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स्कूल की नई किताबों में रामायण-महाभारत से लेकर महावीर स्वामी व भगवान बुध तक शामिल - NEW SESSION BOOKS

नए सेशन की किताबें आने लगी हैं, जिनमें कई बदलाव हुए हैं. इन किताबों में महापुरुषों के संबंध में पढ़ाई करवाई जानी है.

New School Books
नए सेशन की किताबों में बदलाव (ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : June 6, 2025 at 1:01 PM IST

3 Min Read

कोटा: सरकार बदलते ही स्कूल से लेकर कॉलेज शिक्षा तक में पाठ्यक्रम बदल जाता है. कोर्स में अपने-अपने तरीके से बदलाव किए जाते हैं. राजस्थान में साल 2023 में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई थी, जिसके बाद सरकार ने राज्य स्तरीय पाठ्यक्रम समिति भी गठित की थी. जिसके अध्यक्ष वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. कैलाश सोडाणी को बनाया था.

अब नए सेशन की किताबें आने लगी हैं, जिनमें कई बदलाव हुए हैं. इन किताबों में महापुरुषों के संबंध में पढ़ाई करवाई जानी है. इसके अलावा रामायण, महाभारत, भगवान महावीर स्वामी से लेकर भगवान बुद्ध तक को पढ़ाया जाएगा. इसके अलावा ब्रह्मा, विष्णु, महेश यानी शंकर भगवान को भी कोर्स में शामिल किया गया है.

पढ़ें : स्कूलों में बड़ा बदलाव: कक्षा 1 से 5वीं तक के छात्रों को इसी सत्र में पढ़ाया जाएगा नया सिलेबस - RAJASTHAN SCHOOL SYLLABUS

प्रारंभिक शिक्षा की किताबों में बदलाव के बाद अभी कोटा में कक्षा 6 से 12वीं तक की करीब दो लाख किताबों की आई है. इनमें प्रारंभिक शिक्षा में कक्षा 6वीं तक की किताबों में बदलाव किया गया है. पाठ्यपुस्तक मंडल में संस्कृत विषय की कक्षा 6 की पुस्तक दीपकम् में दयानंद सरस्वती, मीरा बाई, सुभाषचंद्र बोस, शिवाजी, भगतसिंह रानी लक्ष्मीबाई से लेकर ब्रह्मा तक के पाठ शामिल किए गए हैं.

सामाजिक विज्ञान में समाज का अध्ययन भारत और उसके किताब में के पाठ भी जोड़े गए हैं, जिसमें रामायण से लेकर महाभारत, भगवान बुद्ध व महावीर स्वामी सहित अन्य पाठ शामिल है. अधिकारियों का कहना है कि इसके पीछे उद्देश्य विद्यार्थियों को भारत की संस्कृति, इतिहास, नैतिक मूल्यों और महान व्यक्तित्वों से अवगत करवाना है.

लगातार किताबों की प्रिंटिंग होने के बाद सप्लाई हो रही है. इनका वितरण 20 जून से शुरू हो जाएगा. आने वाले शैक्षणिक सत्र में इन्हीं के जरिए पढ़ाई करवाई जाएगी. नई किताबों से स्टूडेंट में चारित्रिक विकास किया जाएगा. नैतिक और सदाचार की बातें सीख पाएंगे. वे श्रेष्ठ नागरिक बनने के लिए प्रेरित होंगे. - योगेशचंद्र पारीक, सीडीईओ, समग्र शिक्षा.

काफी बदलाव हमने किए हैं. हमें हमारे देश के गौरवशाली इतिहास पर गर्व होना चाहिए, जिसे हम भूलते जा रहे थे. इसी को लेकर लगभग हर कक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है. पुराने अनयूजुअल कोर्स को हटाया है. नए पाठ्यक्रम में भारत के इतिहास पन्नों को शामिल किया है, जो गौरवशाली है. बच्चों में देश प्रेम और राष्ट्रीय ताकत की भावना इससे बढ़ेगी. देश के विकास के साथ-साथ वहां के निवासियों में उसके प्रति गौरव भी होना चाहिए. पाठ्य पुस्तक इसका सबसे उचित माध्यम है. - प्रो. कैलाश सोडानी, वीसी, वीएमओयू, कोटा.

कोटा: सरकार बदलते ही स्कूल से लेकर कॉलेज शिक्षा तक में पाठ्यक्रम बदल जाता है. कोर्स में अपने-अपने तरीके से बदलाव किए जाते हैं. राजस्थान में साल 2023 में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई थी, जिसके बाद सरकार ने राज्य स्तरीय पाठ्यक्रम समिति भी गठित की थी. जिसके अध्यक्ष वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. कैलाश सोडाणी को बनाया था.

अब नए सेशन की किताबें आने लगी हैं, जिनमें कई बदलाव हुए हैं. इन किताबों में महापुरुषों के संबंध में पढ़ाई करवाई जानी है. इसके अलावा रामायण, महाभारत, भगवान महावीर स्वामी से लेकर भगवान बुद्ध तक को पढ़ाया जाएगा. इसके अलावा ब्रह्मा, विष्णु, महेश यानी शंकर भगवान को भी कोर्स में शामिल किया गया है.

पढ़ें : स्कूलों में बड़ा बदलाव: कक्षा 1 से 5वीं तक के छात्रों को इसी सत्र में पढ़ाया जाएगा नया सिलेबस - RAJASTHAN SCHOOL SYLLABUS

प्रारंभिक शिक्षा की किताबों में बदलाव के बाद अभी कोटा में कक्षा 6 से 12वीं तक की करीब दो लाख किताबों की आई है. इनमें प्रारंभिक शिक्षा में कक्षा 6वीं तक की किताबों में बदलाव किया गया है. पाठ्यपुस्तक मंडल में संस्कृत विषय की कक्षा 6 की पुस्तक दीपकम् में दयानंद सरस्वती, मीरा बाई, सुभाषचंद्र बोस, शिवाजी, भगतसिंह रानी लक्ष्मीबाई से लेकर ब्रह्मा तक के पाठ शामिल किए गए हैं.

सामाजिक विज्ञान में समाज का अध्ययन भारत और उसके किताब में के पाठ भी जोड़े गए हैं, जिसमें रामायण से लेकर महाभारत, भगवान बुद्ध व महावीर स्वामी सहित अन्य पाठ शामिल है. अधिकारियों का कहना है कि इसके पीछे उद्देश्य विद्यार्थियों को भारत की संस्कृति, इतिहास, नैतिक मूल्यों और महान व्यक्तित्वों से अवगत करवाना है.

लगातार किताबों की प्रिंटिंग होने के बाद सप्लाई हो रही है. इनका वितरण 20 जून से शुरू हो जाएगा. आने वाले शैक्षणिक सत्र में इन्हीं के जरिए पढ़ाई करवाई जाएगी. नई किताबों से स्टूडेंट में चारित्रिक विकास किया जाएगा. नैतिक और सदाचार की बातें सीख पाएंगे. वे श्रेष्ठ नागरिक बनने के लिए प्रेरित होंगे. - योगेशचंद्र पारीक, सीडीईओ, समग्र शिक्षा.

काफी बदलाव हमने किए हैं. हमें हमारे देश के गौरवशाली इतिहास पर गर्व होना चाहिए, जिसे हम भूलते जा रहे थे. इसी को लेकर लगभग हर कक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है. पुराने अनयूजुअल कोर्स को हटाया है. नए पाठ्यक्रम में भारत के इतिहास पन्नों को शामिल किया है, जो गौरवशाली है. बच्चों में देश प्रेम और राष्ट्रीय ताकत की भावना इससे बढ़ेगी. देश के विकास के साथ-साथ वहां के निवासियों में उसके प्रति गौरव भी होना चाहिए. पाठ्य पुस्तक इसका सबसे उचित माध्यम है. - प्रो. कैलाश सोडानी, वीसी, वीएमओयू, कोटा.

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