कानपुर : केशव नगर स्थित भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर गुरुवार को राष्ट्रीय बजरंग दल ने धरना-प्रदर्शन किया. रामनवमी की शोभायात्रा के बाद हिंदू समाज के लोगों पर दर्ज की गई एफआईआर के विरोध में यह प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन में संतों समेत बजरंग दल और अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने भाग लिया. सभी ने तख्तियों के जरिए भाजपा सरकार पर सवाल खड़े किए और पुलिस कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताया.
प्रदर्शन में 'भाजपा की सरकार रामभक्तों पर प्रहार', 'भाजपा का राज, हिंदुओं पर गाज', 'हिंदुओं की सरकार, हिंदुओं पर एफआईआर' जैसे स्लोगन लिखी तख्तियां हाथ में लेकर लोगों ने नाराजगी जताई. राष्ट्रीय बजरंग दल के राष्ट्रीय महामंत्री रामजी तिवारी ने कहा कि रामनवमी जैसे पावन पर्व पर निकाली गई शोभायात्रा में शामिल लोगों पर एफआईआर दर्ज किया जाना अत्यंत निंदनीय है. सवाल उठाया कि पहले जांच किए बिना ही कार्रवाई क्यों की गई. ये भाजपा की सरकार में हुआ, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
रामजी तिवारी ने कहा कि यह पूरे कानपुर का दुर्भाग्य है कि जहां देशभर में रामनवमी की शोभायात्राएं धूमधाम से निकलीं, वहीं कानपुर में यात्रा में विघ्न डालने का प्रयास किया गया. आरोप लगाया कि प्रशासन ने जानबूझकर शोभायात्रा के रास्ते में रुकावटें डालीं और पहले से लगाए गए लाउडस्पीकर तक हटा दिए गए.
कहा कि रामनवमी उत्सव का पर्व है, कोई शवयात्रा नहीं. इसमें डीजे और बाजे तो बजेंगे ही, लेकिन पुलिस ने उस पर ही प्रतिबंध लगा दिया. सवाल किया कि जब कानपुर में सांसद, विधायक, मेयर और पार्षद भाजपा के ही हैं तो उन्होंने एफआईआर के खिलाफ आवाज क्यों नहीं उठाई. उन्होंने भाजपा नेतृत्व को कमजोर बताते हुए कहा कि हिंदू समाज की आवाज को दबाया जा रहा है.
प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रीय बजरंग दल के नगर उपाध्यक्ष शनि निषाद, अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के प्रान्त अध्यक्ष अतुल द्विवेदी समेत कई संत और पदाधिकारी मौजूद रहे. सभी ने मिलकर मांग की कि रामनवमी के उत्सव पर निकाली गई शोभायात्रा को लेकर दर्ज की गई सभी एफआईआर तत्काल वापस ली जाएं और भविष्य में हिंदू त्योहारों में प्रशासन किसी भी तरह की रुकावट न डाले.
प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन आयोजकों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा. प्रदर्शन में शामिल संतों ने कहा कि यह सिर्फ कानपुर का नहीं, पूरे हिंदू समाज का अपमान है, और इस अन्याय के खिलाफ अब चुप नहीं बैठा जाएगा.