जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने यूडीएच सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी को कहा है कि वे परकोटे के आवासीय इलाके में अवैध घोषित 19 भवनों के मालिकों की व्यक्तिगत सुनवाई कर दो माह में रिपोर्ट पेश करें. अदालत ने कहा कि हर बिल्डिंग के प्रतिनिधि को सुनवाई के लिए बुलाया जाए और वह पूरी बिल्डिंग के स्वामियों की तरफ से कमेटी के समक्ष पक्ष रखे. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 20 मई को तय की है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस मनीष शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश मामले में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.
सुनवाई के दौरान प्रभावितों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता माधव मित्र ने कहा कि प्रभावितों को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका नहीं मिला है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता जीएस गिल ने कहा कि कमेटी प्रभावितों की व्यक्तिगत सुनवाई कर लेगी. दूसरी ओर न्यायमित्र शोभित तिवाड़ी ने कहा कि अदालत की ओर से पूर्व में आदेश जारी कर इन 19 परिसरों को सील करने के निर्देश दिए गए थे. इसके बावजूद अभी तक मात्र आधा दर्जन परिसरों को ही सील किया गया है. एक-एक बिल्डिंग में दर्जनों लोग एक-एक कमरे खरीद कर उसका व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं.
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अदालत के सामने सिर्फ इन 19 परिसरों की जानकारी है, इन कमरों के मालिकों को लेकर अदालत को कोई जानकारी नहीं है. इसके अलावा प्रभावित पूर्व में ही कमेटी के समक्ष अपना अभ्यावेदन पेश कर चुके हैं और कमेटी उन्हें तय भी कर चुकी है. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने यूडीएच सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी को निर्देश दिए हैं. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने हल्दियों के रास्ते के आवासीय इलाके में व्यावसायिक गतिविधियों पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए राज्य सरकार व नगर निगम से रिपोर्ट देने के लिए कहा था. वहीं, अदालती आदेश पर गठित कमेटी ने 19 भवनों को पूर्णतया और 12 भवनों को आंशिक तौर पर अवैध मानकर उसकी सूची अदालत में पेश की थी.