रांची: देश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. दो दिनों में देशभर में कोरोना के 511 और झारखंड में 5 नए मरीज मिले हैं. झारखंड में भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है. राज्य में कोरोना संक्रमण बढ़ने की संभावनाओं के बीच सरकारी स्तर पर सभी तरह की जरूरी तैयारी के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन रांची के सदर अस्पताल में दो वर्षों से बनकर तैयार वायरोलॉजी सेंटर के मुख्य गेट पर अभी भी ताला लटका है. राज्य में कोरोना वायरस के जीनोम सिक्वेंसिंग और उसके वायरल लोड की जांच के लिए राज्य पूर्ण रूप से रिम्स पर आश्रित है.
जांच में मददगार साबित होता वायरोलॉजी सेंटर
आज जब फिर एक बार कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है तो सरकारी स्तर पर कोरोना से निपटने की तैयारियों को लेकर तरह-तरह के निर्देश स्वास्थ्य मुख्यालय से लेकर जिला स्तर पर जारी किए गए हैं. लेकिन हकीकत कुछ और ही है. प्रथम चरण के कोरोना काल में ही राज्य सरकार ने 7 जिलों में वायरोलॉजी सेंटर बनाने की घोषणा की थी. सरकारी घोषणा के अनुसार रांची सदर अस्पताल के नए भवन के पहले तल्ले पर अत्याधुनिक वायरोलॉजी सेंटर बनकर तैयार भी हो गया, लेकिन दो वर्षों से सेंटर के बाहर ताला लटका है. इसे बनाने वाली एजेंसी प्रेझा ने अब तक वायरोलॉजी सेंटर अस्पताल प्रबंधन को हैंडओवर नहीं किया है.
इन 7 जिलों में बनने थे वायरोलॉजी सेंटर
वर्ष 2021-22 में तत्कालीन सरकार ने राज्य के सात जिलों रांची, पूर्वी सिंहभूम(जमशेदपुर), पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा, बोकारो, गुमला, गोड्डा और देवघर जिले में वायरस संक्रमण की जांच के लिए वायरोलॉजी सेंटर खोलने का निर्णय लिया था, लेकिन अभी तक एक भी वायरोलॉजी सेंटर फंक्शनल नहीं हो सका है.
जनवरी 2024 में ईटीवी भारत ने जब इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया तब इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) के तत्कालीन स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. प्रवीण कर्ण ने ईटीवी भारत के माध्यम से राज्य की जनता को यह भरोसा दिलाया था कि चार जिलों रांची, जमशेदपुर, बोकारो और चाईबासा में वायरोलॉजी सेंटर बनकर तैयार हो चुका है और जल्द ही इसे संबंधित जिलों के सिविल सर्जन को हैंडओवर कर दिया जाएगा.
उन्होंने तब कहा था कि वायरोलॉजी सेंटर खुल जाने से स्थानीय स्तर और एक ही छत के नीचे कई तरह के वायरल संक्रमण की जांच और पहचान संभव हो सकेगा, लेकिन हैरत की बात यह है कि उस समय देश में HMPV वायरस संक्रमण का खतरा मंडरा रहा था और अब फिर एक बार कोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली है, लेकिन वायरोलॉजी सेंटर अभी तक फंक्शनल तो क्या हैंडओवर भी नहीं हुआ है.
वायरोलॉजी सेंटर शुरू कराने की करेंगे पहलः डॉ. बिमलेश
राज्य के जिन 7 जिलों में वायरस संक्रमण की संपूर्ण जांच के लिए वायरोलॉजी सेंटर बनाने का फैसला लिया गया था, उसमें से रांची जिला भी शामिल था. सदर अस्पताल रांची के नए बहुमंजिला भवन के पहले तल्ले पर लगभग ढाई करोड़ की लागत से यह सेंटर बनकर तैयार है, लेकिन महीनों से इसमें ताला लटका है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. विमलेश सिंह से इस संदर्भ में कहा कि वायरस की जांच के लिए जो मशीन लगी है, उसे अभी हैंडओवर नहीं किया गया है. हालांकि उन्होंने फिर से यह कहा कि मंगलवार या बुधवार तक इस दिशा में हम आगे बढ़ेंगे कि वायरोलॉजी सेंटर शुरू हो जाए.
प्रेझा को मिली थी वायरोलॉजी सेंटर बनाने की जिम्मेदारी
जानकारी के अनुसार अभी तक सात में से सिर्फ चार जिलों में वायरोलॉजी सेंटर बनकर तैयार हुआ है. जबकि बाकी के तीन जिले गोड्डा, गढ़वा और देवघर में जगह का ही अब तक चयन नहीं हुआ है. ऐसे में विभाग अभी जगह की ही तलाश कर रहा है. रांची के सदर अस्पताल में वायरोलॉजी सेंटर बनाने का काम प्रेझा नाम की एजेंसी को मिला था. जिसने वायरोलॉजी सेंटर तो बना दिया, लेकिन उसे हैंडओवर नहीं किया है.

अभी भी वायरस की जांच रिम्स के भरोसे
रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग पर निर्भरता कम करने और संदिग्ध वायरस संक्रमित लोगों की रिपोर्ट जल्द आ जाए इसलिए अलग-अलग जिलों में वायरोलॉजी सेंटर खोलने की प्लानिंग थी. लेकिन घोषणा के तीन साल बाद भी राज्य के इन सात जिलों में से किसी एक में भी वायरोलॉजी सेंटर नहीं खुल पाया है.
कोरोना के साथ अन्य वायरल इन्फेक्शन की भी होती जांच
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. बिमलेश सिंह कहते हैं कि वायरोलॉजी सेंटर में न सिर्फ कोरोना वायरस की जांच होती, बल्कि हेपटाइटिस B, हेपटाइटिस C, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस, सर्वाइकल कैंसर के वायरल लोड की जानकारी मिलती.
ये भी पढ़ें-
झारखंड में कोरोना के 05 एक्टिव केस, सभी जिलों के डीसी-सीएस के लिए जारी हुआ दिशा निर्देश
कोविड को लेकर जिला प्रशासन सतर्क: रांची में जारी हुई नई गाइडलाइन
कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के दावे खोखले! एयरपोर्ट पर नहीं दिखी मेडिकल टीम