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हाईकोर्ट ने दिए सेवारत कर्मचारियों को एलएलबी परीक्षा में शामिल करने के आदेश - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने सेवारत कर्मचारियों से जुड़े मामले की सुनवाई की.

HIGH COURT ORDERED,  ORDER INCLUDE SERVING EMPLOYEES
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 11, 2025 at 6:19 PM IST

2 Min Read

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने विभाग की अनुमति लेकर एलएलबी पाठ्यक्रम में शामिल हुए शिक्षकों को 16 अप्रैल से आरंभ हो रही एलएलबी परीक्षा में शामिल करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने गोविंद गुरु ट्राइबल विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा के वीसी और परीक्षा नियंत्रक से जवाब तलब किया है. जस्टिस दिनेश मेहता की एकलपीठ ने यह आदेश जगदीश चन्द्र व्यास व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता राजकीय विद्यालयों में शिक्षक पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने विभाग के विभिन्न परिपत्रों और आदेशों के अनुसरण में गोविंद गुरु ट्राइबल विश्वविद्यालय से एलएलबी करने के लिए शिक्षा विभाग में आवेदन कर अनुमति मांगी. विभाग ने याचिकाकर्ताओं को सांध्यकालीन कक्षाओं की अनुमति देते हुए एलएलबी पाठ्यक्रम करने की छूट दे दी. इसके चलते याचिकाकर्ता ने अपनी ड्यूटी के बाद कक्षाओं में शामिल होकर एलएलबी की पढ़ाई की और उनकी कक्षा में उपस्थिति भी पूर्ण है. वहीं, गत वर्ष उन्होंने एलएलबी प्रथम वर्ष की परीक्षा भी पास कर ली है. याचिका में कहा गया कि विश्वविद्यालय ने द्वितीय वर्ष की परीक्षा 16 अप्रैल से लेना तय किया. याचिकाकर्ताओं ने इसके लिए आवेदन किया विवि ने उनके सेवारत होने का हवाला देकर आवेदन स्वीकार नहीं किए.

पढ़ेंः हाईकोर्ट ने सहायक आचार्य भर्ती-2024 के साक्षात्कार पर लगाई रोक, मांगा जवाब

याचिका में दिया ये तर्कः इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि कार्मिक विभाग के परिपत्र के अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी सेवा में रहते हुए अपनी ड्यूटी के बाद कक्षाओं में शामिल होकर पाठ्यक्रम कर सकता है. वहीं, गोविंद गुरु ट्राइबल विश्वविद्यालय के नियमों के तहत भी सेवारत कर्मचारी विधि स्नातक की डिग्री ले सकता है. इसके अलावा हर व्यक्ति का उच्च शिक्षा लेने का मूल अधिकार है और याचिकाकर्ताओं ने नियमानुसार विभाग से अनुमति लेकर ही पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया था और प्रथम वर्ष पास किया था. ऐसे में अब उन्हें परीक्षा में शामिल होने से वंचित नहीं किया जा सकता. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को द्वितीय साल की परीक्षा में शामिल करने के आदेश देते हुए विवि प्रशासन से जवाब तलब किया है.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने विभाग की अनुमति लेकर एलएलबी पाठ्यक्रम में शामिल हुए शिक्षकों को 16 अप्रैल से आरंभ हो रही एलएलबी परीक्षा में शामिल करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने गोविंद गुरु ट्राइबल विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा के वीसी और परीक्षा नियंत्रक से जवाब तलब किया है. जस्टिस दिनेश मेहता की एकलपीठ ने यह आदेश जगदीश चन्द्र व्यास व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता राजकीय विद्यालयों में शिक्षक पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने विभाग के विभिन्न परिपत्रों और आदेशों के अनुसरण में गोविंद गुरु ट्राइबल विश्वविद्यालय से एलएलबी करने के लिए शिक्षा विभाग में आवेदन कर अनुमति मांगी. विभाग ने याचिकाकर्ताओं को सांध्यकालीन कक्षाओं की अनुमति देते हुए एलएलबी पाठ्यक्रम करने की छूट दे दी. इसके चलते याचिकाकर्ता ने अपनी ड्यूटी के बाद कक्षाओं में शामिल होकर एलएलबी की पढ़ाई की और उनकी कक्षा में उपस्थिति भी पूर्ण है. वहीं, गत वर्ष उन्होंने एलएलबी प्रथम वर्ष की परीक्षा भी पास कर ली है. याचिका में कहा गया कि विश्वविद्यालय ने द्वितीय वर्ष की परीक्षा 16 अप्रैल से लेना तय किया. याचिकाकर्ताओं ने इसके लिए आवेदन किया विवि ने उनके सेवारत होने का हवाला देकर आवेदन स्वीकार नहीं किए.

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याचिका में दिया ये तर्कः इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि कार्मिक विभाग के परिपत्र के अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी सेवा में रहते हुए अपनी ड्यूटी के बाद कक्षाओं में शामिल होकर पाठ्यक्रम कर सकता है. वहीं, गोविंद गुरु ट्राइबल विश्वविद्यालय के नियमों के तहत भी सेवारत कर्मचारी विधि स्नातक की डिग्री ले सकता है. इसके अलावा हर व्यक्ति का उच्च शिक्षा लेने का मूल अधिकार है और याचिकाकर्ताओं ने नियमानुसार विभाग से अनुमति लेकर ही पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया था और प्रथम वर्ष पास किया था. ऐसे में अब उन्हें परीक्षा में शामिल होने से वंचित नहीं किया जा सकता. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को द्वितीय साल की परीक्षा में शामिल करने के आदेश देते हुए विवि प्रशासन से जवाब तलब किया है.

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