राजगढ़: भोपाल से रविवार को राजगढ़ पहुंची लोकायुक्त की टीम ने जिला मत्स्य महासंघ के एक आउट सोर्स कर्मचारी को मछली ठेकेदार से 1 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. आरोप है कि यह आउटसोर्स कर्मचारी मत्स्य विभाग के जिला मत्स्य महासंघ की महिला अधिकारी सुरेखा सराफ के लिए रिश्वत ले रहा था. जब लोकायुक्त की टीम राजगढ़ में महिला अधिकारी के निवास पर पहुंची तो वे घर पर मौजूद नहीं थीं. लोकायुक्त ने उनके खिलाफ भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई कर रही है.
'मछली ठेकेदार की शिकायत पर कार्रवाई'
भोपाल लोकायुक्त टीम की इंस्पेक्टर रजनी तिवारी ने बताया कि "शिकायतकर्ता मछली ठेकेदार अनवर कादरी ने एक अप्रैल को भोपाल लोकायुक्त को शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि 7 साल के लिए कुंडलियां डैम में मछली का ठेका लिया हुआ है. नवंबर 2024 से वहां मशीनें डालकर काम करना शुरू किया तबसे ही जिला मत्स्य महासंघ की जिला अधिकारी सुरेखा सराफ उन्हें 3 माह से किसी न किसी तरह से उन्हें परेशान कर रही हैं. अधिकारी सुरेखा सराफ मुझसे 3 लाख रुपए प्रतिमाह रिश्वत देने का दबाव बना रही थीं. इनकी शिकायत सत्यापन में सही पाई गई थी और आज यह कार्रवाई की गई."
अधिकारी और आउटसोर्स कर्मचारी पर मामला दर्ज
भोपाल लोकायुक्त टीम की इंस्पेक्टर रजनी तिवारी ने बताया कि ""मामले में लोकायुक्त पुलिस ने अधिकारी सुरेखा सराफ और आउटसोर्स कर्मचारी मुबारिक गोरी दोनों को आरोपी बनाया है. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 7 और 12 के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया है."

'आउटसोर्स कर्मचारी को रुपये देने के लिए बोला'
शिकायतकर्ता मछली ठेकेदार अनवर कादरी इंदौर के रहने वाले हैं. उन्होंने राजगढ़ जिले के कुंडलियां डैम में 7 साल के लिए मछली पालन का ठेका लिया है. उन्होंने बताया कि "सुरेखा मैडम ने कहा था कि उनके आउटसोर्स कर्मचारी मुबारिक गौरी को एक लाख रूपये की रिश्वत दे दी जाए. 7 से 8 दिन के बाद बाकी राशि उन्हें दे देना. टीम ने मुबारिक गौरी को एक लाख रुपए की रिश्वत के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया लेकिन मैडम अपने आवास और कार्यालय से फरार हो गईं."
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'टेंडर निरस्त करने का दबाव बना रहीं थी मैडम'
शिकायतकर्ता मछली ठेकेदार अनवर कादरी ने बताया कि "मैडम के द्वारा उन्हें लगातार ही अकारण परेशान किया जा रहा था और रिश्वत की डिमांड की जा रही थी. मुझे झूठी कार्रवाई में फंसा कर रिपोर्ट सरकार को भेजना और टेंडर निरस्त करने का दबाव बनाया जा रहा था. जिससे प्रताड़ित होकर उन्होंने लोकायुक्त में शिकायत की. उन्होंने मैडम के द्वारा एक फर्जी समिति बनाकर 5 लाख रुपए की निकासी के आरोप भी लगाए हैं. वे इसकी भी एक लिखित शिकायत करेंगे. जिसमें उन पर 420 का एक प्रकरण और दर्ज होना चाहिए."