रायसेन: मध्य प्रदेश के पहले तितली पार्क में तेज गर्मी का कहर देखने को मिल रहा है. बढ़ते हुए तापमान और व्यवस्थाओं में कमी के कारण तितली पार्क में पर्यटकों की संख्या भी घटने लगी है. वहीं तेज गर्मी के कारण तितलियों की प्रजनन क्षमता में भी कमी आई है. वन विभाग द्वारा तितली पार्क में तितलियों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के प्रयास जारी हैं. पर्यटकों के न आने का प्रभाव वन विभाग के राजस्व पर भी पढ़ रहा है.
तितलियों के प्रजनन पर पड़ा असर
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग ने मध्य प्रदेश में पहला तितली पार्क रायसेन जिले के गोपालपुर गांव में बनाया गया था. इस पार्क में तितलियों की 54 प्रजातियों को संरक्षित किया गया था. तितलियों के जन्म लेने तथा प्रजनन -बढ़ाने के लिए अनुकूल वातावरण पैदा करने वाले 137 तरह के पौधे लगाए गए थे. तितली पार्क के पास ही ट्रैकिंग ट्रैक बनाया गया था. पार्क में ट्रैकिंग के साथ ओपन थियेटर, इंटरप्रिटेशन सेंटर और वॉच टॉवर बनाए गए हैं, जिससे कि यहां आने वाले पर्यटक प्रकृति के बीच रंग बिरंगी तितलियों की प्रजातियां को देखकर उनके संबंध में जानकारी भी हासिल करें.
इस वजह से घटी पर्यटकों की संख्या
रायसेन शहर में विगत कुछ दिनों से तेज गर्मी पड़ रही है, जिस कारण तितली पार्क में आने वाले पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है. यहां आने वाले पर्यटकों को मूलभूत सुविधाओं के अभाव का सामना करना पड़ रहा है. पहले जहां इस पार्क में 800 से 900 पर्यटक प्रत्येक हफ्ते में आया करते थे, तो वही बढ़ती गर्मी के कारण यह संख्या घटकर 100 -300 के लगभग रह गई है. वीकेंड में यहां 50 के लगभग ही पर्यटक पहुंच पाते हैं, जिसका सीधा असर वन विभाग के राजस्व पर पड़ रहा है.
तितलियों के लिए उचित व्यवस्था
इन दिनों यहां का तापमान 41 से 43 डिग्री तक पहुंच गया है, जिसका खासा असर तितलियों की प्रजातियां पर भी देखने को मिल रहा है. वर्तमान में तितली पार्क में लगभग 30 से 34 तरह की प्रजातियां की ही तितलियां देखने को मिल रही हैं. तेज तापमान को देखते हुए वन विभाग का अमला वातावरण को तितलियों के अनुकूल बनाने में लगा हुआ है. समय-समय पर तितलियों के संरक्षण के लिए बनाए गए डोम में लगे हुए पानी के फब्बारों के माध्यम से पानी का छिड़काव कर तापमान को कम करने का प्रयास किया जाता है.

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शुरुआत में पहुंचे थे 5000 पर्यटक
इस पर वन मंडल रायसेन के परिक्षेत्र अधिकारी प्रवेश पाटीदार ने कहा, "तितली पार्क के शुरुआती दिनों में यहां पर पर्यटकों की संख्या 5000 तक पहुंच गई थी पर विगत कुछ वर्षों से यहां पर पर्यटकों की संख्या घाटी है. जिसकी एक मूल वजह यह भी है कि लोकल पर्यटकों ने यह स्थान देख लिया है अब वह नए स्थान पर जा रहे हैं. बाहर से आने वाले पर्यटकों को शायद स्थान की जानकारी नहीं है. जिसको लेकर हमारी मध्य प्रदेश टूरिज्म विभाग से भी बात चल रही है. सांची आने वाले पर्यटक इस सुंदर तितली पार्क को भी देख सकें. फिलहाल, वीकेंड के समय यहां पर पर्यटकों की संख्या 50 के लगभग रह गई है.