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प्रदेश के सबसे लंबे ब्रिज का निर्माण : चंबल नदी पर बन रहे हाई लेवल पुल का 42 फीसदी काम हुआ पूरा - RAJASTHAN LONGEST BRIDGE

प्रदेश के सबसे लंबे ब्रिज का निर्माण चंबल नदी पर झरेल के बालाजी के नजदीक चल रहा है. डेढ़ साल से जारी है निर्माण कार्य.

Rajasthan Longest Bridge
प्रदेश का सबसे लंबा ब्रिज का निर्माण जारी (ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 16, 2025 at 2:56 PM IST

5 Min Read

कोटा: प्रदेश में सबसे लंबे ब्रिज का निर्माण चंबल नदी पर झरेल के बालाजी के नजदीक चल रहा है. डेढ़ साल से चल रहे इस निर्माण कार्य में उच्च स्तरीय पुल का 42 फीसदी स्ट्रक्चर खड़ा हो गया है. यह सवाई माधोपुर और कोटा जिले के सीमा पर चल रहा है. कोटा जिले के कैथूदा गांव से सवाईमाधोपुर के धर्मपुरिया के बीच निर्माण हो रहा है.

सार्वजनिक निर्माण विभाग इसका निर्माण करवा रहा है, जिसमें प्रीस्ट्रेस्ड कंक्रीट गर्डर ब्रिज बन रहा है, जिसके लिए राज्य सरकार ने 165.86 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे. ब्रिज का निर्माण करीब 111.50 करोड़ की लागत से हो रहा है. इस ब्रिज की लंबाई 1880 मीटर है. ऐसे में यह भी प्रदेश का सबसे लंबा ब्रिज बनेगा, क्योंकि वर्तमान में 1562 मीटर लंबा ब्रिज चंबल नदी पर ही गैंता माखिदा के बीच सबसे लंबा है. ऐसे में इसके निर्माण के बाद यह सबसे लंबा हो जाएगा. इसी के बराबर लंबाई का ब्रिज गोठड़ा कला में चंबल नदी पर ही बनना प्रस्तावित है.

Longest Bridge of Rajasthan
यह रही है ब्रिज का निर्माण की टाइमलाइन (ETV Bharat GFX)

43 पाइल व 28 पियर का काम पूरा : ब्रिज के निर्माण में 48 पिलर खड़े किए जाने हैं, जिनमें दोनों छोर पर बनने वाले दो एबेटमेंट भी शामिल हैं. यानी कि 46 पिलर व दो एबेटमेंट बनने है. फिलहाल, 46 पिलर का काम शुरू किया गया है. पिलर के लिए खुदाई कर मिट्टी के नीचे बनने वाले हिस्से को पाइल फाउंडेशन कहा जाता है, जबकि जमीन के ऊपर बनने वाले हिस्से को पियर बोला जाता है. ऐसे में 46 में से 43 पाइल का फाउंडेशन का कार्य पूरा हो गया है. जबकि नदी के एरिया में बचे शेष तीन का कार्य जारी है. दूसरी तरफ 46 में से 28 पियर कंप्लीट हो गए हैं. शेष 18 का काम जारी है.

141 गर्डर में से 10 को किया गया है स्थापित : झरेल के बालाजी ब्रिज में 47 स्पान का निर्माण होगा. यह पिलर व एबेटमेंट दोनों के बीच में रखे जाते हैं. दो पिलर के बीच बनने वाले एक स्पान में तीन गर्डर रखे जाने हैं. ऐसे में इस पूरे ब्रिज में 141 गार्डन रखे जाएंगे. इनमें से 10 गर्डर रख दिए गए हैं. शेष गर्डर रखने का कार्य भी जारी है. पूरे 141 गर्डर रखने के बाद स्लैब डाली जाएगी. इस स्लैब के बाद डामरीकरण और ब्रिज सेफ्टी के कार्य किए जाएंगे, जिनमें दोनों तरफ क्रश बैरियर लगाए जाएंगे. इस ब्रिज पर पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ भी डेढ़ मीटर में दोनों तरफ बनेगा. दूसरी तरफ ब्रिज का स्ट्रक्चर खड़ा हो जाने के बाद दोनों तरफ एप्रोच सड़के भी बनाई जानी हैं.

Longest Bridge of Rajasthan
इस तरह का बन रहा है यह ब्रिज (ETV Bharat GFX)

पढ़ें : 256 करोड़ का बजट स्वीकृति होने के बाद भी कागजों से जमीन पर नहीं उतर पाया राजस्थान का सबसे लंबा ब्रिज, जानें वजह - RAJASTHAN BIGGEST BRIDGE

चंबल नदी में उफान के चलते बंद हो जाता है रास्ता : वर्तमान में बारिश का समय चंबल नदी उफान पर होने के चलते कोटा जिले का सीधा सवाई माधोपुर से संपर्क कट जाता है. कोटा जिले की पीपल्दा विधानसभा या बारां जिले के लोग सवाई माधोपुर जाने के लिए मध्य प्रदेश या फिर बूंदी जिले के जरिए जाते हैं. यह रास्ता बारिश में दो से ढाई महीने तक भी बंद रह जाता है. ऐसे में लोग आपस में रिश्तेदारियों में भी नहीं जा पाते हैं या फिर उन्हें 20 से 30 किलोमीटर की जगह 100 किलोमीटर से भी ज्यादा का रास्ता तय करके जाना होता है.

Bridge on Chambal River
चंबल नदी पर बन रहे हाई लेवल पुल (ETV Bharat Kota)

दूसरी तरफ यहां पर रपट वाले ब्रिज का निर्माण हो रखा है, जिसके चलते पुल की मेंटेनेंस पर भी सार्वजनिक निर्माण विभाग को बारिश के बाद लाखों रुपए खर्च करने पड़ते हैं. साल 2026 में जब ब्रिज का निर्माण हो जाएगा, तब सवाई माधोपुर, कोटा जिले की पीपल्दा और बारां जिले की लाखों की आबादी इससे लाभान्वित होने वाली है.

ब्रिज का निर्माण दिसंबर 2023 में शुरू हो गया था. संवेदक फर्म काफी तेज गति से निर्माण कार्य को कर रही है. विभाग के अभियंता पूरी मॉनिटरिंग निर्माण की रख रहे हैं. लगातार निर्माण की टाइमलाइन का एनालिसिस अभियंता कर रहे हैं. हमारा पूरा लक्ष्य समय से ब्रिज का निर्माण पूरा करवाना है. -जेपी गुप्ता, अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी, कोटा.

Bridge Construction in Rajasthan
राजस्थान में ब्रिज का निर्माण (ETV Bharat Kota)

हमारा लक्ष्य दिसंबर 2025 में ही काम पूरा करने का है. अभी 7 महीने से ज्यादा समय शेष है, जिसमें काफी कुछ काम हो जाएगा. बारिश के समय में चंबल नदी उफान पर आ जाती है. ऐसे में साल 2024 में काम कुछ महीने रिवर एरिया में बंद भी रहा था. इस बार भी बारिश के समय में दिक्कत आ सकती है. बारिश से कुछ देरी होगी तो 2026 की शुरुआत में ही निर्माण पूरा हो जाएगा. -नरेश कुमार चौधरी, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी, इटावा.

कोटा: प्रदेश में सबसे लंबे ब्रिज का निर्माण चंबल नदी पर झरेल के बालाजी के नजदीक चल रहा है. डेढ़ साल से चल रहे इस निर्माण कार्य में उच्च स्तरीय पुल का 42 फीसदी स्ट्रक्चर खड़ा हो गया है. यह सवाई माधोपुर और कोटा जिले के सीमा पर चल रहा है. कोटा जिले के कैथूदा गांव से सवाईमाधोपुर के धर्मपुरिया के बीच निर्माण हो रहा है.

सार्वजनिक निर्माण विभाग इसका निर्माण करवा रहा है, जिसमें प्रीस्ट्रेस्ड कंक्रीट गर्डर ब्रिज बन रहा है, जिसके लिए राज्य सरकार ने 165.86 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे. ब्रिज का निर्माण करीब 111.50 करोड़ की लागत से हो रहा है. इस ब्रिज की लंबाई 1880 मीटर है. ऐसे में यह भी प्रदेश का सबसे लंबा ब्रिज बनेगा, क्योंकि वर्तमान में 1562 मीटर लंबा ब्रिज चंबल नदी पर ही गैंता माखिदा के बीच सबसे लंबा है. ऐसे में इसके निर्माण के बाद यह सबसे लंबा हो जाएगा. इसी के बराबर लंबाई का ब्रिज गोठड़ा कला में चंबल नदी पर ही बनना प्रस्तावित है.

Longest Bridge of Rajasthan
यह रही है ब्रिज का निर्माण की टाइमलाइन (ETV Bharat GFX)

43 पाइल व 28 पियर का काम पूरा : ब्रिज के निर्माण में 48 पिलर खड़े किए जाने हैं, जिनमें दोनों छोर पर बनने वाले दो एबेटमेंट भी शामिल हैं. यानी कि 46 पिलर व दो एबेटमेंट बनने है. फिलहाल, 46 पिलर का काम शुरू किया गया है. पिलर के लिए खुदाई कर मिट्टी के नीचे बनने वाले हिस्से को पाइल फाउंडेशन कहा जाता है, जबकि जमीन के ऊपर बनने वाले हिस्से को पियर बोला जाता है. ऐसे में 46 में से 43 पाइल का फाउंडेशन का कार्य पूरा हो गया है. जबकि नदी के एरिया में बचे शेष तीन का कार्य जारी है. दूसरी तरफ 46 में से 28 पियर कंप्लीट हो गए हैं. शेष 18 का काम जारी है.

141 गर्डर में से 10 को किया गया है स्थापित : झरेल के बालाजी ब्रिज में 47 स्पान का निर्माण होगा. यह पिलर व एबेटमेंट दोनों के बीच में रखे जाते हैं. दो पिलर के बीच बनने वाले एक स्पान में तीन गर्डर रखे जाने हैं. ऐसे में इस पूरे ब्रिज में 141 गार्डन रखे जाएंगे. इनमें से 10 गर्डर रख दिए गए हैं. शेष गर्डर रखने का कार्य भी जारी है. पूरे 141 गर्डर रखने के बाद स्लैब डाली जाएगी. इस स्लैब के बाद डामरीकरण और ब्रिज सेफ्टी के कार्य किए जाएंगे, जिनमें दोनों तरफ क्रश बैरियर लगाए जाएंगे. इस ब्रिज पर पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ भी डेढ़ मीटर में दोनों तरफ बनेगा. दूसरी तरफ ब्रिज का स्ट्रक्चर खड़ा हो जाने के बाद दोनों तरफ एप्रोच सड़के भी बनाई जानी हैं.

Longest Bridge of Rajasthan
इस तरह का बन रहा है यह ब्रिज (ETV Bharat GFX)

पढ़ें : 256 करोड़ का बजट स्वीकृति होने के बाद भी कागजों से जमीन पर नहीं उतर पाया राजस्थान का सबसे लंबा ब्रिज, जानें वजह - RAJASTHAN BIGGEST BRIDGE

चंबल नदी में उफान के चलते बंद हो जाता है रास्ता : वर्तमान में बारिश का समय चंबल नदी उफान पर होने के चलते कोटा जिले का सीधा सवाई माधोपुर से संपर्क कट जाता है. कोटा जिले की पीपल्दा विधानसभा या बारां जिले के लोग सवाई माधोपुर जाने के लिए मध्य प्रदेश या फिर बूंदी जिले के जरिए जाते हैं. यह रास्ता बारिश में दो से ढाई महीने तक भी बंद रह जाता है. ऐसे में लोग आपस में रिश्तेदारियों में भी नहीं जा पाते हैं या फिर उन्हें 20 से 30 किलोमीटर की जगह 100 किलोमीटर से भी ज्यादा का रास्ता तय करके जाना होता है.

Bridge on Chambal River
चंबल नदी पर बन रहे हाई लेवल पुल (ETV Bharat Kota)

दूसरी तरफ यहां पर रपट वाले ब्रिज का निर्माण हो रखा है, जिसके चलते पुल की मेंटेनेंस पर भी सार्वजनिक निर्माण विभाग को बारिश के बाद लाखों रुपए खर्च करने पड़ते हैं. साल 2026 में जब ब्रिज का निर्माण हो जाएगा, तब सवाई माधोपुर, कोटा जिले की पीपल्दा और बारां जिले की लाखों की आबादी इससे लाभान्वित होने वाली है.

ब्रिज का निर्माण दिसंबर 2023 में शुरू हो गया था. संवेदक फर्म काफी तेज गति से निर्माण कार्य को कर रही है. विभाग के अभियंता पूरी मॉनिटरिंग निर्माण की रख रहे हैं. लगातार निर्माण की टाइमलाइन का एनालिसिस अभियंता कर रहे हैं. हमारा पूरा लक्ष्य समय से ब्रिज का निर्माण पूरा करवाना है. -जेपी गुप्ता, अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी, कोटा.

Bridge Construction in Rajasthan
राजस्थान में ब्रिज का निर्माण (ETV Bharat Kota)

हमारा लक्ष्य दिसंबर 2025 में ही काम पूरा करने का है. अभी 7 महीने से ज्यादा समय शेष है, जिसमें काफी कुछ काम हो जाएगा. बारिश के समय में चंबल नदी उफान पर आ जाती है. ऐसे में साल 2024 में काम कुछ महीने रिवर एरिया में बंद भी रहा था. इस बार भी बारिश के समय में दिक्कत आ सकती है. बारिश से कुछ देरी होगी तो 2026 की शुरुआत में ही निर्माण पूरा हो जाएगा. -नरेश कुमार चौधरी, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी, इटावा.

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