रा से पूछताछ में आया नाम: उन्होंने बताया कि फतेहगढ़ (जैसलमेर) एसडीएम हनुमानाराम को गिरफ्तार कर आज कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे एक दिन के रिमांड पर सौंपा गया है. हनुमानाराम ने डमी कैंडिडेट के तौर पर नरपतराम की जगह एसआई भर्ती परीक्षा दी थी. जोधपुर रेंज पुलिस ने पिछले दिनों पेपर लीक मामले में नरपतराम (29) और उसकी पत्नी इंद्रा (27) को गिरफ्तार कर एसओजी को सौंपा था. पूछताछ में दोनों ने आरएएस अधिकारी हनुमानाराम (एसडीएम) का नाम लिया था. इसी के आधार पर हनुमानाराम को गिरफ्तार किया गया है.
नरपत और रामनिवास की जगह दी परीक्षा: प्रारंभिक तौर पर पूछताछ में सामने आया है कि उसने नरपतराम के साथ ही रामनिवास नाम के अभ्यर्थी के बदले भी डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा दी थी. दोनों लिखित परीक्षा में पास हो गए थे. लेकिन मैरिट में उनका चयन नहीं हो पाया. नरपतराम को एसओजी गिरफ्तार कर चुकी है. जबकि रामनिवास को भी पहले पकड़ा जा चुका है. अब हनुमानाराम से पूछताछ में कई अहम जानकारी सामने आ सकती है. एसओजी यह पता करने में जुटी है कि उसने किसी और भी भर्ती में डमी अभ्यर्थी के तौर पर परीक्षा दी है क्या?
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आरएएस-2021 में मिली थी 22वीं रैंक: बाड़मेर जिले के बिसारणियां गांव निवासी हनुमानाराम विरड़ा को आरएएस भर्ती परीक्षा-2021 में 22वीं रैंक मिली थी. पड़ताल में सामने आया कि हनुमानाराम 2016 से लगातार आरएएस की तैयार कर रहा था और दूसरे प्रयास में आरएएस में 22वीं रैंक हासिल की. हनुमानाराम के परिवार में पिता कौशला राम, माता पेम्पो देवी, दो भाई और 6 बहने हैं. पिता और भाई गांव में खेती करते हैं. उसने फरवरी 2025 में फतेहगढ़ एसडीएम के पद पर कार्यग्रहण किया था. हनुमानाराम ने 2016 में सूरतगढ़ से आरएएस की तैयारी की और 2016 में आरएएस की परीक्षा दी. लेकिन उसका चयन नहीं हुआ.
2018 में सांख्यिकी विभाग में हुआ था चयन: इसके बाद 2018 में बाड़मेर में सांख्यिकी विभाग में संगणक के पद पर चयन हो गया. संगणक की नौकरी करते हुए वह आरएएस भर्ती की तैयारी करता रहा. इसके बाद आरएएस भर्ती-2021 में उसका चयन हो गया. उसे पहली पोस्टिंग 13 फरवरी, 2023 को चितलवाना (जालोर) में एसडीएम के पद पर मिली थी. इसके बाद सांचौर के बागोड़ा में एसडीएम के पद पर तबादला हुआ और वहां से शिव (बाड़मेर) में एसडीएम के पद पर तबादला हुआ. शिव से तबादला होने के बाद 11 फरवरी, 2025 को उसने फतेहगढ़ (जैसलमेर) में एसडीएम के पद पर जॉइन किया था.