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लखनऊ के आसपास डेवलप होगा रैपिड रेल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम; SCR में शामिल इन 5 जिलों के लिए बनेगी 300 किमी लंबी आउटर रिंग रोड - UTTAR PRADESH STATE CAPITAL REGION

उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन में ट्रांसपोर्ट सिस्टम के विकास का खाका तैयार, ये है पूरा प्लान

लखनऊ और आसपास डेवलप होगा ट्रांसपोर्ट सिस्टम.
लखनऊ और आसपास डेवलप होगा ट्रांसपोर्ट सिस्टम. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : June 11, 2025 at 2:08 PM IST

Updated : June 11, 2025 at 2:24 PM IST

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लखनऊ: अगले 10 सालों में राजधानी लखनऊ की तस्वीर बदली नजर आएगी. इसका प्लॉन तैयार है. उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) में शामिल अन्य 5 जिलों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा. योजना है कि राजधानी में मेट्रो और आसपास के पांच जिलों में रैपिड रेल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम लागू किया जाए. शहर में मेट्रो की कुल लंबाई करीब 100 किमी होगी. जबकि रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम के तहत 200 किमी का ट्रैक होगा. इसके अलावा करीब 300 किलोमीटर की एक आउटर रिंग रोड बनेगी, जो इन छह जिलों को जोड़ेगी.

बता दें कि लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर, हरदोई और बाराबंकी स्टेट कैपिटल रीजन में शामिल होंगे, जिसकी अधिसूचना राज्य सरकार ने कैबिनेट के माध्यम से जारी की है. हाल ही में चेन्नई की एक फर्म को स्टेट कैपिटल रीजन के लिए कंसल्टेंट भी चुन लिया गया है. इस कंसलटेंट ने अपनी रिपोर्ट देनी शुरू कर दी है. जिसमें एक बड़ा मोबिलिटी प्लॉन बनाया गया है.

राजधानी क्षेत्र के विकास का खाका तैयार. (Video Credit; ETV BHARAT)

अगले दस वर्षों में बदल जाएगी तस्वीर: लखनऊ जल्द ही देश का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो शहर बनने की राह पर है. अगले 10 वर्षों में लखनऊ और इसके आसपास के क्षेत्रों में 300 किलोमीटर का मेट्रो और रैपिड रेल नेटवर्क विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की गई है. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) ने इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं, जिससे न केवल लखनऊ बल्कि आसपास के पांच जिलों को भी आधुनिक परिवहन सुविधाओं से जोड़ा जाएगा. इस परियोजना से यातायात, आर्थिक विकास और जीवन स्तर में क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीद है.

योजना में क्या कुछ खास.
योजना में क्या कुछ खास. (Photo Credit; ETV Bharat)

यूपीएमआरसी की ये है योजना: लखनऊ में वर्तमान में लखनऊ में 29 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क संचालित हो रहा है और 12 किलोमीटर का निर्माण जल्द शुरू होने वाला है. इस योजना के तहत चरण-3 में अयोध्या रोड पर इंदिरानगर से अनौरा कला तक के मार्ग सहित 8 नए रूट प्रस्तावित हैं. दूसरी ओर चेन्नई की फर्म इस महत्वाकांक्षी योजना का मास्टर ब्लूप्रिंट तैयार करेगी. इस परियोजना में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस), SCR रिंग रोड और एलिवेटेड कॉरिडोर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. यह नेटवर्क लखनऊ को न केवल एक आधुनिक शहर बनाएगा, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को मजबूत कर विकास के नए आयाम स्थापित करेगा.

प्रस्तावित नए रूट कौन-कौन: लखनऊ से आसपास के जिलों को जोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) ने 8 नए मार्गों का प्रस्ताव सरकार को सौंपा है. इन रूटों की कुल लंबाई 127.74 किलोमीटर होगी. इनमें मुंशीपुलिया से जानकीपुरम 6.29 किमी, राजाजीपुरम से आईआईएम 18.42 किमी, इंदिरानगर से अनौरा कला 9.27 किमी, अनौरा कला से बाराबंकी 14 किमी, चारबाग से कल्ली पश्चिम 13 किमी, इंदिरानगर से सीजी सिटी 7.7 किमी, सीजी सिटी से अमौसी एयरपोर्ट 19.08 किमी, कल्ली पश्चिम से मोहनलालगंज 6.0 किमी तक शामिल हैं.

लखनऊ के आसपास डेवलप होगा रैपिड रेल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम.
लखनऊ के आसपास डेवलप होगा रैपिड रेल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम. (Photo Credit; ETV Bharat)

चारबाग से वसंतकुंज रूट पर 12 स्टेशन: इन रूटों के अलावा चारबाग से वसंतकुंज तक 11.098 किलोमीटर का ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पहले ही मंजूरी प्राप्त कर चुका है. इस रूट पर 12 स्टेशन होंगे, जिनमें अमीनाबाद, केजीएमयू, और चौक जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं. इसकी कुल लंबाई 11.165 किलोमीटर होगी और निर्माण कार्य चार साल में पूरा करने की योजना है. इस रूट के लिए प्रारंभिक ग्राउंड वर्क शुरू हो गया है, जिसमें टोपोग्राफी सर्वे, यूटिलिटी डायवर्जन, और सॉइल टेस्टिंग जैसे काम शामिल हैं. यूपीएमआरसी ने इसके लिए डेढ़ करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है.

300 किमी. की होगी आउटर रिंग रोड: स्टेट कैपिटल रीजन के लिए बनाई गई शासन की कमेटी में शामिल लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि रैपिड रेल और लखनऊ मेट्रो मिलकर के स्टेट कैपिटल रीजन को नया आयाम देंगे. कंसल्टेंट फर्म ने जो सिफारिश की है, उसके मुताबिक सभी जिलों को जोड़ने के लिए रैपिड रेल नेटवर्क बनाया जाएगा. जो कि करीब 200 किलोमीटर लंबा होगा. जिसके जरिए लोग आसानी से लखनऊ से अपने जिले जाएंगे और अपने जिले से लखनऊ आएंगे. बताया कि इन पांच जिलों में बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए एक अलग से सड़क मार्ग भी बनाया जाएगा. यह सड़क मार्ग करीब 300 किलोमीटर लंबा होगा, जो कि एक आउटर रिंग रोड होगा.

SCR के गठन से तेज होगा विकास.
SCR के गठन से तेज होगा विकास. (Photo Credit; ETV Bharat)

1 साल में पूरे होंगे ये काम: प्रथमेश कुमार ने बताया कि अगले 1 साल में स्टेट कैपिटल रीजन के लिए ऑफिस और उसके अनेक कागजी काम पूरे कर लिए जाएंगे. 1 साल बाद टेंडर प्रक्रियाएं शुरू होंगी और फिर ढांचागढ़ विकास भी शुरू किया जाएगा. बताया कि जैसे-जैसे प्रोजेक्ट आगे बढ़ेंगे, इसका बजट भी तय किया जाएगा. यह तय है कि मोबिलिटी इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण बिंदु होगा, जिसमें रैपिड रेल और मेट्रो सबसे ज्यादा काम करेंगे.

आसपास के जिलों का भी होगा विकास: लखनऊ जन कल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने बताया कि निश्चित तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र के जिलों का विकास होगा. लखनऊ के विकास पर तो काफी कम हो रहा है, मगर आसपास के जिलों को भी अब डेवलपमेंट की जरूरत है, क्योंकि लखनऊ का क्षेत्र बढ़ रहा है और धीरे-धीरे दूसरे जिले से जुड़ रहा है. वहां से आने वालों की संख्या भी बढ़ रही है. इसलिए अब लखनऊ को इस तरह की रैपिड रेल से जोड़ने की जरूरत आने वाले 10 साल में होगी.

SCR के विकास का खाका.
SCR के विकास का खाका. (Photo Credit; ETV Bharat)

क्या है उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन (SCR): उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ सहित पांच आसपास के जिलों हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी को मिलाकर उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन का गठन किया है. इस क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 27,826 वर्ग किलोमीटर है. SCR का उद्देश्य राजधानी क्षेत्र का एकीकृत विकास करना है, जिसमें बुनियादी ढांचा, उद्योग और शहरीकरण को बढ़ावा देना शामिल है. लखनऊ, SCR का केंद्र, लगभग 2,528 वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ प्रमुख जिला है. हरदोई का क्षेत्रफल 5,986 वर्ग किमी, सीतापुर का 5,743 वर्ग किमी, उन्नाव का 4,558 वर्ग किमी, रायबरेली का 4,609 वर्ग किमी और बाराबंकी का 4,402 वर्ग किमी है. इन जिलों की सीमाएं आपस में जुड़ी हैं और लखनऊ को केंद्र में रखकर एक समन्वित क्षेत्र बनाती हैं. SCR की सीमाएं पड़ोसी जिलों और कुछ अन्य राज्यों से भी मिलती हैं, जैसे उत्तराखंड और मध्य प्रदेश.. SCR के गठन के साथ उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (SCRDA) भी बनाया गया है, जो इस क्षेत्र के नियोजित विकास के लिए जिम्मेदार है. यह परियोजना लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाएगी.

ये काम हैं होने

  • सड़क नेटवर्क: क्षेत्र के सभी जिलों को जोड़ने के लिए हाई-स्पीड कॉरिडोर, रिंग रोड और आंतरिक सड़कों का निर्माण किया जाएगा.
  • बिजली आपूर्ति: निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए स्मार्ट ग्रिड और नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों का उपयोग किया जाएगा. जिससे समान स्तर पर जगह बिजली मिल सकेगी.
  • जलापूर्ति: स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक जल शोधन संयंत्र और पाइपलाइन नेटवर्क बिछाया जाएगा.
  • परिवहन व्यवस्था: मेट्रो, रैपिड रेल और इलेक्ट्रिक बसों के माध्यम से पर्यावरण-अनुकूल और सस्ती सार्वजनिक परिवहन प्रणाली विकसित की जाएगी.

औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने की योजना: SCR को एक नए औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने की योजना है. इससे सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, हरदोई और उन्नाव जैसे जिले हॉस्पिटैलिटी और कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए आकर्षक केंद्र बन सकते हैं. लखनऊ में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की प्रोडक्शन यूनिट शुरू हो चुकी है, जो SCR के औद्योगिक महत्व को और बढ़ाएगी. GDP रैंकिंग में लखनऊ दूसरे स्थान पर है, जबकि गौतमबुद्धनगर (नोएडा) पहले और गाजियाबाद तीसरे स्थान पर है. इससे SCR क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों की मजबूती और बढ़ेगी.

शहरी विस्तार और नए शहर: मुख्यमंत्री शहरी विस्तार व नए शहर प्रोत्साहन योजना के तहत SCR में नए शहरों और शहरी परियोजनाओं को जून 2025 से दिसंबर 2025 तक चरणबद्ध रूप से लॉन्च करने की योजना है. इसमें लखनऊ के साथ अन्य शहर जैसे झांसी, बरेली, और कानपुर (न्यू कानपुर सिटी योजना) शामिल हैं. सरकार का लक्ष्य SCR में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से बेहतर आधुनिक सुविधाओं वाला एक नया शहर बसाना है.

यह भी पढ़ें: यूपी रोडवेज का पूर्वांचल में बड़ा प्लान; 46 नए रूटों से जुड़ेगे 600 गांव, रोजाना 10 हजार यात्रियों के लिए मिलेगी बस सुविधा

लखनऊ: अगले 10 सालों में राजधानी लखनऊ की तस्वीर बदली नजर आएगी. इसका प्लॉन तैयार है. उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) में शामिल अन्य 5 जिलों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा. योजना है कि राजधानी में मेट्रो और आसपास के पांच जिलों में रैपिड रेल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम लागू किया जाए. शहर में मेट्रो की कुल लंबाई करीब 100 किमी होगी. जबकि रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम के तहत 200 किमी का ट्रैक होगा. इसके अलावा करीब 300 किलोमीटर की एक आउटर रिंग रोड बनेगी, जो इन छह जिलों को जोड़ेगी.

बता दें कि लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर, हरदोई और बाराबंकी स्टेट कैपिटल रीजन में शामिल होंगे, जिसकी अधिसूचना राज्य सरकार ने कैबिनेट के माध्यम से जारी की है. हाल ही में चेन्नई की एक फर्म को स्टेट कैपिटल रीजन के लिए कंसल्टेंट भी चुन लिया गया है. इस कंसलटेंट ने अपनी रिपोर्ट देनी शुरू कर दी है. जिसमें एक बड़ा मोबिलिटी प्लॉन बनाया गया है.

राजधानी क्षेत्र के विकास का खाका तैयार. (Video Credit; ETV BHARAT)

अगले दस वर्षों में बदल जाएगी तस्वीर: लखनऊ जल्द ही देश का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो शहर बनने की राह पर है. अगले 10 वर्षों में लखनऊ और इसके आसपास के क्षेत्रों में 300 किलोमीटर का मेट्रो और रैपिड रेल नेटवर्क विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की गई है. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) ने इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं, जिससे न केवल लखनऊ बल्कि आसपास के पांच जिलों को भी आधुनिक परिवहन सुविधाओं से जोड़ा जाएगा. इस परियोजना से यातायात, आर्थिक विकास और जीवन स्तर में क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीद है.

योजना में क्या कुछ खास.
योजना में क्या कुछ खास. (Photo Credit; ETV Bharat)

यूपीएमआरसी की ये है योजना: लखनऊ में वर्तमान में लखनऊ में 29 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क संचालित हो रहा है और 12 किलोमीटर का निर्माण जल्द शुरू होने वाला है. इस योजना के तहत चरण-3 में अयोध्या रोड पर इंदिरानगर से अनौरा कला तक के मार्ग सहित 8 नए रूट प्रस्तावित हैं. दूसरी ओर चेन्नई की फर्म इस महत्वाकांक्षी योजना का मास्टर ब्लूप्रिंट तैयार करेगी. इस परियोजना में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस), SCR रिंग रोड और एलिवेटेड कॉरिडोर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. यह नेटवर्क लखनऊ को न केवल एक आधुनिक शहर बनाएगा, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को मजबूत कर विकास के नए आयाम स्थापित करेगा.

प्रस्तावित नए रूट कौन-कौन: लखनऊ से आसपास के जिलों को जोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) ने 8 नए मार्गों का प्रस्ताव सरकार को सौंपा है. इन रूटों की कुल लंबाई 127.74 किलोमीटर होगी. इनमें मुंशीपुलिया से जानकीपुरम 6.29 किमी, राजाजीपुरम से आईआईएम 18.42 किमी, इंदिरानगर से अनौरा कला 9.27 किमी, अनौरा कला से बाराबंकी 14 किमी, चारबाग से कल्ली पश्चिम 13 किमी, इंदिरानगर से सीजी सिटी 7.7 किमी, सीजी सिटी से अमौसी एयरपोर्ट 19.08 किमी, कल्ली पश्चिम से मोहनलालगंज 6.0 किमी तक शामिल हैं.

लखनऊ के आसपास डेवलप होगा रैपिड रेल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम.
लखनऊ के आसपास डेवलप होगा रैपिड रेल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम. (Photo Credit; ETV Bharat)

चारबाग से वसंतकुंज रूट पर 12 स्टेशन: इन रूटों के अलावा चारबाग से वसंतकुंज तक 11.098 किलोमीटर का ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पहले ही मंजूरी प्राप्त कर चुका है. इस रूट पर 12 स्टेशन होंगे, जिनमें अमीनाबाद, केजीएमयू, और चौक जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं. इसकी कुल लंबाई 11.165 किलोमीटर होगी और निर्माण कार्य चार साल में पूरा करने की योजना है. इस रूट के लिए प्रारंभिक ग्राउंड वर्क शुरू हो गया है, जिसमें टोपोग्राफी सर्वे, यूटिलिटी डायवर्जन, और सॉइल टेस्टिंग जैसे काम शामिल हैं. यूपीएमआरसी ने इसके लिए डेढ़ करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है.

300 किमी. की होगी आउटर रिंग रोड: स्टेट कैपिटल रीजन के लिए बनाई गई शासन की कमेटी में शामिल लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि रैपिड रेल और लखनऊ मेट्रो मिलकर के स्टेट कैपिटल रीजन को नया आयाम देंगे. कंसल्टेंट फर्म ने जो सिफारिश की है, उसके मुताबिक सभी जिलों को जोड़ने के लिए रैपिड रेल नेटवर्क बनाया जाएगा. जो कि करीब 200 किलोमीटर लंबा होगा. जिसके जरिए लोग आसानी से लखनऊ से अपने जिले जाएंगे और अपने जिले से लखनऊ आएंगे. बताया कि इन पांच जिलों में बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए एक अलग से सड़क मार्ग भी बनाया जाएगा. यह सड़क मार्ग करीब 300 किलोमीटर लंबा होगा, जो कि एक आउटर रिंग रोड होगा.

SCR के गठन से तेज होगा विकास.
SCR के गठन से तेज होगा विकास. (Photo Credit; ETV Bharat)

1 साल में पूरे होंगे ये काम: प्रथमेश कुमार ने बताया कि अगले 1 साल में स्टेट कैपिटल रीजन के लिए ऑफिस और उसके अनेक कागजी काम पूरे कर लिए जाएंगे. 1 साल बाद टेंडर प्रक्रियाएं शुरू होंगी और फिर ढांचागढ़ विकास भी शुरू किया जाएगा. बताया कि जैसे-जैसे प्रोजेक्ट आगे बढ़ेंगे, इसका बजट भी तय किया जाएगा. यह तय है कि मोबिलिटी इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण बिंदु होगा, जिसमें रैपिड रेल और मेट्रो सबसे ज्यादा काम करेंगे.

आसपास के जिलों का भी होगा विकास: लखनऊ जन कल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने बताया कि निश्चित तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र के जिलों का विकास होगा. लखनऊ के विकास पर तो काफी कम हो रहा है, मगर आसपास के जिलों को भी अब डेवलपमेंट की जरूरत है, क्योंकि लखनऊ का क्षेत्र बढ़ रहा है और धीरे-धीरे दूसरे जिले से जुड़ रहा है. वहां से आने वालों की संख्या भी बढ़ रही है. इसलिए अब लखनऊ को इस तरह की रैपिड रेल से जोड़ने की जरूरत आने वाले 10 साल में होगी.

SCR के विकास का खाका.
SCR के विकास का खाका. (Photo Credit; ETV Bharat)

क्या है उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन (SCR): उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ सहित पांच आसपास के जिलों हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी को मिलाकर उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन का गठन किया है. इस क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 27,826 वर्ग किलोमीटर है. SCR का उद्देश्य राजधानी क्षेत्र का एकीकृत विकास करना है, जिसमें बुनियादी ढांचा, उद्योग और शहरीकरण को बढ़ावा देना शामिल है. लखनऊ, SCR का केंद्र, लगभग 2,528 वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ प्रमुख जिला है. हरदोई का क्षेत्रफल 5,986 वर्ग किमी, सीतापुर का 5,743 वर्ग किमी, उन्नाव का 4,558 वर्ग किमी, रायबरेली का 4,609 वर्ग किमी और बाराबंकी का 4,402 वर्ग किमी है. इन जिलों की सीमाएं आपस में जुड़ी हैं और लखनऊ को केंद्र में रखकर एक समन्वित क्षेत्र बनाती हैं. SCR की सीमाएं पड़ोसी जिलों और कुछ अन्य राज्यों से भी मिलती हैं, जैसे उत्तराखंड और मध्य प्रदेश.. SCR के गठन के साथ उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (SCRDA) भी बनाया गया है, जो इस क्षेत्र के नियोजित विकास के लिए जिम्मेदार है. यह परियोजना लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाएगी.

ये काम हैं होने

  • सड़क नेटवर्क: क्षेत्र के सभी जिलों को जोड़ने के लिए हाई-स्पीड कॉरिडोर, रिंग रोड और आंतरिक सड़कों का निर्माण किया जाएगा.
  • बिजली आपूर्ति: निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए स्मार्ट ग्रिड और नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों का उपयोग किया जाएगा. जिससे समान स्तर पर जगह बिजली मिल सकेगी.
  • जलापूर्ति: स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक जल शोधन संयंत्र और पाइपलाइन नेटवर्क बिछाया जाएगा.
  • परिवहन व्यवस्था: मेट्रो, रैपिड रेल और इलेक्ट्रिक बसों के माध्यम से पर्यावरण-अनुकूल और सस्ती सार्वजनिक परिवहन प्रणाली विकसित की जाएगी.

औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने की योजना: SCR को एक नए औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने की योजना है. इससे सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, हरदोई और उन्नाव जैसे जिले हॉस्पिटैलिटी और कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए आकर्षक केंद्र बन सकते हैं. लखनऊ में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की प्रोडक्शन यूनिट शुरू हो चुकी है, जो SCR के औद्योगिक महत्व को और बढ़ाएगी. GDP रैंकिंग में लखनऊ दूसरे स्थान पर है, जबकि गौतमबुद्धनगर (नोएडा) पहले और गाजियाबाद तीसरे स्थान पर है. इससे SCR क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों की मजबूती और बढ़ेगी.

शहरी विस्तार और नए शहर: मुख्यमंत्री शहरी विस्तार व नए शहर प्रोत्साहन योजना के तहत SCR में नए शहरों और शहरी परियोजनाओं को जून 2025 से दिसंबर 2025 तक चरणबद्ध रूप से लॉन्च करने की योजना है. इसमें लखनऊ के साथ अन्य शहर जैसे झांसी, बरेली, और कानपुर (न्यू कानपुर सिटी योजना) शामिल हैं. सरकार का लक्ष्य SCR में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से बेहतर आधुनिक सुविधाओं वाला एक नया शहर बसाना है.

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Last Updated : June 11, 2025 at 2:24 PM IST
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