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शतरंज की बिसात, डेंटिस्ट जैसे औजार से तराशते हैं ऊंट की हड्डी, खड़े होते हैं राजा और वजीर - BHOPAL CAMEL BONES CHESS PIECES

भोपाल में लगा पांच दिन का क्राफ्ट मेला, राजस्थान के गणपत ने शतरंज के मोहरों को खास स्टाइल में बनाया.

Bhopal Camel Bones Chess Pieces
ऐसे खड़े होते हैं राजा और वजीर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : June 2, 2025 at 8:29 PM IST

Updated : June 2, 2025 at 9:03 PM IST

3 Min Read

भोपाल (शिफाली पांडे): शह और मात का खेल शतरंज आप भी खेलते होंगे, लेकिन जिस शतरंज के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं. उसमें शतरंज की चाल से ज्यादा उसके मोहरों की कहानी दिलचस्प है. हर मोहरे की अपनी कहानी और इतिहास है. राजस्थान के चूरू से निकला गणपत भारत के अलग-अलग हिस्सों के यूरोप के कई देशों में अपनी शतरंज पहुंचा चुके हैं. गणपत के पास ऊंट की हड्डियों से बनी बेहद नाजुक मोहरों वाली शतरंज से लेकर मिनीएचर शतरंज भी है.

जिसके राजा का कुल कद पौन इंच का है. शतरंज की ऐसी सेना भी आप घोड़े की ढाई चाल चले या हाथी की चाल सिपाही गिरते नहीं...लड़खड़ाते हैं, फिर खड़े हो जाते हैं. कैमल बोन की शतरंज के मोहरों की नक्काशी दांत निकालने जैसे औजारों से तैयार होते हैं.

शतरंज की ये अनोखी बिसात (ETV Bharat)

कैमल बोन के नाजुक मोहरे, दांत निकालने वाले औजार

भोपाल में कुल पांच दिन के क्राफ्ट मेले का खास आकर्षण गणपत का कोना बना हुआ है. इस कोने में दिमाग को ड्रिल करने वाले पजल के साथ दिमाग के ही खेल कहे जने वाले शतरंज भी हैं, लेकिन शतरंज की चौसर से लेकर उसके मोहरे तक सब कुछ खास है. आइवरी पर प्रतिबंध लग जाने के बाद अब कैमल बोन यानि ऊंट की हड्डियों से बनी मोहरे तैयार की हैं. बेहद नाजुक इन मोहरों को बनने के लिए बोन को पहले हाइड्रोजन से साफ किया जाता है.

CHESS PIECES MADE BY CAMEL BONE
गिरने के बाद भी खड़े हो जाते हैं मोहरें (ETV Bharat)
RAJASTHAN GANPAT MADE CHESS PIECES
क्राफ्ट मेले में गणपत ने सजाई शतरंज की दुनिया (ETV Bharat)

पीढ़ियों से अनोखी शतरंज तैयार कर रहे गणपत ने बताया कि इन्हें बनाना आसान नहीं होता. डेंटिस्ट जो औजार दांत के इलाज में इस्तेमाल करते हैं. उसी तरह के औजार का इस्तेमाल इन मोहरों को बनाने में किया जाता है. गणपत ने प्रयोग भी किया है. उन्होंने इस शतरंज में सिपाहियों की सेना में हर सिपाही को उल्लू की शक्ल दी है. 15 हजार कीमत के इस चेस में गोटियों की संभाल बहुत करनी होती है. हड्डियों से बनी ये गोटियां जरा सा गिरने पर ही टूट जाती हैं.

CHESS PIECES MADE BY CAMEL BONE
चेस बोर्ड (ETV Bharat)

चाल चलके मोहरे गिराइए, वो फिर खड़ी हो जाएंगी

आम तौर पर शतरंज में जब दांव खेला जाता है. शह और मात के खेल में गोटियां गिराई जाती है, लेकिन गणपत ने ऐसा खास शतरंज तैयार किया है. जिसकी गोटियां गिरती नहीं है. लड़खड़ा भले जाएं, लेकिन फिर खड़ी हो जाती हैं. वे बताते हैं ये मोहरे हमने शीशम की लकड़ी और पापड़ी की लकड़ी से तैयार किए हैं. इनको इस तरह से वजन का ध्यान देकर तैयार किया है कि ये गोटियां गिरती नहीं है. आप गिराएं ये अपने आप लड़खड़ा कर सतह पर खड़ी हो जाएंगी.

CHESS PIECES SOLD IN EUROPE
शतरंज के मोहरे (ETV Bharat)
Miniature Chess
मिनिएचर शतरंज (ETV Bharat)

मिनिएचर शतरंज, राजा पौन इंच का

गणपत के कलेक्शन में वर्ल्ड चैम्पियनशिप में खेली जाने वाली स्टंट चेस के सेट के अलावा मिनिएचर चेस भी है. जिसके राजा का साइज ही कुल पौन इंच का है. गणपत हाथ की हथेली पर इस पूरी चेस को सजा लेते हैं. वे कहते हैं ये पॉकेट फ्रेंडली चेस है. आप जेब में रखकर इसे सफर में ले जा सकते हैं और आसानी से बहुत थोड़ी स्पेस में भी खेल सकते हैं.

भोपाल (शिफाली पांडे): शह और मात का खेल शतरंज आप भी खेलते होंगे, लेकिन जिस शतरंज के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं. उसमें शतरंज की चाल से ज्यादा उसके मोहरों की कहानी दिलचस्प है. हर मोहरे की अपनी कहानी और इतिहास है. राजस्थान के चूरू से निकला गणपत भारत के अलग-अलग हिस्सों के यूरोप के कई देशों में अपनी शतरंज पहुंचा चुके हैं. गणपत के पास ऊंट की हड्डियों से बनी बेहद नाजुक मोहरों वाली शतरंज से लेकर मिनीएचर शतरंज भी है.

जिसके राजा का कुल कद पौन इंच का है. शतरंज की ऐसी सेना भी आप घोड़े की ढाई चाल चले या हाथी की चाल सिपाही गिरते नहीं...लड़खड़ाते हैं, फिर खड़े हो जाते हैं. कैमल बोन की शतरंज के मोहरों की नक्काशी दांत निकालने जैसे औजारों से तैयार होते हैं.

शतरंज की ये अनोखी बिसात (ETV Bharat)

कैमल बोन के नाजुक मोहरे, दांत निकालने वाले औजार

भोपाल में कुल पांच दिन के क्राफ्ट मेले का खास आकर्षण गणपत का कोना बना हुआ है. इस कोने में दिमाग को ड्रिल करने वाले पजल के साथ दिमाग के ही खेल कहे जने वाले शतरंज भी हैं, लेकिन शतरंज की चौसर से लेकर उसके मोहरे तक सब कुछ खास है. आइवरी पर प्रतिबंध लग जाने के बाद अब कैमल बोन यानि ऊंट की हड्डियों से बनी मोहरे तैयार की हैं. बेहद नाजुक इन मोहरों को बनने के लिए बोन को पहले हाइड्रोजन से साफ किया जाता है.

CHESS PIECES MADE BY CAMEL BONE
गिरने के बाद भी खड़े हो जाते हैं मोहरें (ETV Bharat)
RAJASTHAN GANPAT MADE CHESS PIECES
क्राफ्ट मेले में गणपत ने सजाई शतरंज की दुनिया (ETV Bharat)

पीढ़ियों से अनोखी शतरंज तैयार कर रहे गणपत ने बताया कि इन्हें बनाना आसान नहीं होता. डेंटिस्ट जो औजार दांत के इलाज में इस्तेमाल करते हैं. उसी तरह के औजार का इस्तेमाल इन मोहरों को बनाने में किया जाता है. गणपत ने प्रयोग भी किया है. उन्होंने इस शतरंज में सिपाहियों की सेना में हर सिपाही को उल्लू की शक्ल दी है. 15 हजार कीमत के इस चेस में गोटियों की संभाल बहुत करनी होती है. हड्डियों से बनी ये गोटियां जरा सा गिरने पर ही टूट जाती हैं.

CHESS PIECES MADE BY CAMEL BONE
चेस बोर्ड (ETV Bharat)

चाल चलके मोहरे गिराइए, वो फिर खड़ी हो जाएंगी

आम तौर पर शतरंज में जब दांव खेला जाता है. शह और मात के खेल में गोटियां गिराई जाती है, लेकिन गणपत ने ऐसा खास शतरंज तैयार किया है. जिसकी गोटियां गिरती नहीं है. लड़खड़ा भले जाएं, लेकिन फिर खड़ी हो जाती हैं. वे बताते हैं ये मोहरे हमने शीशम की लकड़ी और पापड़ी की लकड़ी से तैयार किए हैं. इनको इस तरह से वजन का ध्यान देकर तैयार किया है कि ये गोटियां गिरती नहीं है. आप गिराएं ये अपने आप लड़खड़ा कर सतह पर खड़ी हो जाएंगी.

CHESS PIECES SOLD IN EUROPE
शतरंज के मोहरे (ETV Bharat)
Miniature Chess
मिनिएचर शतरंज (ETV Bharat)

मिनिएचर शतरंज, राजा पौन इंच का

गणपत के कलेक्शन में वर्ल्ड चैम्पियनशिप में खेली जाने वाली स्टंट चेस के सेट के अलावा मिनिएचर चेस भी है. जिसके राजा का साइज ही कुल पौन इंच का है. गणपत हाथ की हथेली पर इस पूरी चेस को सजा लेते हैं. वे कहते हैं ये पॉकेट फ्रेंडली चेस है. आप जेब में रखकर इसे सफर में ले जा सकते हैं और आसानी से बहुत थोड़ी स्पेस में भी खेल सकते हैं.

Last Updated : June 2, 2025 at 9:03 PM IST
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