अलवर: सरिस्का टाइगर रिजर्व स्थित ऐतिहासिक पांडुपोल हनुमान मंदिर में हर मंगलवार, शनिवार, पूर्णिमा एवं पाण्डुपोल मेले के दौरान दो दिनों तक अलवर एवं भिवाड़ी के नम्बरों के निजी वाहनों को निःशुल्क प्रवेश दिया जाएगा. यह व्यवस्था धार्मिक पर्यटकों को 11 दिसम्बर 2025 तक मिलेगी. इस संबंध में वन विभाग के विशिष्ट शासन सचिव बीजू जॉय ने आदेश जारी किए हैं. इससे पहले सरिस्का में यह सुविधा 31 मार्च 2025 तक के लिए जारी की गई थी. पांडुपोल मंदिर में मंगलवार एवं शनिवार को बड़ी संख्या में धार्मिक पर्यटक दर्शनों के लिए जाते हैं. सरिस्का के सीसीएफ संग्राम सिंह कटियार ने बताया कि अलवर व भिवाड़ी रजिस्ट्रेशन के नंबरों के अलावा अन्य स्थानों पर पंजीकृत निजी वाहनों को यह सुविधा नहीं दी जाएगी.
अलवर, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़ जिलों के लोग भी इन दोनों दिनों में बड़ी संख्या में आते हैं. जिले के लोगों की मांग पर राज्य सरकार ने यहां के लोगों के वाहनों को मंगलवार व शनिवार, पूर्णिमा व पाण्डुपोल मेले में निःशुल्क प्रवेश के आदेश पूर्व में जारी किए थे. सरकार की ओर से ये आदेश समय- समय पर आगे के लिए बढ़ाए जाते रहे हैं.
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हरियाणा व पंजाब से बड़ी संख्या में आते हैं श्रद्धालु: सीसीएफ संग्राम सिंह कटियार ने बताया कि पांडुपोल हनुमानजी की मान्यता अलवर जिले के लोगों में ही नहीं, बल्कि हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़ के अलावा राजस्थान के जयपुर सहित अन्य जिलों के लोगों में है. इस कारण पांडुपोल मंदिर में हर मंगलवार व शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने निजी वाहनों से आते हैं. मंगलवार व शनिवार को पांडुपोल आने वाले दर्शनार्थियों में ज्यादा संख्या हरियाणा, दिल्ली, जयपुर, पंजाब आदि राज्य के लोगों की होती है.
ऐतिहासिक पांडुपोल हनुमान मंदिर सरिस्का टाइगर रिजर्व में स्थित है और सरिस्का में सफारी के लिए प्रवेश करने वाले पर्यटकों को शुल्क चुकाना होता है. ऐसे में केवल पांडुपोल हनुमान मंदिर के दर्शन करने वाले अलवर व खैरथल-तिजारा जिले के श्रद्धालुओं को नि:शुल्क प्रवेश की मांग की गई थी.