बीकानेर: निजी स्कूल की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. प्रदेश में हाल में मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान की शुरुआत की गई, जिसमें डिजिटल प्रवेश उत्सव से तीन से 19 साल के बच्चों की स्कूल में शत प्रतिशत ठहराव की कोशिश की जाएगी. इसके लिए शिक्षा विभाग ने कार्य योजना बनाई व दो चरण में इसे पूरा करने का जिम्मा शिक्षकों को दिया.
डिजिटल प्रवेश उत्सव के अभियान के लिए शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने गाइडलाइन जारी की है. इसके तहत 15 अप्रैल से 16 मई तक पहला चरण और एक जुलाई से 18 अगस्त तक दूसरा चरण पूरा किया जाएगा. संबंधित स्कूल की परिक्षेत्र में उस स्कूल के शिक्षक घर-घर जाकर हाउस होल्ड सर्वे करेंगे. सर्वे से स्कूल में नामांकन संख्या बढ़ाने के लिए अस्थायी प्रवेश की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इसके लिए ड्रॉप आउट और शिक्षा से वंचित बच्चों को स्कूल भेजने के लिए शिक्षक अभिभावकों से मिलकर काम करेंगे। दोनों चरणों में पहले स्तर पर ऐसे बच्चों को चिह्नित किया जाएगा और बाद में CRC मॉडयूल में रिकॉर्ड रखा जाएगा.
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ऐप से तैयार होगा डेटा बेस : शिक्षक ऐप से अभियान के तहत काम और बच्चों का चिह्नीकरण और रिकॉर्ड का डेटाबेस तैयार करेंगे. इसके लिए शिक्षकों को अपने मोबाइल में शिक्षक ऐप डाउनलोड कर अपनी लॉगिन आईडी से शुरू करना होगा. अभियान में किस तरह से काम होगा. इसे लेकर 16 और 17 अप्रैल को शिक्षकों को ऑनलाइन कार्यशाला से प्रशिक्षित किया जाएगा.
आंगनबाड़ी का लेंगे सहयोग: अभियान के तहत स्कूल क्षेत्र की आंगनबाड़ी के बच्चों को जोड़ने के लिए आंगनबाड़ी का सहयोग लिया जाएगा. आंगनबाड़ी में पढ़ रहे कक्षा एक में प्रवेश के लिए पात्र विद्यार्थियों का डाटा लेकर उन्हें नजदीकी स्कूल में दाखिला दिलाने के साथ अस्थाई प्रवेश प्रमाण पत्र भी जारी किया जाएगा.
करेंगे शिक्षा का प्रसार: अभियान के तहत शिक्षक स्कूल का बोर्ड परीक्षा परिणाम, विद्यालय में उपलब्ध सुविधाएं, विद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों उपलब्धियां की जानकारी पम्फलेट के रूप में अभिभावकों को देंगे ताकि क्षेत्र में स्कूल और शिक्षा की उपयोगिता का प्रचार प्रसार हो सके.
विद्यालय में मनाएंगे प्रवेश उत्सव: 8 से 10 मई तक स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाए जाएंगे. इस दौरान स्कूल आने वाले नव विद्यार्थियों को तिलक लगाकर माला पहनाएंगे. नव विद्यार्थियों का स्वागत करने के निर्देश दिए गए.
अभियान की होगी मॉनिटरिंग: सरकारी योजनाएं और अभियान कई बार कागजी साबित हो जाते हैं, लेकिन शिक्षा विभाग में यह अभियान कागजों तक सीमित न हो, इसकी तैयारी भी की है. अभियान की साप्ताहिक और दैनिक मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं. विशेष आवश्यकता वाले स्कूलों की दैनिक मॉनिटरिंग के साथ बाकी स्कूलों की साप्ताहिक मॉनिटरिंग होगी. शाला दर्पण शिक्षक ऐप के माध्यम शिक्षकों को अपनी लॉगिन आईडी से पूरी प्रक्रिया अपडेट करनी होगी. शाला प्रधान हर शनिवार एक बजे डेटा संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को भेजेंगे. जिला शिक्षा अधिकारी जिला स्तर पर सारा डेटा संकलित करके हर सोमवार निदेशालय में अपडेट करेंगे.