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अदालती आदेश की पालना नहीं होने पर प्रमुख सचिव समेत कई अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश की पालना नहीं होने पर अधिकारियों को नोटिस जारी किया है.

COURT HAS ISSUED CONTEMPT NOTICE,  CONTEMPT NOTICE SEVERAL OFFICIALS
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 26, 2025 at 7:54 PM IST

2 Min Read

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बाद भी 30 जून को रिटायर हुए कर्मचारी को वेतन वृद्धि और अन्य सेवा परिलाभ नहीं देने पर पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख सचिव व मुख्य अभियंता सहित अन्य अफसरों को अवमानना नोटिस जारी किए हैं. जस्टिस विनोद कुमार भारवानी ने यह आदेश भूर सिंह की अवमानना याचिका पर दिया.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि राज्य सरकार ने रिवाइज वेतन स्केल नियम 2008 व 2017 के तहत प्रदेश के सभी अफसरों व कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि में समानता लाने के लिए सालाना वेतन बढ़ोतरी के लिए एक जुलाई की तारीख तय की थी. इस प्रावधान के चलते जो अफसर व कर्मचारी 30 जून को रिटायर हुए, उन्हें एक वार्षिक वेतन बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिला. इससे उनकी पेंशन व अन्य परिलाभ भी प्रभावित हुए.

पढ़ेंः कोर्ट के दो बड़े फैसले: भूखंड नहीं देने पर अधिकारियों को अवमानना नोटिस, लक्ष्य पूरा नहीं हो, तो परिलाभ नहीं रोक सकते

वहीं, राज्य सरकार कर्मचारी को वेतन वृद्धि पूर्व में काम कर चुके अवधि के आधार पर देती है ना कि अग्रिम अवधि के लिए. ऐसे में यदि कर्मचारी एक साल काम करने के बाद तीस जून को रिटायर होते हैं तो उन्हें भी एक जुलाई से लगने वाली सालाना वेतन वृद्धि प्राप्त करने का अधिकार है. हाईकोर्ट ने प्रार्थी के मामले में राज्य सरकार के संबंधित विभाग को निर्देश दिया था कि वह प्रार्थी को एक वेतन वृद्धि सहित अन्य परिलाभ एक महीने की अवधि में दें. इसके बावजूद अदालती आदेश का पालन नहीं हुआ. ऐसे में अदालती आदेश की पालना की जाए और दोषी अफसरों को दंडित किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बाद भी 30 जून को रिटायर हुए कर्मचारी को वेतन वृद्धि और अन्य सेवा परिलाभ नहीं देने पर पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख सचिव व मुख्य अभियंता सहित अन्य अफसरों को अवमानना नोटिस जारी किए हैं. जस्टिस विनोद कुमार भारवानी ने यह आदेश भूर सिंह की अवमानना याचिका पर दिया.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि राज्य सरकार ने रिवाइज वेतन स्केल नियम 2008 व 2017 के तहत प्रदेश के सभी अफसरों व कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि में समानता लाने के लिए सालाना वेतन बढ़ोतरी के लिए एक जुलाई की तारीख तय की थी. इस प्रावधान के चलते जो अफसर व कर्मचारी 30 जून को रिटायर हुए, उन्हें एक वार्षिक वेतन बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिला. इससे उनकी पेंशन व अन्य परिलाभ भी प्रभावित हुए.

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वहीं, राज्य सरकार कर्मचारी को वेतन वृद्धि पूर्व में काम कर चुके अवधि के आधार पर देती है ना कि अग्रिम अवधि के लिए. ऐसे में यदि कर्मचारी एक साल काम करने के बाद तीस जून को रिटायर होते हैं तो उन्हें भी एक जुलाई से लगने वाली सालाना वेतन वृद्धि प्राप्त करने का अधिकार है. हाईकोर्ट ने प्रार्थी के मामले में राज्य सरकार के संबंधित विभाग को निर्देश दिया था कि वह प्रार्थी को एक वेतन वृद्धि सहित अन्य परिलाभ एक महीने की अवधि में दें. इसके बावजूद अदालती आदेश का पालन नहीं हुआ. ऐसे में अदालती आदेश की पालना की जाए और दोषी अफसरों को दंडित किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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