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राजगढ़ में डैम के गेट खुले तो किसानों पर आफत, ना खुले तो ब्यावरा में बाढ़ - RAJGARH MOODALA DAM

मूंडला डैम के गेट खोले जाने को लेकर 10 साल से किसान परेशान. फसलें हो जाती हैं खराब, किसानों का आरोप नहीं मिलता मुआवजा.

RAJGARH MOODALA DAM
राजगढ़ के मूंडला डैम से किसान परेशान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : June 19, 2025 at 2:36 PM IST

3 Min Read

राजगढ़: मूंडला गांव में बने डैम से यहां के कई किसान परेशान हैं. इस डैम के कैचमेंट एरिया में आने वाले किसानों के खेत की फसल सहित मिट्टी भी बहाकर ले जाता है. अधिकारियों के मुताबिक डैम की डाउन स्ट्रीम में आने के कारण ये किसान भूमि अधिग्रहण या मुआवजे के पात्र नहीं हैं. ऐसे में डैम के गेट खोलने को लेकर हर बार विवाद होता है. किसान गेट नहीं खोलने का दबाव बनाते हैं ऐसे में हर बार वहां पुलिस पहुंचती है. इधर डैम के गेट के खुलने में देरी होती है तो दूसरी तरफ ब्यावरा शहर में बाढ़ के हालात बन जाते हैं.

ब्यावरा में भर जाता है पानी

बता दें कि बारिश के दौरान ब्यावरा शहर की अजनार नदी के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में भराने वाला पानी मूंडला डैम के गेट खुलने पर ही रिलीज होता है. यदि ऐसा नहीं होता है तो ब्यावरा में बाढ़ की स्थिति बन जाती है.

राजगढ़ में डैम के गेट खुलने से खेतों में भर जाता है पानी (ETV Bharat)

व्यापारी मोनू गुप्ता ने बताया कि "2022 में नदी का पानी जितनी तेजी से बढ़ रहा था उतनी तेजी से उतरा नहीं. मैंने स्वयं डैम पहुंचकर देखा कि शहर में बाढ़ जैसे हालात हैं और डैम से बिलकुल धीरे-धीरे पानी रिलीज किया जा रहा है,क्योंकि डैम के आगे की जमीन पर किसानों की फसल लगी थी. ऐसे में किसान डैम के गेट खोलने नहीं देते क्योंकि उन्हें शासन के द्वारा मुआवजा नहीं दिया जाता."

FLOOD IN BYAWARA
डैम के गेट नहीं खोलने से ब्यावरा में आती है बाढ़ (ETV Bharat)

'खेती पर ही निर्भर हैं किसान'

सरपंच हेमराज बताते हैं कि "मूंडला डैम 2015 में बना था, तब से ही गांव के छोटे किसान पिछले 10 साल से नुकसान झेल रहे हैं. हम खरीफ और रबी की फसल कर ही नहीं पाते. डैम का पानी गोली की रफ्तार से हमारे खेतो में आता है और खेत की फसल और मिट्टी दोनों बहाकर ले जाता है. इसलिए हर बार विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है. मुआवजा मांगने पर पुलिस और प्रशासन के द्वारा डराया और धमकाया जाता है और हर बार आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता. डैम की डाउनस्ट्रीम में आने वाले किसान खेती पर ही निर्भर हैं."

RAJGARH MOODALA DAM
राजगढ़ का मूंडला डैम (ETV Bharat)

अमृतपुरा गांव के किसान ब्रजमोहन ने बताया कि "मेरे परिवार की 3 बीघा भूमि है. जिसमें हम खेती करते हैं. जिससे मेरे परिवार का पालन पोषण होता है. डैम के गेट से खुलते ही फसलों के साथ हमारे खेतों को भी बर्बाद कर देता है. जिसका हमें कभी मुआवजा नहीं दिया जाता."

क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी

ब्यावरा नगरपालिका सीएमओ इकरार अहमद ने बताया कि "शहर की इस गंभीर समस्या के बारे में कलेक्टर को अवगत कराउंगा. क्योंकि हमारे यहां ये हर बार की समस्या है."

ब्यावरा नगरपालिका के सब इंजीनियर रूपेश नेताम का कहना है कि "अजनार नदी के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का पानी डैम के गेट खोलने पर रिलीज होता है."

सिंचाई विभाग राजगढ़ के एसडीओ संजय अग्रवाल ने बताया कि "इस बार भी यदि वही हालात बनेंगे तो ऐसे में शासन को पत्र लिखकर किसानों की इस समस्या से अवगत कराएंगे. वहां से जैसे आदेश होंगे उसके हिसाब से भूमि अधिग्रहण या अन्य जो भी निर्णय होगा उसके हिसाब से आगामी कार्रवाई की जाएगी. यदि डैम के गेट समय पर नहीं खोले जाएंगे तो ब्यावरा शहर के लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है."

राजगढ़: मूंडला गांव में बने डैम से यहां के कई किसान परेशान हैं. इस डैम के कैचमेंट एरिया में आने वाले किसानों के खेत की फसल सहित मिट्टी भी बहाकर ले जाता है. अधिकारियों के मुताबिक डैम की डाउन स्ट्रीम में आने के कारण ये किसान भूमि अधिग्रहण या मुआवजे के पात्र नहीं हैं. ऐसे में डैम के गेट खोलने को लेकर हर बार विवाद होता है. किसान गेट नहीं खोलने का दबाव बनाते हैं ऐसे में हर बार वहां पुलिस पहुंचती है. इधर डैम के गेट के खुलने में देरी होती है तो दूसरी तरफ ब्यावरा शहर में बाढ़ के हालात बन जाते हैं.

ब्यावरा में भर जाता है पानी

बता दें कि बारिश के दौरान ब्यावरा शहर की अजनार नदी के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में भराने वाला पानी मूंडला डैम के गेट खुलने पर ही रिलीज होता है. यदि ऐसा नहीं होता है तो ब्यावरा में बाढ़ की स्थिति बन जाती है.

राजगढ़ में डैम के गेट खुलने से खेतों में भर जाता है पानी (ETV Bharat)

व्यापारी मोनू गुप्ता ने बताया कि "2022 में नदी का पानी जितनी तेजी से बढ़ रहा था उतनी तेजी से उतरा नहीं. मैंने स्वयं डैम पहुंचकर देखा कि शहर में बाढ़ जैसे हालात हैं और डैम से बिलकुल धीरे-धीरे पानी रिलीज किया जा रहा है,क्योंकि डैम के आगे की जमीन पर किसानों की फसल लगी थी. ऐसे में किसान डैम के गेट खोलने नहीं देते क्योंकि उन्हें शासन के द्वारा मुआवजा नहीं दिया जाता."

FLOOD IN BYAWARA
डैम के गेट नहीं खोलने से ब्यावरा में आती है बाढ़ (ETV Bharat)

'खेती पर ही निर्भर हैं किसान'

सरपंच हेमराज बताते हैं कि "मूंडला डैम 2015 में बना था, तब से ही गांव के छोटे किसान पिछले 10 साल से नुकसान झेल रहे हैं. हम खरीफ और रबी की फसल कर ही नहीं पाते. डैम का पानी गोली की रफ्तार से हमारे खेतो में आता है और खेत की फसल और मिट्टी दोनों बहाकर ले जाता है. इसलिए हर बार विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है. मुआवजा मांगने पर पुलिस और प्रशासन के द्वारा डराया और धमकाया जाता है और हर बार आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता. डैम की डाउनस्ट्रीम में आने वाले किसान खेती पर ही निर्भर हैं."

RAJGARH MOODALA DAM
राजगढ़ का मूंडला डैम (ETV Bharat)

अमृतपुरा गांव के किसान ब्रजमोहन ने बताया कि "मेरे परिवार की 3 बीघा भूमि है. जिसमें हम खेती करते हैं. जिससे मेरे परिवार का पालन पोषण होता है. डैम के गेट से खुलते ही फसलों के साथ हमारे खेतों को भी बर्बाद कर देता है. जिसका हमें कभी मुआवजा नहीं दिया जाता."

क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी

ब्यावरा नगरपालिका सीएमओ इकरार अहमद ने बताया कि "शहर की इस गंभीर समस्या के बारे में कलेक्टर को अवगत कराउंगा. क्योंकि हमारे यहां ये हर बार की समस्या है."

ब्यावरा नगरपालिका के सब इंजीनियर रूपेश नेताम का कहना है कि "अजनार नदी के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का पानी डैम के गेट खोलने पर रिलीज होता है."

सिंचाई विभाग राजगढ़ के एसडीओ संजय अग्रवाल ने बताया कि "इस बार भी यदि वही हालात बनेंगे तो ऐसे में शासन को पत्र लिखकर किसानों की इस समस्या से अवगत कराएंगे. वहां से जैसे आदेश होंगे उसके हिसाब से भूमि अधिग्रहण या अन्य जो भी निर्णय होगा उसके हिसाब से आगामी कार्रवाई की जाएगी. यदि डैम के गेट समय पर नहीं खोले जाएंगे तो ब्यावरा शहर के लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है."

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