राजगढ़: शहीद जवान छोगमल रुहेला को राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव पचोर तहसील के चाठा जागीर में अंतिम विदाई दी गई. गांव वाले, जनप्रतिनिधियों और रिश्तेदारों ने नम आंखों से वीर सपूत को अंतिम विदाई दी. बुधवार को जैसे ही शहीद जवान छोगमल का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा तो इलाके में शोक की लहर छा गई. अंतिम दर्शन के लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा.
असम राइफल्स में थे तैनात
चाठा जागीर निवासी जवान छोगमल रुहेला अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले के जयरामपुर क्षेत्र में असम राइफल्स की 10 बटालियन में तैनात थे. शहीद सपूत बीते 22 वर्षों से देश की सेवा कर रहा था. जानकारी के अनुसार, बीते दिनों ड्यूटी के दौरान उन्हें अज्ञात दर्द के कारण स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
अचानक छोगमल रुहेला की मौत की खबर से उनके गांव और आसपास के इलाके में शोक की लहर छा गई. बुधवार को जब उनका पार्थिव शरीर इंदौर से सड़क के रास्ते राजगढ़ पहुंचा तो अंतिम दर्शन के लिए हजारों की तदाद में स्थानीय ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा. इस दौरान शहीद छोगमल रुहेला अमर रहें, भारत माता की जय के नारे गूंज रहे थे.


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बता दें कश्मीर कि पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चला कर कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था. जिसके बाद पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया किया था. पाकिस्तानी हमले का जवाब देते हुए भारत ने पाकिस्तान में भारी तबाही मचाई थी. इस दौरान सभी जवानों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई थी. युद्ध विराम के बाद सैनिक अपने घर लौट रहे थे. लेकिन, छोगमल के परिवार को नहीं मालूम था कि उनकी जगह पार्थिव शरीर घर वापस लौटेगा.