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जल जीवन मिशन घोटाला: पूर्व मंत्री महेश जोशी के खिलाफ ईडी की चार्जशीट, बेटे सहित 18 को भी बनाया आरोपी - JJM SCAM

ईडी मामलों की विशेष अदालत में पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी और बेटे रोहित जोशी सहित कुल 18 आरोपियों के खिलाफ परिवाद पेश.

JJM Scam
18 के खिलाफ परिवाद पेश (ETV Bhaarat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : June 23, 2025 at 11:04 PM IST

4 Min Read

जयपुर: जल जीवन मिशन के करीब 900 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़े ईडी प्रकरण में जांच एजेंसी ने ईडी मामलों की विशेष अदालत में पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी और बेटे रोहित जोशी सहित कुल 18 आरोपियों के खिलाफ परिवाद पेश किया है. ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर अंशुल की ओर से पेश परिवाद में पीएमएलए एक्ट की धारा 3 व 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.

परिवाद में कहा गया कि सह आरोपियों के जरिए महेश जोशी तक रिश्वत की राशि पहुंचाई जाती थी. आरोपियों की फर्म से महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी की फर्म को भी करीब 50 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. आरोपी फर्म ने पूर्णता प्रमाण पत्र के जरिए करोड़ों रुपये के टेंडर का भुगतान लिया है. जब इन प्रमाण पत्रों की जांच की गई तो वे फर्जी निकले.

पढ़ें : पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित पांच आरोपियों की 47.80 करोड़ की संपत्ति अटैच - JJM SCAM

जल जीवन मिशन में घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व पीएचईडी मंत्री डॉ. महेश जोशी के खिलाफ चार्जशीट पेश कर दी है. इस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. इसमें महेश जोशी के बेटे रोहित सहित 18 अन्य को भी आरोपी बनाया गया है. इन सभी आरोपियों के खिलाफ भी ईडी ने आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया है. प्रवर्तन निदेशालय के असिस्टेंट डायरेक्टर अंशुल की ओर से पेश की गई इस चार्जशीट में महेश जोशी पर घोटाले में शामिल होने का आरोप है. इस चार्जशीट में महेश जोशी और उनके बेटे रोहित से जुड़ी रियल एस्टेट कंपनी, ठेकेदारों और अन्य सहयोगियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

महेश जोशी
महेश जोशी (फाइल फोटो)

फर्जी प्रमाण पत्र से जारी किए टेंडर : ईडी की जांच में सामने आया है कि साल 2021 से 2023 के बीच पीएचईडी में टेंडर आवंटन में गंभीर अनियमितताएं बरती गई. इस दौरान फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र से टेंडर जारी किए गए. श्रीश्याम ट्यूबवैल कंपनी और श्रीगणपति ट्यूबवैल कंपनी ने इरकॉन इंटरनेशनल के फर्जी प्रमाण पत्र का उपयोग कर 979.44 करोड़ रुपए के टेंडर हासिल किए.

बेटे की रियल एस्टेट कंपनी में संदिग्ध ट्रांजेक्शन : इस आरोप पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि महेश जोशी के करीबी संजय बड़ाया ने ठेकेदारों से 2-3 प्रतिशत कमीशन लिया. यह रकम कालेधन के रूप में रियल एस्टेट कंपनियों में ट्रांसफर हुई. चार्जशीट में ईडी ने खुलासा किया है कि महेश जोशी के बेटे की रियल एस्टेट कंपनी में 50 लाख रुपए के संदिग्ध और नियम विरुद्ध ट्रांजेक्शन के सबूत भी मिले हैं.

ईडी ने जब्त की थी 47.80 करोड़ की संपत्ति : ईडी ने पिछले दिनों 47.80 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की हैं. इनमें जयपुर में कृषि भूमि और फ्लैट भी शामिल हैं. दरअसल, महेश जोशी की जमानत याचिका 13 जून को ट्रायल कोर्ट में खारिज हो गई थी. अब हाईकोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर 26 जून को सुनवाई होनी है.

इन्हें भी बनाया गया है आरोपी : ईडी ने कोर्ट में पेश चार्जशीट में श्रीश्याम ट्यूबवैल कंपनी, श्रीगणपति ट्यूबवैल कंपनी, संजय बड़ाया, मुकेश पाठक, मायालाल सैनी, राकेश सिंह, प्रदीप कुमार, प्रवीण कुमार, मलकट सिंह, विशाल सक्सेना, महेंद्र प्रकाश सोनी, सुमंगलम लैंडमार्क, हिमांशु रावत, नमन खंडेलवाल, तन्मय गोयल, हेमराज गुप्ता को भी आरोपी बनाया है और इनके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है.

गौरतलब है कि जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर प्रारंभ ने एसीबी ने मामला दर्ज कर कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद प्रकरण में कई 100 करोड़ रुपये के लेनेदेन का खुलासा होने पर प्रवर्तन निदेशालय ने मामला दर्ज किया था. ईडी ने मार्च, 2024 में महेश जोशी को समन जारी कर तलब किया था.

वहीं, समन जारी करने के करीब एक साल बाद ईडी ने महेश जोशी को पूछताछ के लिए बुलाया और फिर गिरफ्तार कर लिया. अदालत में पेशी के दिन महेश जोशी की पत्नी का निधन हुआ था. इसके चलते महेश जोशी को दो बार अंतरिम जमानत का लाभ मिला. वहीं, गत दिनों ईडी मामलों की विशेष अदालत ने महेश जोशी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया. इस पर जोशी की ओर से हाईकोर्ट में जमानत याचिका पेश की है, जिस पर आगामी दिनों में सुनवाई होनी है.

जयपुर: जल जीवन मिशन के करीब 900 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़े ईडी प्रकरण में जांच एजेंसी ने ईडी मामलों की विशेष अदालत में पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी और बेटे रोहित जोशी सहित कुल 18 आरोपियों के खिलाफ परिवाद पेश किया है. ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर अंशुल की ओर से पेश परिवाद में पीएमएलए एक्ट की धारा 3 व 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.

परिवाद में कहा गया कि सह आरोपियों के जरिए महेश जोशी तक रिश्वत की राशि पहुंचाई जाती थी. आरोपियों की फर्म से महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी की फर्म को भी करीब 50 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. आरोपी फर्म ने पूर्णता प्रमाण पत्र के जरिए करोड़ों रुपये के टेंडर का भुगतान लिया है. जब इन प्रमाण पत्रों की जांच की गई तो वे फर्जी निकले.

पढ़ें : पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित पांच आरोपियों की 47.80 करोड़ की संपत्ति अटैच - JJM SCAM

जल जीवन मिशन में घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व पीएचईडी मंत्री डॉ. महेश जोशी के खिलाफ चार्जशीट पेश कर दी है. इस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. इसमें महेश जोशी के बेटे रोहित सहित 18 अन्य को भी आरोपी बनाया गया है. इन सभी आरोपियों के खिलाफ भी ईडी ने आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया है. प्रवर्तन निदेशालय के असिस्टेंट डायरेक्टर अंशुल की ओर से पेश की गई इस चार्जशीट में महेश जोशी पर घोटाले में शामिल होने का आरोप है. इस चार्जशीट में महेश जोशी और उनके बेटे रोहित से जुड़ी रियल एस्टेट कंपनी, ठेकेदारों और अन्य सहयोगियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

महेश जोशी
महेश जोशी (फाइल फोटो)

फर्जी प्रमाण पत्र से जारी किए टेंडर : ईडी की जांच में सामने आया है कि साल 2021 से 2023 के बीच पीएचईडी में टेंडर आवंटन में गंभीर अनियमितताएं बरती गई. इस दौरान फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र से टेंडर जारी किए गए. श्रीश्याम ट्यूबवैल कंपनी और श्रीगणपति ट्यूबवैल कंपनी ने इरकॉन इंटरनेशनल के फर्जी प्रमाण पत्र का उपयोग कर 979.44 करोड़ रुपए के टेंडर हासिल किए.

बेटे की रियल एस्टेट कंपनी में संदिग्ध ट्रांजेक्शन : इस आरोप पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि महेश जोशी के करीबी संजय बड़ाया ने ठेकेदारों से 2-3 प्रतिशत कमीशन लिया. यह रकम कालेधन के रूप में रियल एस्टेट कंपनियों में ट्रांसफर हुई. चार्जशीट में ईडी ने खुलासा किया है कि महेश जोशी के बेटे की रियल एस्टेट कंपनी में 50 लाख रुपए के संदिग्ध और नियम विरुद्ध ट्रांजेक्शन के सबूत भी मिले हैं.

ईडी ने जब्त की थी 47.80 करोड़ की संपत्ति : ईडी ने पिछले दिनों 47.80 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की हैं. इनमें जयपुर में कृषि भूमि और फ्लैट भी शामिल हैं. दरअसल, महेश जोशी की जमानत याचिका 13 जून को ट्रायल कोर्ट में खारिज हो गई थी. अब हाईकोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर 26 जून को सुनवाई होनी है.

इन्हें भी बनाया गया है आरोपी : ईडी ने कोर्ट में पेश चार्जशीट में श्रीश्याम ट्यूबवैल कंपनी, श्रीगणपति ट्यूबवैल कंपनी, संजय बड़ाया, मुकेश पाठक, मायालाल सैनी, राकेश सिंह, प्रदीप कुमार, प्रवीण कुमार, मलकट सिंह, विशाल सक्सेना, महेंद्र प्रकाश सोनी, सुमंगलम लैंडमार्क, हिमांशु रावत, नमन खंडेलवाल, तन्मय गोयल, हेमराज गुप्ता को भी आरोपी बनाया है और इनके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है.

गौरतलब है कि जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर प्रारंभ ने एसीबी ने मामला दर्ज कर कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद प्रकरण में कई 100 करोड़ रुपये के लेनेदेन का खुलासा होने पर प्रवर्तन निदेशालय ने मामला दर्ज किया था. ईडी ने मार्च, 2024 में महेश जोशी को समन जारी कर तलब किया था.

वहीं, समन जारी करने के करीब एक साल बाद ईडी ने महेश जोशी को पूछताछ के लिए बुलाया और फिर गिरफ्तार कर लिया. अदालत में पेशी के दिन महेश जोशी की पत्नी का निधन हुआ था. इसके चलते महेश जोशी को दो बार अंतरिम जमानत का लाभ मिला. वहीं, गत दिनों ईडी मामलों की विशेष अदालत ने महेश जोशी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया. इस पर जोशी की ओर से हाईकोर्ट में जमानत याचिका पेश की है, जिस पर आगामी दिनों में सुनवाई होनी है.

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