ETV Bharat / state

बिहार दिवस की धूम, गांधी मैदान में रंगारंग कार्यक्रम, CM नीतीश करेंगे उद्घाटन - BIHAR DIWAS 2025

बिहार दिवस की धूम चारों ओर देखने को मिल रही है. आज से ऐतिहासिक गांधी मैदान में पांच दिवसीय महोत्सव का आयोजन हो रहा है.

BIHAR DIWAS 2025
बिहार दिवस (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : March 22, 2025 at 11:38 AM IST

6 Min Read

पटना: पूरे देश में बिहार दिवस को उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. आज 70 जगहों पर बिहार दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. राजधानी पटना के गांधी मैदान में बिहार दिवस को महोत्सव के रूप में मनाये जाने की पूरी तैयारी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार के तमाम मंत्री बिहार दिवस समारोह का गवाह बनने जा रहे हैं.

70 जगहों पर हो रहा है समारोह: बिहार में 22 मार्च 2012 से बिहार दिवस मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई थी. धीरे-धीरे बिहार दिवस समारोह का स्वरूप व्यापक हो चुका है. अब भारत के कई राज्यों में 70 जगहों पर बिहार दिवस समारोह का आयोजन किया जा रहा है. पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में बिहार दिवस समारोह के लिए खास तैयारी की गई है.

उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा (ETV Bharat)

इस बार के महोत्सव का है खास थीम: बिहार दिवस के आयोजन को लेकर राजधानी का ऐतिहासिक गांधी मैदान पूरी तरह सजकर तैयार है. इस साल बिहार दिवस का आयोजन व्यापक और भव्य तरीके से किया जा रहा है. पिछले साल की तुलना में इस बार 10 गुणा अधिक क्षेत्रफल यानी 1 लाख 25 हजार वर्ग फीट में इसका आयोजन किया जा रहा है. थीम "उन्नत बिहार-विकसित बिहार" रखा गया है.

सीएम नीतीश कुमार करेंगे महोत्सव का उद्घाटन: यह भव्य महोत्सव 22 से 26 मार्च तक चलेगा, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज शनिवार को कर रहे हैं. शिक्षा विभाग इसका नोडल विभाग है और उसके स्तर से इस महोत्सव के लिए व्यापक तैयारी की गई है. यह आयोजन आम जनता के लिए पूरी तरह से मुफ्त रहेगा. सरकारी योजनाओं की जानकारी और प्रदर्शनी के लिए विभिन्न विभागों की तरफ से स्टॉल भी लगाए गए हैं.

प्रदर्शनी में नजर आएगी स्थानीय जनसहभागिता: 22 से 24 मार्च तक विभिन्न स्टॉलों पर छात्र-छात्राओं की तरफ से बनाए गए मॉडल, चित्रकला प्रतियोगिता में पुरस्कृत चित्रों की प्रदर्शनी और शिक्षकों के निर्मित शिक्षण लर्निंग सामग्री (टीएलएम) का प्रदर्शन किया जाएगा. इस प्रदर्शनी में स्थानीय जनसहभागिता को प्रोत्साहित किया गया है, ताकि अधिक से अधिक लोग शिक्षा प्रणाली में हो रहे नवाचारों को समझ सकें.

पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहरों का आकर्षण: बिहार की समृद्ध, सांस्कृतिक और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए महाबोधि मंदिर, नालंदा विश्वविद्यालय, विश्व शांति स्तूप, तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों की थ्री-डी प्रतिकृतियां बनाई गई है. इसका वर्चुअल माध्यम से सामान्य लोग भी आनंद ले सकेंगे. साथ ही एक पर्यटन सूचना केंद्र भी स्थापित होगा, जहां निवेश और पर्यटन नीति की जानकारी दी जाएगी.

BIHAR DIWAS 2025
प्रदर्शनी में नजर आएगी स्थानीय जनसहभागिता (ETV Bharat)

पारंपरिक उद्योगों को मिलेगा प्रोत्साहन: इस आयोजन में हथकरघा, हस्तशिल्प, चमड़ा, जूट और लाह उद्योगों से जुड़े उत्पादों की प्रदर्शनी भी होगी. यह पहल स्थानीय कारीगरों, उद्यमियों और निवेशकों को जोड़कर बिहार के पारंपरिक उद्योगों के विकास और विस्तार को प्रोत्साहित करने का कार्य करेगी.

दर्शकों के लिए अलग से सेल्फी प्वाइंट: राज्य सरकार की प्रमुख विकास योजनाओं, उपलब्धियों, आइकॉनिक भवनों और पर्यटक स्थलों की जानकारी प्रदान करने के लिए सूचना विभाग की ओर से विशेष स्टैंडीज लगाए जाएंगे. इसके साथ ही, लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से विभाग की तरफ से नुक्कड़ नाटकों का भी आयोजन किया जा रहा है. समारोह में आने वालों के लिए सेल्फी प्वाइंट की भी व्यवस्था की गई है, जिसमें मरीन ड्राइव पर विशेष रूप से एक आकर्षक सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है.

महिला थीम पर आधारित नाट्य आयोजन: कला, संस्कृति एवं युवा विभाग गांधी मैदान में एक विशेष स्टॉल लगाएगा, जहां विभाग की उपलब्धियों, कार्यप्रणाली और भविष्य की योजनाओं का प्रदर्शन किया जाएगा. इसके अतिरिक्त, ललित कला भवन में दिव्यांग बच्चों के लिए पेंटिंग कार्यशाला आयोजित होगी, जिसमें पटना के विभिन्न विद्यालयों के छात्र भाग लेंगे.

सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी होगा आयोजन: श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल, गांधी मैदान, रवींद्र भवन और प्रेमचंद रंगशाला में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. प्रेमचंद रंगशाला में विशेष रूप से महिला थीम पर आधारित नाट्य उत्सव होगा, जिसमें सभी पात्र महिलाएं होंगी. इसके साथ ही, नुक्कड़ नाटकों का भी मंचन किया जाएगा.

दिखेंगे बिहार के हस्तशिल्प एवं लोक कलाकृति के रंग: बिहार के अद्भुत हस्तशिल्प, हथकरघा और अन्य परंपरागत उत्पादों की झलक भी देखने को मिलेगी. स्टॉलों में हथकरघा और वस्त्र, बुनकरी, खादी के साथ हस्तशिल्प एवं चित्रकला जैसे मधुबनी पेंटिंग, मंजूषा पेंटिंग, टिकुली पेंटिंग, मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेंगे. इसके साथ ही हस्तनिर्मित शिल्प जैसे सिक्की कला, पेपर कढ़ाई, पेपर माचे, टेरा कोटा, के साथ अन्य चीजें प्रदर्शित की जाएंगी.

दिखेगी बिहार की समृद्ध कुम्हार परंपरा: वहीं सूखे घास से बनी सुंदर और आकर्षक कलाकृतियां, सुजनी कढ़ाई जिसमें सूती कपड़ों पर बारीक हाथ की कढ़ाई से बनी पारंपरिक कलाकृति देखने को मिलेगी. पेपर माचे जिसके अंतर्गत हाथों से बने कागज की लुगदी से निर्मित आकर्षक कलात्मक उत्पाद के साथ ही मिट्टी से बने सजावटी और उपयोगी उत्पाद, जो बिहार की समृद्ध कुम्हार परंपरा को दर्शाते हैं, प्रदर्शित होंगी.

यहां होगा वस्त्रों का अनूठा संग्रह: बांस और बेंत शिल्प पर्यावरण अनुकूल और मजबूत हस्तशिल्प, जिसमें टोकरियां, फर्नीचर और सजावटी वस्तुएं शामिल हैं, इनका भी प्रदर्शन किया जाएगा. इसके अलावा हथकरघा और वस्त्र में विविंग (बुनकरी) से बिहार के पारंपरिक हथकरघा वस्त्र जैसे भागलपुरी सिल्क, तसर सिल्क, कोसा सिल्क और खूबसूरत सूती वस्त्रों का अनूठा संग्रह दर्शाया जाएगा. खादी वस्त्रों की बेहतरीन श्रृंखला का प्रदर्शन होगा.

बिहार दिवस पर क्या कहते हैं डिप्टी सीएम?: उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि हमारा अतीत गौरवशाली रहा है और हम तरक्की की राह पर आगे बढ़ रहे हैं. बिहार जिसने देश की आजादी को मजबूत आधार दिया है. उसने तानाशाही और हिटलर शाही पर लगाम लगाने का काम भी बिहार ने ही किया है. हम राष्ट्रवाद के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं और तरक्की की नई इबारत लिख रहे हैं.

"अखंड भारत का आधार है बिहार, ज्ञान-विज्ञान की भूमी और कई धर्मों का उद्गम स्थल है बिहार. हम राष्ट्रवाद के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं और तरक्की की नई इबारत लिख रहे हैं."-विजय सिन्हा, उपमुख्यमंत्री

ये भी पढे़ं:

हमें गर्व है बिहारी होने का.. गर्व से कहता हूं बिहारी हूं, कारण भी समझ लीजिए

क्यों न गर्व करें कि हम बिहारी हैं? हमने ही तो दुनिया को सिखाया गणतंत्र का पाठ, हमने ही दिया शांति संदेश

110 साल का बिहार, जानें महान शख्सियतों ने कैसे दिलाई प्रदेश को अलग पहचान

विविधताओं से भरी है बिहार की संस्कृति, जानें यहां के पांच महापर्व

पटना: पूरे देश में बिहार दिवस को उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. आज 70 जगहों पर बिहार दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. राजधानी पटना के गांधी मैदान में बिहार दिवस को महोत्सव के रूप में मनाये जाने की पूरी तैयारी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार के तमाम मंत्री बिहार दिवस समारोह का गवाह बनने जा रहे हैं.

70 जगहों पर हो रहा है समारोह: बिहार में 22 मार्च 2012 से बिहार दिवस मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई थी. धीरे-धीरे बिहार दिवस समारोह का स्वरूप व्यापक हो चुका है. अब भारत के कई राज्यों में 70 जगहों पर बिहार दिवस समारोह का आयोजन किया जा रहा है. पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में बिहार दिवस समारोह के लिए खास तैयारी की गई है.

उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा (ETV Bharat)

इस बार के महोत्सव का है खास थीम: बिहार दिवस के आयोजन को लेकर राजधानी का ऐतिहासिक गांधी मैदान पूरी तरह सजकर तैयार है. इस साल बिहार दिवस का आयोजन व्यापक और भव्य तरीके से किया जा रहा है. पिछले साल की तुलना में इस बार 10 गुणा अधिक क्षेत्रफल यानी 1 लाख 25 हजार वर्ग फीट में इसका आयोजन किया जा रहा है. थीम "उन्नत बिहार-विकसित बिहार" रखा गया है.

सीएम नीतीश कुमार करेंगे महोत्सव का उद्घाटन: यह भव्य महोत्सव 22 से 26 मार्च तक चलेगा, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज शनिवार को कर रहे हैं. शिक्षा विभाग इसका नोडल विभाग है और उसके स्तर से इस महोत्सव के लिए व्यापक तैयारी की गई है. यह आयोजन आम जनता के लिए पूरी तरह से मुफ्त रहेगा. सरकारी योजनाओं की जानकारी और प्रदर्शनी के लिए विभिन्न विभागों की तरफ से स्टॉल भी लगाए गए हैं.

प्रदर्शनी में नजर आएगी स्थानीय जनसहभागिता: 22 से 24 मार्च तक विभिन्न स्टॉलों पर छात्र-छात्राओं की तरफ से बनाए गए मॉडल, चित्रकला प्रतियोगिता में पुरस्कृत चित्रों की प्रदर्शनी और शिक्षकों के निर्मित शिक्षण लर्निंग सामग्री (टीएलएम) का प्रदर्शन किया जाएगा. इस प्रदर्शनी में स्थानीय जनसहभागिता को प्रोत्साहित किया गया है, ताकि अधिक से अधिक लोग शिक्षा प्रणाली में हो रहे नवाचारों को समझ सकें.

पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहरों का आकर्षण: बिहार की समृद्ध, सांस्कृतिक और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए महाबोधि मंदिर, नालंदा विश्वविद्यालय, विश्व शांति स्तूप, तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों की थ्री-डी प्रतिकृतियां बनाई गई है. इसका वर्चुअल माध्यम से सामान्य लोग भी आनंद ले सकेंगे. साथ ही एक पर्यटन सूचना केंद्र भी स्थापित होगा, जहां निवेश और पर्यटन नीति की जानकारी दी जाएगी.

BIHAR DIWAS 2025
प्रदर्शनी में नजर आएगी स्थानीय जनसहभागिता (ETV Bharat)

पारंपरिक उद्योगों को मिलेगा प्रोत्साहन: इस आयोजन में हथकरघा, हस्तशिल्प, चमड़ा, जूट और लाह उद्योगों से जुड़े उत्पादों की प्रदर्शनी भी होगी. यह पहल स्थानीय कारीगरों, उद्यमियों और निवेशकों को जोड़कर बिहार के पारंपरिक उद्योगों के विकास और विस्तार को प्रोत्साहित करने का कार्य करेगी.

दर्शकों के लिए अलग से सेल्फी प्वाइंट: राज्य सरकार की प्रमुख विकास योजनाओं, उपलब्धियों, आइकॉनिक भवनों और पर्यटक स्थलों की जानकारी प्रदान करने के लिए सूचना विभाग की ओर से विशेष स्टैंडीज लगाए जाएंगे. इसके साथ ही, लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से विभाग की तरफ से नुक्कड़ नाटकों का भी आयोजन किया जा रहा है. समारोह में आने वालों के लिए सेल्फी प्वाइंट की भी व्यवस्था की गई है, जिसमें मरीन ड्राइव पर विशेष रूप से एक आकर्षक सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है.

महिला थीम पर आधारित नाट्य आयोजन: कला, संस्कृति एवं युवा विभाग गांधी मैदान में एक विशेष स्टॉल लगाएगा, जहां विभाग की उपलब्धियों, कार्यप्रणाली और भविष्य की योजनाओं का प्रदर्शन किया जाएगा. इसके अतिरिक्त, ललित कला भवन में दिव्यांग बच्चों के लिए पेंटिंग कार्यशाला आयोजित होगी, जिसमें पटना के विभिन्न विद्यालयों के छात्र भाग लेंगे.

सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी होगा आयोजन: श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल, गांधी मैदान, रवींद्र भवन और प्रेमचंद रंगशाला में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. प्रेमचंद रंगशाला में विशेष रूप से महिला थीम पर आधारित नाट्य उत्सव होगा, जिसमें सभी पात्र महिलाएं होंगी. इसके साथ ही, नुक्कड़ नाटकों का भी मंचन किया जाएगा.

दिखेंगे बिहार के हस्तशिल्प एवं लोक कलाकृति के रंग: बिहार के अद्भुत हस्तशिल्प, हथकरघा और अन्य परंपरागत उत्पादों की झलक भी देखने को मिलेगी. स्टॉलों में हथकरघा और वस्त्र, बुनकरी, खादी के साथ हस्तशिल्प एवं चित्रकला जैसे मधुबनी पेंटिंग, मंजूषा पेंटिंग, टिकुली पेंटिंग, मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेंगे. इसके साथ ही हस्तनिर्मित शिल्प जैसे सिक्की कला, पेपर कढ़ाई, पेपर माचे, टेरा कोटा, के साथ अन्य चीजें प्रदर्शित की जाएंगी.

दिखेगी बिहार की समृद्ध कुम्हार परंपरा: वहीं सूखे घास से बनी सुंदर और आकर्षक कलाकृतियां, सुजनी कढ़ाई जिसमें सूती कपड़ों पर बारीक हाथ की कढ़ाई से बनी पारंपरिक कलाकृति देखने को मिलेगी. पेपर माचे जिसके अंतर्गत हाथों से बने कागज की लुगदी से निर्मित आकर्षक कलात्मक उत्पाद के साथ ही मिट्टी से बने सजावटी और उपयोगी उत्पाद, जो बिहार की समृद्ध कुम्हार परंपरा को दर्शाते हैं, प्रदर्शित होंगी.

यहां होगा वस्त्रों का अनूठा संग्रह: बांस और बेंत शिल्प पर्यावरण अनुकूल और मजबूत हस्तशिल्प, जिसमें टोकरियां, फर्नीचर और सजावटी वस्तुएं शामिल हैं, इनका भी प्रदर्शन किया जाएगा. इसके अलावा हथकरघा और वस्त्र में विविंग (बुनकरी) से बिहार के पारंपरिक हथकरघा वस्त्र जैसे भागलपुरी सिल्क, तसर सिल्क, कोसा सिल्क और खूबसूरत सूती वस्त्रों का अनूठा संग्रह दर्शाया जाएगा. खादी वस्त्रों की बेहतरीन श्रृंखला का प्रदर्शन होगा.

बिहार दिवस पर क्या कहते हैं डिप्टी सीएम?: उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि हमारा अतीत गौरवशाली रहा है और हम तरक्की की राह पर आगे बढ़ रहे हैं. बिहार जिसने देश की आजादी को मजबूत आधार दिया है. उसने तानाशाही और हिटलर शाही पर लगाम लगाने का काम भी बिहार ने ही किया है. हम राष्ट्रवाद के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं और तरक्की की नई इबारत लिख रहे हैं.

"अखंड भारत का आधार है बिहार, ज्ञान-विज्ञान की भूमी और कई धर्मों का उद्गम स्थल है बिहार. हम राष्ट्रवाद के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं और तरक्की की नई इबारत लिख रहे हैं."-विजय सिन्हा, उपमुख्यमंत्री

ये भी पढे़ं:

हमें गर्व है बिहारी होने का.. गर्व से कहता हूं बिहारी हूं, कारण भी समझ लीजिए

क्यों न गर्व करें कि हम बिहारी हैं? हमने ही तो दुनिया को सिखाया गणतंत्र का पाठ, हमने ही दिया शांति संदेश

110 साल का बिहार, जानें महान शख्सियतों ने कैसे दिलाई प्रदेश को अलग पहचान

विविधताओं से भरी है बिहार की संस्कृति, जानें यहां के पांच महापर्व

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.