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बिहार के इस डॉक्टर की राहुल गांधी ने खूब की तारीफ, 2 साल पहले हुई थी मुलाकात - DR KP SINGH

बिहार के नवादा के डॉक्टर केपी सिंह कौन हैं, जिनकी राहुल गांधी ने मंच से खूब प्रशंसा की थी. पढ़ें पूरी खबर

Rahul Gandhi praised Dr KP Singh
ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. केपी सिंह (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : April 8, 2025 at 4:41 PM IST

6 Min Read

नवादा: जब भी कोई बड़ा नेता किसी का जिक्र करता है तो वह शख्स रातों रात फेमस हो जाता है. कुछ ऐसा ही हुआ है केपी सिंह के साथ. बिहार के नवादा के प्रतिष्ठित ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. केपी सिंह उस वक्त चर्चा में आ गए, जब सोमवार को बिहार दौरे के वक्त लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उनकी जमकर तारीफ की. पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित न्याय अधिकार सम्मेलन के दौरान कांग्रेस नेता ने उनके कार्य और विचारों की सार्वजनिक रूप से सराहना की थी.

डॉ केपी सिंह की तारीफ: राहुल गांधी ने डॉ. केपी सिंह को उन चुनिंदा लोगों में बताया जो ईमानदार और सामाजिक न्याय की गहरी समझ रखने वाले हैं. ईटीवी ने डॉ. सिंह से खास बातचीत की और जानने की कोशिश की कि आखिर राहुल गांधी से वो कब संपर्क में आए थे. उन्होंने कहा, "राहुल गांधी सच्चे कम्युनिस्टों और ईमानदार लोगों की खोज में हैं. शायद उसी क्रम में मेरी पहचान हुई है.

"उन्होंने मेरे संघर्षों को मंच से साझा किया और कहा कि आज जो डॉक्टर हैं, वो डॉक्टर नहीं बन पाता, क्योंकि व्यवस्था उसे आगे बढ़ने ही नहीं देती. मैं इतने बड़े नेता की ज़ुबान से अपना नाम सुनकर काफ़ी खुश हूं. मुझे बिहार विधानसभा में पार्टी ज़िम्मेदारी देती है तो उसका मैं स्वेच्छा पूर्वक निर्वहन करना चाहूंगा."- डॉ केपी सिंह, ऑर्थोपेडिक

कौन हैं डॉ. केपी सिंह?: बता दें डॉ. कृतिपाल सिंह नवादा ज़िले के गोविंदपुर ग्राम निवासी किसान स्व. बासुदेव सिंह के पुत्र हैं और वे वर्तमान में नवादा शहर के अस्पताल रोड स्थित जैन मंदिर वाली गली में निजी क्लीनिक संचालित करते हैं. वे शहर के प्रतिष्ठित डॉक्टरों में शुमार हैं. यही नहीं वे कांग्रेस के सच्चे सिपाही भी हैं.

Rahul Gandhi praised Dr KP Singh
राहुल गांधी के साथ डॉ केपी सिंह (ETV Bharat)

बिहार हेल्थ सर्विस में 5th रैंक: उनकी स्कूलिंग गांव से ही हुई और मुजफ्फरपुर में SKMCH से 1985 में MBBS किया. उसके बाद दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जूनियर रेसिडेंट के तौर पर कार्य किए. फिर RIMS रांची से PG Ms orthopedics की पढ़ाई की थी. 1996 में बिहार हेल्थ सर्विस में 5th रैंक लाया था.

2 साल पहले राहुल गांधी से मुलाकात: उसके बाद वे 1997 से 2015 तक झारखंड के धनबाद PMCH में सीनियर रेसिडेंट के तौर पर कार्यरत थे. जिसके बाद रिजाइन देकर नवादा में अपना क्लिनिक संचालन कर रहे हैं. शुरू से कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व किए. दो साल पहले कांग्रेस के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी से केपी सिंह की मुलाकात हुई थी.

लड़ना चाहते हैं विधानसभा चुनाव: केपी सिंह ने बताया कि दो साल पहले उन्होंने अपनी बात राहुल गांधी के साथ साझा की थी, जिसके बाद जब भी राहुल गांधी बिहार आते हैं तो मैं उनके कार्यक्रम में शामिल होता हूं. नवादा का गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र उत्तर प्रदेश के अमेठी की तरह है. हालांकि अभी तक दो बार आरजेडी उसपर काबिज़ हुई है. केपी सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव अपने क्षेत्र से लड़ने की इच्छा ज़ाहिर की है.

Rahul Gandhi praised Dr KP Singh
डॉ केपी सिंह (ETV Bharat)

राहुल गांधी को केपी सिंह की सलाह: केपी सिंह ने बिहार में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव गठबंधन के साथ मिलकर लड़ने का सुझाव दिया और सीट को और कहा कि बढ़ाने की ज़रूरत है. यही नहीं अपनी पार्टी के कुछ दागी नेताओं से भी राहुल गांधी को अवगत कराया जिससे बचकर रहने की सलाह दी. जो टिकट के लिए पैसे का डिमांड करते हैं, वैसे लोगों को किनारे रखने की मांग की है. केपी सिंह हर साल 10 गरीब मरीजों का मुफ़्त में 20 साल से इलाज भी कर रहे हैं.

'जातीय भेदभाव का भुगतना पड़ा था खामियाजा': डॉ. केपी सिंह ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उन्होंने एजुकेशन लोन के लिए आवेदन किया था, लेकिन जातीय भेदभाव के कारण उन्हें तीन साल बाद सिर्फ सात हजार रुपए का लोन मिला. उन्होंने आरोप लगाया कि उस वक्त बैंक में ब्राह्मण समाज से आने वाले अधिकारी थे, जो उन्हें 'शूद्र' समझते थे.

'काम करने की नहीं आजादी': उन्होंने कहा कि आज भी वही व्यवहार कायम है, बस उसका रूप बदल गया है. राहुल गांधी ने अपने भाषण में एक मोची का जिक्र भी किया, जिसके पास हुनर तो था, पर संसाधनों की कमी के चलते वो अपनी कला को दुनिया के सामने नहीं ला सका. डॉ. सिंह ने कहा, "डॉक्टरों के साथ भी कुछ ऐसा ही है. हमारे पास डिग्री है लेकिन इन्फ्रास्ट्रक्चर, संस्थान या काम करने की आज़ादी नहीं है.

'ऊंची जाति के डॉक्टरों को उच्च पद': केपी सिंह ने कहा कि सरकारी दफ्तरों में रिश्वत देनी पड़ती है. प्रशासन की मनमानी झेलनी पड़ती है. डॉ. सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि पिछड़ा, अति पिछड़ा और दलित वर्ग के डॉक्टरों को सिर्फ ड्यूटी तक सीमित कर दिया गया है, जबकि ऊंची जातियों के डॉक्टरों को उच्च पदों पर तैनाती दी जाती है.

एनडीए को बताया जुमलेबाजी की सरकार: उन्होंने कहा कि अगर समाज को बदलना है तो ईमानदार और वंचित वर्ग के लोगों को खोजकर उन्हें आगे लाना होगा. उन्होंने सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा, एनडीए सरकार सिर्फ जुमलेबाजी करती है. नौकरी खत्म कर निजीकरण को बढ़ावा दे रही है. आरक्षण का लाभ अडानी-अंबानी जैसे लोगों को मिल रहा है, जिससे अति पिछड़े वर्गों का अधिकार छीना जा रहा है.

राहुल गांधी ने क्या कहा था?: पटना में मंच से राहुल गांधी ने केपी सिंह का नाम लेते हुए जातीय भेदभाव का उदाहरण पेश किया था. राहुल ने कहा था कि जब मैं केपी सिंह से मिला था तो कहा था कि आप में ऑर्थोपेडिक सर्जन की स्किल है, नॉलेज है. लेकिन आप ऑर्थोपेडिक सर्जन नहीं हैं, क्योंकि पूरा का पूरा सिस्टम आपके खिलाफ काम करता है.

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नवादा: जब भी कोई बड़ा नेता किसी का जिक्र करता है तो वह शख्स रातों रात फेमस हो जाता है. कुछ ऐसा ही हुआ है केपी सिंह के साथ. बिहार के नवादा के प्रतिष्ठित ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. केपी सिंह उस वक्त चर्चा में आ गए, जब सोमवार को बिहार दौरे के वक्त लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उनकी जमकर तारीफ की. पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित न्याय अधिकार सम्मेलन के दौरान कांग्रेस नेता ने उनके कार्य और विचारों की सार्वजनिक रूप से सराहना की थी.

डॉ केपी सिंह की तारीफ: राहुल गांधी ने डॉ. केपी सिंह को उन चुनिंदा लोगों में बताया जो ईमानदार और सामाजिक न्याय की गहरी समझ रखने वाले हैं. ईटीवी ने डॉ. सिंह से खास बातचीत की और जानने की कोशिश की कि आखिर राहुल गांधी से वो कब संपर्क में आए थे. उन्होंने कहा, "राहुल गांधी सच्चे कम्युनिस्टों और ईमानदार लोगों की खोज में हैं. शायद उसी क्रम में मेरी पहचान हुई है.

"उन्होंने मेरे संघर्षों को मंच से साझा किया और कहा कि आज जो डॉक्टर हैं, वो डॉक्टर नहीं बन पाता, क्योंकि व्यवस्था उसे आगे बढ़ने ही नहीं देती. मैं इतने बड़े नेता की ज़ुबान से अपना नाम सुनकर काफ़ी खुश हूं. मुझे बिहार विधानसभा में पार्टी ज़िम्मेदारी देती है तो उसका मैं स्वेच्छा पूर्वक निर्वहन करना चाहूंगा."- डॉ केपी सिंह, ऑर्थोपेडिक

कौन हैं डॉ. केपी सिंह?: बता दें डॉ. कृतिपाल सिंह नवादा ज़िले के गोविंदपुर ग्राम निवासी किसान स्व. बासुदेव सिंह के पुत्र हैं और वे वर्तमान में नवादा शहर के अस्पताल रोड स्थित जैन मंदिर वाली गली में निजी क्लीनिक संचालित करते हैं. वे शहर के प्रतिष्ठित डॉक्टरों में शुमार हैं. यही नहीं वे कांग्रेस के सच्चे सिपाही भी हैं.

Rahul Gandhi praised Dr KP Singh
राहुल गांधी के साथ डॉ केपी सिंह (ETV Bharat)

बिहार हेल्थ सर्विस में 5th रैंक: उनकी स्कूलिंग गांव से ही हुई और मुजफ्फरपुर में SKMCH से 1985 में MBBS किया. उसके बाद दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जूनियर रेसिडेंट के तौर पर कार्य किए. फिर RIMS रांची से PG Ms orthopedics की पढ़ाई की थी. 1996 में बिहार हेल्थ सर्विस में 5th रैंक लाया था.

2 साल पहले राहुल गांधी से मुलाकात: उसके बाद वे 1997 से 2015 तक झारखंड के धनबाद PMCH में सीनियर रेसिडेंट के तौर पर कार्यरत थे. जिसके बाद रिजाइन देकर नवादा में अपना क्लिनिक संचालन कर रहे हैं. शुरू से कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व किए. दो साल पहले कांग्रेस के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी से केपी सिंह की मुलाकात हुई थी.

लड़ना चाहते हैं विधानसभा चुनाव: केपी सिंह ने बताया कि दो साल पहले उन्होंने अपनी बात राहुल गांधी के साथ साझा की थी, जिसके बाद जब भी राहुल गांधी बिहार आते हैं तो मैं उनके कार्यक्रम में शामिल होता हूं. नवादा का गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र उत्तर प्रदेश के अमेठी की तरह है. हालांकि अभी तक दो बार आरजेडी उसपर काबिज़ हुई है. केपी सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव अपने क्षेत्र से लड़ने की इच्छा ज़ाहिर की है.

Rahul Gandhi praised Dr KP Singh
डॉ केपी सिंह (ETV Bharat)

राहुल गांधी को केपी सिंह की सलाह: केपी सिंह ने बिहार में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव गठबंधन के साथ मिलकर लड़ने का सुझाव दिया और सीट को और कहा कि बढ़ाने की ज़रूरत है. यही नहीं अपनी पार्टी के कुछ दागी नेताओं से भी राहुल गांधी को अवगत कराया जिससे बचकर रहने की सलाह दी. जो टिकट के लिए पैसे का डिमांड करते हैं, वैसे लोगों को किनारे रखने की मांग की है. केपी सिंह हर साल 10 गरीब मरीजों का मुफ़्त में 20 साल से इलाज भी कर रहे हैं.

'जातीय भेदभाव का भुगतना पड़ा था खामियाजा': डॉ. केपी सिंह ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उन्होंने एजुकेशन लोन के लिए आवेदन किया था, लेकिन जातीय भेदभाव के कारण उन्हें तीन साल बाद सिर्फ सात हजार रुपए का लोन मिला. उन्होंने आरोप लगाया कि उस वक्त बैंक में ब्राह्मण समाज से आने वाले अधिकारी थे, जो उन्हें 'शूद्र' समझते थे.

'काम करने की नहीं आजादी': उन्होंने कहा कि आज भी वही व्यवहार कायम है, बस उसका रूप बदल गया है. राहुल गांधी ने अपने भाषण में एक मोची का जिक्र भी किया, जिसके पास हुनर तो था, पर संसाधनों की कमी के चलते वो अपनी कला को दुनिया के सामने नहीं ला सका. डॉ. सिंह ने कहा, "डॉक्टरों के साथ भी कुछ ऐसा ही है. हमारे पास डिग्री है लेकिन इन्फ्रास्ट्रक्चर, संस्थान या काम करने की आज़ादी नहीं है.

'ऊंची जाति के डॉक्टरों को उच्च पद': केपी सिंह ने कहा कि सरकारी दफ्तरों में रिश्वत देनी पड़ती है. प्रशासन की मनमानी झेलनी पड़ती है. डॉ. सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि पिछड़ा, अति पिछड़ा और दलित वर्ग के डॉक्टरों को सिर्फ ड्यूटी तक सीमित कर दिया गया है, जबकि ऊंची जातियों के डॉक्टरों को उच्च पदों पर तैनाती दी जाती है.

एनडीए को बताया जुमलेबाजी की सरकार: उन्होंने कहा कि अगर समाज को बदलना है तो ईमानदार और वंचित वर्ग के लोगों को खोजकर उन्हें आगे लाना होगा. उन्होंने सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा, एनडीए सरकार सिर्फ जुमलेबाजी करती है. नौकरी खत्म कर निजीकरण को बढ़ावा दे रही है. आरक्षण का लाभ अडानी-अंबानी जैसे लोगों को मिल रहा है, जिससे अति पिछड़े वर्गों का अधिकार छीना जा रहा है.

राहुल गांधी ने क्या कहा था?: पटना में मंच से राहुल गांधी ने केपी सिंह का नाम लेते हुए जातीय भेदभाव का उदाहरण पेश किया था. राहुल ने कहा था कि जब मैं केपी सिंह से मिला था तो कहा था कि आप में ऑर्थोपेडिक सर्जन की स्किल है, नॉलेज है. लेकिन आप ऑर्थोपेडिक सर्जन नहीं हैं, क्योंकि पूरा का पूरा सिस्टम आपके खिलाफ काम करता है.

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