शिमला: हिमाचल में जल शक्ति विभाग के एक एक्सईएन की मनमानी का मामला सामने आया है, जिसमें एक एक्सईएन ने ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रखते हुए 1332 टेंडरों में से 1322 टेंडर ऑफलाइन ही जारी कर दिए. इस दौरान सिर्फ 10 टेंडर ही ऑनलाइन लगाए गए, जिस पर सरकार ने सख्ती दिखाते हुए एक्सईएन के खिलाफ जांच के आदेश जारी कर दिए हैं.
ये जानकारी डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा सदन में विधायक पवन काजल की तरफ से नियम 62 के तहत लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में दी. डिप्टी सीएम ने कहा कि, 'विधायक ने जिन पार्ट्स की चर्चा की है उनमें पहले क्रेट वर्क, टूल किट्स, वैल्डिंग वर्क, पाइप रिपेयर इत्यादि का कार्य सेंट्रलाइज तरीके से होता था, लेकिन काम जल्द निपटाने के लिए अब एक्सईएन अपने स्तर पर भी कार्य कर रहे थे. ऐसे में जिस प्रकार से कुछ एक्सईएन ने अराजकता फैलाई है, वो बिल्कुल सही नहीं है.'
एक्सईएन से छीनी गई शक्तियां
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि, 'इस एक्सईएन ने 1332 टेंडर जारी किए हैं, जिनमें से 10 ऑनलाइन और 1322 ऑफ-लाइन किए हैं. एक्सईएन जहां से ट्रांसफर होकर आता है वहां से ठेकेदार भी अपने साथ लेकर आता है, जिन ठेकेदारों ने इसके समय में नूरपुर में काम किया था वही ठेकेदार अब कांगड़ा में भी काम कर रहे हैं. ऐसे में 1332 टेंडर्ज में से 1322 टेंडर ऑफ लाइन लगा देना, यह किसी भी तरह से सही नहीं है, इसलिए इस मामले की पूरी जांच कराएंगे. टेंडर्स को लेकर इस तरह का मामला आने पर हम प्रदेश में सभी एक्सईएन से ये पावर स्नैच कर रहे हैं.'
एक्सईएन स्तर पर नहीं होगी खरीद
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि, 'जलशक्ति विभाग में पाइपों सहित अन्य सामान पर सरकार ने एक्सईएन स्तर पर खरीद की व्यवस्था बंद करने का फैसला लिया है. क्रेट वर्क, टूल किट्स, वैल्डिंग वर्क, पाइप रिपेयर इत्यादि के कार्यों के लिए अब स्टेट लेवल पर सेंट्रलाइज्ड तरीके से परचेज होगी. कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में तुरंत प्रभाव से अलग एक्सईएन देने के भी आदेश जारी किए हैं. इसको लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव को डिवीजन नोटिफाई करने को कहा गया है.'
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