रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर 2025 में सुशासन तिहार का आयोजन किया गया है. इस आयोजन का उद्देश्य शासन व्यवस्था में पारदर्शिता लाना, जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना और आम जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान करना है.ये अभियान राज्य के नागरिकों को सीधे प्रशासन से जोड़ने और उनकी शिकायतों को प्राथमिकता से निपटाने का एक अनूठा प्रयास है.
सुशासन तिहार में लोगों का रूझान : सुशासन तिहार के अंतर्गत दुर्ग जिले के सभी सरकारी दफ्तर में भी जोर-शोर से गतिविधियां चल रहीं हैं. नगर निगम प्रशासन ने 6 अलग-अलग स्थानों पर शिविर लगाए हैं, जहां नागरिक अपनी समस्याओं और शिकायतों को सीधे अधिकारियों तक पहुंचा रहे हैं. तिहार के तीसरे दिन भी दुर्ग कलेक्टोरेट और नगर निगम क्षेत्र के शिविरों में लोगों का अच्छा रूझान देखने को मिला.सैकड़ों की संख्या में लोग अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे . इस दौरान सभी आश्वस्त नजर आए कि अब उन्हें समाधान की ओर एक सकारात्मक दिशा मिल रही है. शिविर में लोगों ने कई प्रकार की शिकायतें दर्ज कराई हैं. इनमें प्रमुख रूप से सड़क सीमेंटीकरण की मांग, भूमि पट्टों के नवीनीकरण, नियत कार्यों की स्वीकृति में देरी और अवैध कब्जे जैसी समस्याएं शामिल हैं.खासतौर पर अवैध कब्जा को लेकर कई शिकायतें आई हैं, जिन पर कार्रवाई का भरोसा दिया गया है.

आम नागरिकों के लिए बड़ा सहारा : हितग्राही रामनारायण ने बताया कि वो साल 2017 से अवैध कब्जे की समस्या से जूझ रहा है.अनेक बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाए, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं मिला. अब जब सरकार ने "सुशासन तिहार" के रूप में आम जनता की समस्याओं के समाधान का मंच प्रदान किया है, तो उसे उम्मीद है कि इस बार उसकी समस्या का स्थायी समाधान मिलेगा. उसने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह आम नागरिकों के लिए एक बड़ा सहारा बनकर सामने आया है.
कलेक्टर अभिजीत सिंह ने भी इस पूरे अभियान की निगरानी करते हुए बताया कि हर सरकारी दफ्तर में सुशासन तिहार के लिए एक शिकायत बॉक्स लगाया गया है. लोग उत्साहपूर्वक इसमें अपनी शिकायतें डाल रहे हैं.
सबसे अधिक शिकायतें पट्टे के नवीनीकरण से संबंधित आ रही हैं, इसके अलावा मूलभूत सुविधाओं जैसे पानी, बिजली, सड़क, स्वच्छता आदि की समस्याएं भी सामने आ रही हैं. हम शिविरों का दौरा कर रहे हैं और लोगों से बातचीत कर रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी शिकायत को अनदेखा न किया जाए- अभिजीत सिंह, कलेक्टर
जनता की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि सुशासन तिहार की पहल ने उनमें एक नई उम्मीद जगाई है. कई लोगों ने यह भी कहा कि वे वर्षों से अपनी समस्या को लेकर सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते आ रहे थे, लेकिन पहली बार उन्हें ऐसा मंच मिला है जहां उनकी बात गंभीरता से सुनी जा रही है. उनका मानना है कि अब उन्हें अपनी समस्याओं को लेकर आंदोलन करने या किसी को भड़काने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
इस तरह सुशासन तिहार 2025 केवल एक प्रशासनिक औपचारिकता नहीं, बल्कि जनता से सीधे संवाद और समाधान का एक व्यावहारिक मंच बन गया है. इससे न केवल शासन व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि लोगों का विश्वास भी सरकार पर मजबूत होगा. आने वाले समय में यदि इसी प्रकार से त्वरित कार्यवाही होती रही तो यह पहल पूरे देश में एक आदर्श उदाहरण बनेगा.
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