चाकसू (जयपुर): क्षेत्र के माधोराजपुरा में रमेश मीणा हत्याकांड को लेकर गुस्सा उबाल पर है. परिजन और ग्रामीणों का आक्रोश अब अनिश्चितकालीन जनआंदोलन का रूप ले चुका है. बीते 24 घंटे से भी ज्यादा समय से ग्रामीण धरनास्थल पर डटे हुए हैं. सोमवार को दूसरे भी धरनास्थल पर महिलाएं, पुरुष, बुजुर्ग और युवा बैठे थे. बाद में देर रात को प्रदर्शनकारी पुलिस थाने के बाहर धरनास्थल पर डटे रहे. इधर, कस्बे के व्यापारियों ने भी आंदोलन को समर्थन देते हुए अपने प्रतिष्ठान बंद रखे.
सरपंच गिरिराज शर्मा ने कहा कि ग्रामीण एक तरफ खुले आसमान के नीचे न्याय की पुकार लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन सिर्फ 'बातचीत' के हथकंडों में उलझा दिख रहा है. अब तक पुलिस और प्रशासन की कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन नतीजा हर बार सिफर रहा.
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सरपंच गिरिराज शर्मा व आदिवासी मीणा सेवा संघ के माधोराजपुरा तहसील अध्यक्ष रामराय मीणा सहित ग्रामीणों का आरोप है कि रमेश मीणा की हत्या के मामले को 24 दिन बीत चुके है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर महज चुप्पी और आश्वासन है.
धरना दे रहे लोगों ने कहा कि हमें सिर्फ जवाब नहीं चाहिए, हमें न्याय चाहिए. मामले का जल्द खुलासा होना चाहिए. अगर दोषी पुलिसवाले हैं, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक हत्याकांड की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक धरना जारी रहेगा. देर रात तक पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों के बीच वार्ताएं बेनतीजा रही है.
व्यापार मंडल ने भी दिया समर्थन: रमेश मीणा की हत्या को लेकर माधोराजपुरा कस्बे के व्यापार मंडल ने भी आंदोलन को समर्थन दिया है. इस कारण कस्बे की दुकानें बंद कर दी गई. बता दें कि 9 मई को रमेश मीणा अपने घर के बाहर सो रहा था. अगले दिन 10 मई को घर से करीब 300 मीटर दूर संदिग्ध परिस्थितियों में उसका शव पड़ा मिला था. इस पर परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. मामले के 24 दिन बीत जाने के बाद पुलिस के हाथ खाली है.