सीकर: जीण माता शक्तिपीठ, जो बीते शुक्रवार को पुजारियों द्वारा अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया था, शुक्रवार को एक अहम फैसले के बाद दोबारा श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया. मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन के बीच करीब 50 मिनट चली बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया.
विवाद की पृष्ठभूमि : नवरात्रि मेले के दौरान मंदिर परिसर में बत्तीसी संघ और पुजारियों के बीच हुए विवाद और मारपीट के बाद, मंदिर ट्रस्ट ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मंदिर बंद करने की घोषणा की थी. मामला तूल पकड़ने पर प्रशासन हरकत में आया और शुक्रवार को हुई बैठक में मंदिर ट्रस्ट की सभी मांगें मान ली गईं.
प्रशासन की कार्रवाई : प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दो सरकारी कर्मचारियों और तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है. पटवारी राजेश कुमार और सहायक प्रशासनिक अधिकारी गजेंद्र सिंह को APO (Awaiting Posting Order) किया गया है. वहीं, कांस्टेबल महेंद्र कुमार, मनोज कुमार और रडमल सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया है.
ADM रतनलाल ने जानकारी दी कि हमने प्रारंभिक जांच के आधार पर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. मंदिर ट्रस्ट और पुजारियों की संतुष्टि के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं.
मुख्य पुजारी का बयान : मंदिर के मुख्य पुजारी राकेश ने कहा कि प्रशासन ने दोषियों पर प्राथमिक कार्रवाई करते हुए उन्हें लाइन हाजिर और एपीओ कर दिया है. बाकी की जांच जारी है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हमने मंदिर खोलने का निर्णय लिया है, लेकिन यदि आगे कार्रवाई नहीं हुई तो हम फिर रणनीति तय करेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि अब बत्तीसी संघ को मंदिर में तलवार लेकर आने की अनुमति नहीं होगी, जिससे भविष्य में ऐसे विवादों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके.
आगे की तैयारी : प्रशासन ने यह भी बताया कि आगामी मेले से पहले मंदिर ट्रस्ट और बत्तीसी संघ के बीच एक संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी, ताकि सामंजस्यपूर्ण वातावरण सुनिश्चित किया जा सके.
वहीं, अब श्री जीण माता मंदिर को लेकर उत्पन्न हुआ यह विवाद अब प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद सुलझता नजर आ रहा है. मंदिर एक बार फिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है, जिससे लाखों भक्तों ने राहत की सांस ली है.