बालोद: किसानों ने दलहन तिलहन की फसल लगाई लेकिन बेमौसम बारिश की वजह से मूंग की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. किसान अब मुआवजे की मांग कर रहे हैं. जल शक्ति मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बालोद जिले का गुरुर ब्लॉक भूजल स्तर को लेकर रेड जोन में चला गया है. यही वजह है कि प्रशासन ने इस बार ग्रीष्मकालीन फसलों के रूप में धान के अलावा दलहन तिलहन फसलों के लिए किसानों को प्रेरित किया.
किसानों ने बयां किया दर्द: गुरूर ब्लॉक के धनेली गांव के किसान अश्विनी साहू ने बताया कि पूरे गांव में लगभग 400 एकड़ में मूंग की फसल लगाई गई. हमारे यहां की मिट्टी इसके लिए उपयुक्त नहीं थी. अब बेमौसम बारिश ने तो पूरी फसल ही बर्बाद कर दी है. घरों में मूंग की फसल पड़ी है. पंखों के जरिए सुखाने की कोशिश कर रहे हैं. इस बार बेहद कम फसल हुई है.
मुआवजे के लिए भटक रहे किसान: किसान देव नारायण महमल्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री जब सुशासन त्यौहार में एक दिन पहले आए थे तो हम उनसे मिलने गए थे, लेकिन पुलिस वालों और प्रशासन ने मामले का उचित निराकरण करने का आश्वासन देकर उनसे मिलने भी नहीं दिया. हम तो अपनी समस्या मुख्यमंत्री के समक्ष रखने वाले थे
.
सरकार ने ही हमें दलहन तिलहन के लिए प्रोत्साहित किया था. हमारे घरों को आप देखो. हर तरफ मूंग सूखा रहे हैं लेकिन जितनी पैदावार होना था, उतनी पैदावार नहीं हुई है. हमारी मेहनत बर्बाद हो गई. अब हम प्रशासन से मुआवजे की उम्मीद लगा रहे हैं.

कर्ज चुकाने और बच्चों की पढ़ाई की चिंता: किसानों ने बताया कि वह सिर्फ कृषि पर ही निर्भर रहते हैं. अब फसल बर्बाद हो गई है तो बच्चों को पढ़ाने और कर्ज अदा करने के लिए भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसान ने बताया कि पटवारी का कहना है कि फसल काटने के बाद फसलों के नुकसान का आकलन नहीं लगाया जा सकता. हम बड़े असमंजस की स्थिति में हैं. अधिकारी टाल मटोल कर रहे हैं.