मंडी: जिला के जोगिंद्रनगर में 100 वर्ष पहले बने शानन पावर प्रोजेक्ट को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्थिति स्पष्ट कर दी है. इस प्रोजेक्ट को किसी भी सूरत में पंजाब को नहीं दिया जाएगा. सरकार की तरफ से ये बात आज डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने मंडी में आयोजित हिमाचल दिवस के जिला स्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए कही.
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 'मार्च 2024 में इस प्रोजेक्ट की 99 वर्षों की लीज समाप्त हो चुकी है और अब इस प्रोजेक्ट को पंजाब को हिमाचल को सौंपना ही होगा. ये पंजाब पुनर्गठन के दौरान संपत्तियों के बंटवारे का मामला नहीं है, क्योंकि मंडी कभी भी पंजाब का हिस्सा नहीं रहा है. पंजाब के सीएम और वहां की सरकार से अगर हिमाचल को अपना भाई मानते हैं तो इस प्रोजेक्ट को वापिस लौटा दें. प्रदेश सरकार इस मामले में एक इंच भी पीछे हटने वाली नहीं है.'
हरियाणा ने भी जताया था हक
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 'इस प्रोजेक्ट पर हरियाणा ने भी अपना हक जताया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने न्यायलय के समक्ष इस बात का दावा किया है कि इस प्रोजेक्ट पर पूरी तरह से हिमाचल का अधिकार है और ये पंजाब पुनर्गठन का मामला नहीं है. पंजाब पुनर्गठन का मामला अलग है और उस मामले को भी प्रदेश सरकार अदालत से वर्ष 2011 में जीत चुकी है. उसका तीन हजार करोड़ का क्लेम लेना अभी बाकी है, लेकिन 13 साल बाद भी ये क्लेम नहीं दिया जा रहा है. शानन प्रोजेक्ट पर हिमाचल का अधिकार है और पंजाब को इससे अपने पांव पीछे खींचने पड़ेंगे.'
'केंद्र से नहीं मिल रही मदद'
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 'हिमाचल प्रदेश को प्रकृति ने दिल खोलकर दिया है. यहां की नदियां पूरे देश की प्यास बुझाती हैं. यहां का पर्यावण पूरे देश को स्वच्छ वातावरण देता है. प्रदेश में पेड़ों को नहीं काटा जाता, ताकि यहां की स्वच्छ हवा बरकरार रहे, लेकिन इसके बदले में प्रदेश को केंद्र से जो मदद मिलनी चाहिए वो नहीं मिल रही है.आपदा के दौर में भी प्रदेश को केंद्र से कोई मदद नहीं मिलती, जोकि न्यायोचित नहीं है.'
शहीदों को अर्पित की श्रद्धांजलि
वहीं, कार्यक्रम से पहले डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया और शहीद स्मारक पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद राष्ट्रध्वज फहराया और परेड का निरीक्षण किया. समारोह के दौरान स्कूली बच्चों ने देशभक्ति से ओतप्रोत रंगारंगा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए. इसके बाद उत्कृष्ट कार्य करने वालों लोगों को सम्मानित भी किया गया. समारोह में जिला के विधायक, पूर्व मंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे.
99 साल के लिए तय हुई थी लीज
मंडी जिले के जोगिंदर नगर में स्थापित शानन प्रोजेक्ट स्वतंत्रता पूर्व का है. अंग्रेजी राज के समय रियासत मंडी के राजा जोगेंद्र सेन ने शानन बिजलीघर के लिए जमीन मुहैया करवाई थी. उस समय हुए समझौते के अनुसार लीज की अवधि 99 साल तय की गई थी. ये वर्ष 1925 की बात है. यानी 99 साल पूरे होने पर ये बिजलीघर उस धरती (मंडी रियासत के तहत जमीन) की सरकार को मिलना था, जहां पर ये स्थापित किया गया था. वर्ष 1947 में देश आजाद हुआ तो उस समय हिमाचल प्रदेश पंजाब का ही हिस्सा था. ये बात अलग है कि हिमाचल का गठन पहली अप्रैल 1948 को हुआ था, लेकिन इसे पूर्ण राज्य का दर्जा वर्ष 1971 में मिला था. उस समय पंजाब पुनर्गठन एक्ट के दौरान शानन पावर हाउस पंजाब सरकार के स्वामित्व में ही रहा. पंजाब पुनर्गठन एक्ट-1966 की शर्तों के मुताबिक इस बिजली प्रोजेक्ट को सिर्फ प्रबंधन के लिए पंजाब सरकार को हस्तांतरित किया गया था. ऊहल नदी पर स्थापित शानन पावर हाउस वर्ष 1932 में केवल 48 मेगावाट क्षमता का था. बाद में पंजाब बिजली बोर्ड ने इसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाया. बिजलीघर शुरू होने के पचास साल बाद वर्ष 1982 में शानन पावर प्रोजेक्ट 60 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन वाला हो गया. अब इसकी क्षमता पचास मेगावाट अतिरिक्त बढ़ाई गई है और ये अब कुल 110 मेगावाट का प्रोजेक्ट है.