मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : एमसीबी जिले के कलेक्टोरेट में मंगलवार को शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ के बैनर तले बड़ी संख्या में शिक्षक युक्तिकरण नीति के विरोध में एकजुट हुए. आक्रोशित शिक्षकों ने मुख्यमंत्री और शिक्षा सचिव के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा और मांग की कि 2 अगस्त 2024 की अधिसूचना के तहत किए गए युक्तिकरण को निरस्त किया जाए. शिक्षकों का आरोप है कि इस प्रक्रिया में दावा-आपत्ति का कोई अवसर नहीं दिया गया. उन्होंने मांग की कि युक्तिकरण 31 मार्च 2008 के सेटअप के नियमों के अनुसार किया जाए. साथ ही क्रमोन्नति के लिए सामान्य आदेश, सेवा अवधि के आधार पर पेंशन और अन्य लाभ प्रदान किए जाएं.
शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी : शिक्षक नेता उदय प्रताप सिंह ने कहा कि युक्तियुक्तकरण पूरी तरह से अव्यवस्थित और एकतरफा है. वरिष्ठता सूची की कोई एकरूपता नहीं है, अलग-अलग जिलों में अलग नियम लागू हैं. नियमावली और समितियों की कार्रवाई में भारी विरोधाभास है. प्राथमिक स्कूलों में प्रधान पाठक के साथ दो शिक्षक और माध्यमिक स्कूलों में प्रधान पाठक के साथ चार शिक्षकों का प्रावधान है, लेकिन हर स्कूल से एक-एक शिक्षक हटा दिया गया है जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी.

हम वरिष्ठ शिक्षक हैं, फिर भी हमें 150 किलोमीटर दूर भेज दिया गया.हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं, कैसे छोड़कर जाएं? हमारी कोई नहीं सुन रहा.बिना दावा-आपत्ति, बिना सूचना और बिना पारदर्शिता के उन्हें ‘अतिशेष’ घोषित कर एकतरफा आदेश जारी कर दिया गया - सविता गुप्ता,महिला शिक्षक
महिला शिक्षक की माने तो वो अम्बिकापुर से पति के पास मनेंद्रगढ़ ट्रांसफर होकर आई, फिर भी उन्हें भरतपुर भेज दिया गया. जब नए शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही थी, तब उन्हें रिक्त पदों पर क्यों नहीं भेजा गया.उन्होंने ये सवाल उठाए हैं. शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि यदि मांगे नहीं मानी गईं तो आंदोलन तेज किया जाएगा.
छत्तीसगढ़ का लाल सुकमा IED ब्लास्ट में शहीद, गम में डूबा प्रदेश
सड़क में कहीं पर भी बस रोकने पर होगी कार्रवाई, एक्शन मोड में रायपुर ट्रैफिक पुलिस
शहीद के परिजन मांगें सम्मान, बोले नक्सलियों के लिए नीतियां शहादत के लिए क्या है