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आपके फोन पर किया गया एक क्लिक पड़ सकता है भारी, जाना पड़ सकता है जेल! - RAM NAVAMI 2025

रामनवमी को लेकर रांची पुलिस अलर्ट है. सोशल मीडिया पर पुलिस की कड़ी नजर है.

Ranchi police monitoring social media most regarding Ram Navami 2025
रांची पुलिस कंट्रोल रूम (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : April 5, 2025 at 12:05 PM IST

4 Min Read

रांचीः यह एक बड़ी सच्चाई है कि वर्तमान समय में अफवाहें और विवादित वीडियो या मैसेज के वायरल होने का प्रमुख स्रोत सोशल मीडिया है. यही वजह है कि इस वर्ष रामनवमी को लेकर पुलिस सबसे ज्यादा सोशल मीडिया को मॉनिटर कर रही है. रांची पुलिस के द्वारा आम लोगों से अपील भी की गई है कि वह भावुकता या फिर किसी के बहकावे में आकर कोई भी भड़काऊ पोस्ट वायरल ना करें बल्कि उसे पुलिस तक पहुंचाएं.

जिला स्तर पर मॉनिटरिंग सेल

रामनवमी के दौरान सोशल मीडिया का फायदा उठाकर अगर कोई सांप्रदायिक तनाव या फिर किसी अन्य तरह के अफवाह फैलाएगा तो वह सीधे सलाखों के पीछे जाएगा. इसलिए जरूरी है कि सोशल मीडिया पर आने वाले पोस्ट पर पहले जांच करें और फिर विश्वास करें. पर्व त्यौहार के दौरान कई ऐसे तत्व होते हैं जो समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिश करते हैं ताकि माहौल खराब हो और किसी अन्य पक्ष को उसका फायदा मिल जाए.

जानकारी देते डीआईजी सह रांची एसएसपी (ETV Bharat)

रामनवमी पर्व को देखते हुए भी ऐसे तत्वों को पुलिस किसी भी तरह से बख्शने के मूड में नहीं है. राजधानी रांची सहित झारखंड के सभी जिलों में सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए स्पेशल सेल का गठन किया गया है. डीआईजी सह एसएसपी रांची चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि रामनवमी को देखते हुए सबसे ज्यादा ध्यान सोशल मीडिया पर रहेगा. इसके लिए सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल लगातार काम कर रहा है.

रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने लोगों से अपील की है कि वह किसी के बहकावे में ना आए. अगर कोई भी विवादित मैसेज या वीडियो उनके पास आता है तो वह उसे फॉरवर्ड ना करें बल्कि पुलिस के द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर या फिर अपने नजदीकी थाना में उसके संबंध में जानकारी दें.

मुख्यालय की कड़ी नजर, हाईटेक है सोशल मीडिया सेल

वहीं दूसरी तरफ झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा रामनवमी के दौरान सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए जो मॉनिटरिंग सेल बनाया गया है, वह बेहद हाईटेक है. उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति किसी अज्ञात सर्वर से कोई मैसेज वायरल करता है तो तुरंत मॉनिटरिंग सेल के द्वारा साइबर टीम को यह सूचना दी जाएगी. सोशल मीडिया के अलग-अलग विंग के लिए अलग-अलग टीम में बनाई गई है. व्हाट्सएप, फेसबुक और एक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर नजर रखी जा रही है.

सत्यापन के लिए पब्लिक पुलिस को फोन करें

पुलिस मुख्यालय के द्वारा सभी जिलों के डीसी और एसपी को सोशल मीडिया को लेकर एक दर्जन से ज्यादा निर्देश जारी किए गए हैं. शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर सोशल मीडिया से जुड़े होल्डिंग लगाने और हेल्पलाइन नम्बर भी जारी करने का निर्देश दिया गया है. मुख्यालय के आदेश में यह बताया गया है कि समाज में कई तरह के मैसेज अफवाह लाने के लिए फैलाये जाते हैं.

ऐसे में आम लोग को से यह अपील की गई है कि वह तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम या फिर अपने स्थानीय थाने में फोन कर इसकी सूचना दें. पुलिस से ही सोशल मीडिया पर उड़ रही अफवाहों को लेकर बातचीत करें पुलिस से आम लोग यह पूछे कि क्या ये सूचना सही है. इस पल से सामाजिक तत्वों के खतरनाक मंसूबे नाकामयाब होंगे.

गाइडलाइंस भी जारी

रामनवमी पर पर कोई भी किसी भी तरह का अफवाह सोशल मीडिया के जरिए न फैल सके इसके लिए बाकायदा सभी जिलों में गाइडलाइंस भी जारी किया गया है. सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैलाने वालों की जानकारी देने के लिए भी जिला स्तर पर फोन नंबर जारी किए गए हैं. आम लोगों को गाइडलाइंस में यह भी बताया गया है कि वह कभी भी किसी भी भड़काऊ मैसेज का प्रचार प्रसार ना करें.

अगर उनके मोबाइल पर कोई आपत्तिजनक मैसेज आता है तो उसकी जानकारी वह पुलिस को जरूर दें. गाइडलाइंस में यह भी बताया गया है कि मैसेज को एक जगह से दूसरे जगह भेजने वाला भी उतना ही दोषी होता है जितना मैसेज बनाने वाला ऐसे में इन सब को लेकर सावधानी बरतें.

इसे भी पढ़ें- पर्व पर हाई अलर्ट : संवेदनशील इलाके पर विशेष ध्यान, सोशल मीडिया पर पैनी नजर

इसे भी पढ़ें- सोशल मीडिया के माध्यम से सांप्रदायिक तनाव फैलाने वालों पर एनएसए और सीसीए के तहत होगी कार्रवाईः डीजीपी

इसे भी पढ़ें- दुमका में बच्चा चोर अफवाह पर पुलिस सख्त, भ्रामक खबर फैलाने पर होगी कार्रवाई- एसपी

रांचीः यह एक बड़ी सच्चाई है कि वर्तमान समय में अफवाहें और विवादित वीडियो या मैसेज के वायरल होने का प्रमुख स्रोत सोशल मीडिया है. यही वजह है कि इस वर्ष रामनवमी को लेकर पुलिस सबसे ज्यादा सोशल मीडिया को मॉनिटर कर रही है. रांची पुलिस के द्वारा आम लोगों से अपील भी की गई है कि वह भावुकता या फिर किसी के बहकावे में आकर कोई भी भड़काऊ पोस्ट वायरल ना करें बल्कि उसे पुलिस तक पहुंचाएं.

जिला स्तर पर मॉनिटरिंग सेल

रामनवमी के दौरान सोशल मीडिया का फायदा उठाकर अगर कोई सांप्रदायिक तनाव या फिर किसी अन्य तरह के अफवाह फैलाएगा तो वह सीधे सलाखों के पीछे जाएगा. इसलिए जरूरी है कि सोशल मीडिया पर आने वाले पोस्ट पर पहले जांच करें और फिर विश्वास करें. पर्व त्यौहार के दौरान कई ऐसे तत्व होते हैं जो समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिश करते हैं ताकि माहौल खराब हो और किसी अन्य पक्ष को उसका फायदा मिल जाए.

जानकारी देते डीआईजी सह रांची एसएसपी (ETV Bharat)

रामनवमी पर्व को देखते हुए भी ऐसे तत्वों को पुलिस किसी भी तरह से बख्शने के मूड में नहीं है. राजधानी रांची सहित झारखंड के सभी जिलों में सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए स्पेशल सेल का गठन किया गया है. डीआईजी सह एसएसपी रांची चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि रामनवमी को देखते हुए सबसे ज्यादा ध्यान सोशल मीडिया पर रहेगा. इसके लिए सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल लगातार काम कर रहा है.

रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने लोगों से अपील की है कि वह किसी के बहकावे में ना आए. अगर कोई भी विवादित मैसेज या वीडियो उनके पास आता है तो वह उसे फॉरवर्ड ना करें बल्कि पुलिस के द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर या फिर अपने नजदीकी थाना में उसके संबंध में जानकारी दें.

मुख्यालय की कड़ी नजर, हाईटेक है सोशल मीडिया सेल

वहीं दूसरी तरफ झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा रामनवमी के दौरान सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए जो मॉनिटरिंग सेल बनाया गया है, वह बेहद हाईटेक है. उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति किसी अज्ञात सर्वर से कोई मैसेज वायरल करता है तो तुरंत मॉनिटरिंग सेल के द्वारा साइबर टीम को यह सूचना दी जाएगी. सोशल मीडिया के अलग-अलग विंग के लिए अलग-अलग टीम में बनाई गई है. व्हाट्सएप, फेसबुक और एक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर नजर रखी जा रही है.

सत्यापन के लिए पब्लिक पुलिस को फोन करें

पुलिस मुख्यालय के द्वारा सभी जिलों के डीसी और एसपी को सोशल मीडिया को लेकर एक दर्जन से ज्यादा निर्देश जारी किए गए हैं. शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर सोशल मीडिया से जुड़े होल्डिंग लगाने और हेल्पलाइन नम्बर भी जारी करने का निर्देश दिया गया है. मुख्यालय के आदेश में यह बताया गया है कि समाज में कई तरह के मैसेज अफवाह लाने के लिए फैलाये जाते हैं.

ऐसे में आम लोग को से यह अपील की गई है कि वह तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम या फिर अपने स्थानीय थाने में फोन कर इसकी सूचना दें. पुलिस से ही सोशल मीडिया पर उड़ रही अफवाहों को लेकर बातचीत करें पुलिस से आम लोग यह पूछे कि क्या ये सूचना सही है. इस पल से सामाजिक तत्वों के खतरनाक मंसूबे नाकामयाब होंगे.

गाइडलाइंस भी जारी

रामनवमी पर पर कोई भी किसी भी तरह का अफवाह सोशल मीडिया के जरिए न फैल सके इसके लिए बाकायदा सभी जिलों में गाइडलाइंस भी जारी किया गया है. सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैलाने वालों की जानकारी देने के लिए भी जिला स्तर पर फोन नंबर जारी किए गए हैं. आम लोगों को गाइडलाइंस में यह भी बताया गया है कि वह कभी भी किसी भी भड़काऊ मैसेज का प्रचार प्रसार ना करें.

अगर उनके मोबाइल पर कोई आपत्तिजनक मैसेज आता है तो उसकी जानकारी वह पुलिस को जरूर दें. गाइडलाइंस में यह भी बताया गया है कि मैसेज को एक जगह से दूसरे जगह भेजने वाला भी उतना ही दोषी होता है जितना मैसेज बनाने वाला ऐसे में इन सब को लेकर सावधानी बरतें.

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