ETV Bharat / state

बिहार में फर्जी थाना खोला, 500 लोगों को ठगा, नकली वर्दी पहनाकर ऐसे होता था वसूली का खेल - PURNEA FAKE POLICE STATION

पूर्णिया में एक साल से संचालित हो रहे फर्जी थाना का भंडाफोड़ हुआ है. पुलिस की वर्दी में वाहन जांच और अवैध वसूली होती थी.

PURNEA FAKE POLICE STATION
पूर्णिया में नकली थाना (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : June 9, 2025 at 9:53 AM IST

4 Min Read

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले के कसबा थाना क्षेत्र के मोहनी गांव में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां पिछले एक साल से फर्जी थाना संचालित हो रहा था. इस फर्जी थाने के जरिए मुख्य आरोपी राहुल कुमार साह ने ग्रामीण युवाओं को नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी की.

फर्जी पुलिस बन युवाओं से ठगी: बताया जा रहा है कि युवाओं से ग्रामीण रक्षा दल के नाम पर सिपाही और चौकीदार की भर्ती के लिए 2500 से 5000 रुपये तक वसूले गए. मामला उजागर होने के बाद राहुल फरार हो गया है और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. वहीं अब स्थानीय प्रशासन की अनदेखी और संदिग्ध भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं.

बिहार में फर्जी थाना का भंडाफोड़ (ETV Bharat)

फर्जी वर्दी, वाहन जांच और अवैध वसूली का खेल: राहुल कुमार साह ने युवाओं को पुलिस की वर्दी, लाठी और फर्जी पहचान पत्र देकर वाहन जांच और शराब तस्करी के खिलाफ छापेमारी जैसे काम करवाए. ठगी के शिकार छात्र-छात्राओं ने बताया कि राहुल के आदेश पर वे गेरूआ घाट और गांधी घाट पुल पर वाहन जांच करते थे और 400 रुपये तक का चालान काटते थे.

"बिना हेलमेट या ड्राइविंग लाइसेंस वालों से 400 रुपये का चालान काटा जाता था, जिसमें से 200 रुपये कमीशन के रूप में गश्ती टीम को दिए जाते थे. शेष राशि राहुल अपने पास रखता था, यह कहकर कि इसे सरकारी खजाने में जमा किया जाएगा." - पीड़ित

शराब तस्करी और फर्जी थाने का संचालन: राहुल ने मोहनी पंचायत के मध्य विद्यालय बेतौना को फर्जी थाना बनाया, जहां शराब तस्करों से अवैध वसूली की जाती थी. जब्त वाहनों और शराब को छोड़ने के लिए रिश्वत ली जाती थी. पीड़ितों ने बताया कि गश्ती के लिए सीएनजी ऑटो का इस्तेमाल होता था, जिसमें चालक वर्दी में रहता था. पुलिस अब इस ऑटो के मालिक और राहुल के सहयोगियों की तलाश में है.

"गस्ती के लिए सीएनजी ऑटो का इस्तेमाल होता था. रात और शाम की गश्ती भी इसी ऑटो से की जाती थी. जिसका चालक नितेश कुमार उरांव पुलिस वर्दी में रहता था." - पीड़ित

PURNEA FAKE POLICE STATION
फर्जी थाना का भंडाफोड़ (ETV Bharat)

स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर सवाल: हैरानी की बात है कि यह फर्जी थाना महीनों तक चलता रहा, लेकिन स्थानीय प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. स्थानीय मुखिया श्याम सुंदर उरांव और उनके भतीजे सिणोद उरांव भी इस फर्जी थाने से जुड़े थे. मुखिया ने गणतंत्र दिवस समारोह में फर्जी सिपाहियों और चौकीदारों को सम्मानित किया. कई जनप्रतिनिधियों ने भी इस थाने के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं था.

कसबा विधायक ने उठाई निष्पक्ष जांच की मांग: बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और कसबा विधायक मो. अफाक आलम ने पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय के. शर्मा से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. विधायक ने सफेदपोश लोगों की संलिप्तता की भी आशंका जताई और विशेष जांच की मांग की.

“इतना बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा था, फिर भी पुलिस को कोई जानकारी नहीं थी. यह सरकार बेरोजगारी को बढ़ावा दे रही है, जिसके कारण पढ़े-लिखे युवा ठगों के चंगुल में फंस रहे हैं.”-मो. अफाक आलम, विधायक, कसबा

PURNEA FAKE POLICE STATION
पुलिस की वर्दी पहनकर झांसा (ETV Bharat)

भंडाफोड़ होने के बाद से फरार हुआ राहुल: कसबा थानाध्यक्ष अजय कुमार अजनबी ने बताया कि मामले के सामने आने के बाद कसबा पुलिस ने राहुल कुमार साह की गिरफ्तारी के लिए कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी शुरू की है. राहुल के परिवार को दो दिन का अल्टीमेटम दिया गया है कि वह थाने में हाजिर हो, अन्यथा कुर्की की कार्रवाई होगी. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस गिरोह के अन्य सहयोगी कौन हैं और इसका मुख्य सरगना कौन है.

"राहुल कुमार साह सहित अन्य पर कसबा थाना कांड संख्या 153/25 मामला दर्ज कर लिया गया है. गिरफ्तारी के लिए उसके कई ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है. वहीं राहुल के परिवार को 2 दिन का समय दिया गया है."- अजय कुमार अजनबी, थानाध्यक्ष, कसबा

ये भी पढ़ें:

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले के कसबा थाना क्षेत्र के मोहनी गांव में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां पिछले एक साल से फर्जी थाना संचालित हो रहा था. इस फर्जी थाने के जरिए मुख्य आरोपी राहुल कुमार साह ने ग्रामीण युवाओं को नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी की.

फर्जी पुलिस बन युवाओं से ठगी: बताया जा रहा है कि युवाओं से ग्रामीण रक्षा दल के नाम पर सिपाही और चौकीदार की भर्ती के लिए 2500 से 5000 रुपये तक वसूले गए. मामला उजागर होने के बाद राहुल फरार हो गया है और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. वहीं अब स्थानीय प्रशासन की अनदेखी और संदिग्ध भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं.

बिहार में फर्जी थाना का भंडाफोड़ (ETV Bharat)

फर्जी वर्दी, वाहन जांच और अवैध वसूली का खेल: राहुल कुमार साह ने युवाओं को पुलिस की वर्दी, लाठी और फर्जी पहचान पत्र देकर वाहन जांच और शराब तस्करी के खिलाफ छापेमारी जैसे काम करवाए. ठगी के शिकार छात्र-छात्राओं ने बताया कि राहुल के आदेश पर वे गेरूआ घाट और गांधी घाट पुल पर वाहन जांच करते थे और 400 रुपये तक का चालान काटते थे.

"बिना हेलमेट या ड्राइविंग लाइसेंस वालों से 400 रुपये का चालान काटा जाता था, जिसमें से 200 रुपये कमीशन के रूप में गश्ती टीम को दिए जाते थे. शेष राशि राहुल अपने पास रखता था, यह कहकर कि इसे सरकारी खजाने में जमा किया जाएगा." - पीड़ित

शराब तस्करी और फर्जी थाने का संचालन: राहुल ने मोहनी पंचायत के मध्य विद्यालय बेतौना को फर्जी थाना बनाया, जहां शराब तस्करों से अवैध वसूली की जाती थी. जब्त वाहनों और शराब को छोड़ने के लिए रिश्वत ली जाती थी. पीड़ितों ने बताया कि गश्ती के लिए सीएनजी ऑटो का इस्तेमाल होता था, जिसमें चालक वर्दी में रहता था. पुलिस अब इस ऑटो के मालिक और राहुल के सहयोगियों की तलाश में है.

"गस्ती के लिए सीएनजी ऑटो का इस्तेमाल होता था. रात और शाम की गश्ती भी इसी ऑटो से की जाती थी. जिसका चालक नितेश कुमार उरांव पुलिस वर्दी में रहता था." - पीड़ित

PURNEA FAKE POLICE STATION
फर्जी थाना का भंडाफोड़ (ETV Bharat)

स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर सवाल: हैरानी की बात है कि यह फर्जी थाना महीनों तक चलता रहा, लेकिन स्थानीय प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. स्थानीय मुखिया श्याम सुंदर उरांव और उनके भतीजे सिणोद उरांव भी इस फर्जी थाने से जुड़े थे. मुखिया ने गणतंत्र दिवस समारोह में फर्जी सिपाहियों और चौकीदारों को सम्मानित किया. कई जनप्रतिनिधियों ने भी इस थाने के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं था.

कसबा विधायक ने उठाई निष्पक्ष जांच की मांग: बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और कसबा विधायक मो. अफाक आलम ने पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय के. शर्मा से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. विधायक ने सफेदपोश लोगों की संलिप्तता की भी आशंका जताई और विशेष जांच की मांग की.

“इतना बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा था, फिर भी पुलिस को कोई जानकारी नहीं थी. यह सरकार बेरोजगारी को बढ़ावा दे रही है, जिसके कारण पढ़े-लिखे युवा ठगों के चंगुल में फंस रहे हैं.”-मो. अफाक आलम, विधायक, कसबा

PURNEA FAKE POLICE STATION
पुलिस की वर्दी पहनकर झांसा (ETV Bharat)

भंडाफोड़ होने के बाद से फरार हुआ राहुल: कसबा थानाध्यक्ष अजय कुमार अजनबी ने बताया कि मामले के सामने आने के बाद कसबा पुलिस ने राहुल कुमार साह की गिरफ्तारी के लिए कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी शुरू की है. राहुल के परिवार को दो दिन का अल्टीमेटम दिया गया है कि वह थाने में हाजिर हो, अन्यथा कुर्की की कार्रवाई होगी. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस गिरोह के अन्य सहयोगी कौन हैं और इसका मुख्य सरगना कौन है.

"राहुल कुमार साह सहित अन्य पर कसबा थाना कांड संख्या 153/25 मामला दर्ज कर लिया गया है. गिरफ्तारी के लिए उसके कई ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है. वहीं राहुल के परिवार को 2 दिन का समय दिया गया है."- अजय कुमार अजनबी, थानाध्यक्ष, कसबा

ये भी पढ़ें:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.