रुद्रप्रयाग: क्रौंच पर्वत तीर्थ में 28 मई से शुरू होने वाली देव सेनापति भगवान कार्तिक स्वामी की प्रथम बदरीनाथ यात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. तल्लानागपुर की सीमांत ग्राम पंचायत घिमतोली के स्वांरी-ग्वांस से भगवान कार्तिक स्वामी सहित अनेक देवी-देवताओं के निशान क्रौंच पर्वत तीर्थ पहुंच चुके हैं. आठ दिनों तक चलने वाली कार्तिक स्वामी की यात्रा बदरीनाथ सहित विभिन्न तीर्थ स्थलों का भ्रमण कर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देगी.
भगवान कार्तिक स्वामी की आठ दिवसीय बदरीनाथ यात्रा में शामिल होने के लिए कार्तिकेय मंदिर समिति के पदाधिकारी, सदस्य और सैकड़ों श्रद्धालु क्रौंच पर्वत तीर्थ पहुंच चुके हैं. क्रौंच पर्वत तीर्थ से पहली बार आयोजित होने वाली भगवान कार्तिक स्वामी की बदरीनाथ यात्रा के आयोजन से स्थानीय भक्तों में भारी उत्साह बना हुआ है. आगामी दो जून को भगवान कार्तिक स्वामी की यात्रा बदरीनाथ धाम पहुंचेगी और चार जून को भगवान कार्तिक स्वामी की आठ दिवसीय यात्रा के क्रौंच पर्वत तीर्थ पहुंचने पर यात्रा का समापन होगा. पांच जून से युगों से चली परंपरानुसार विश्व कल्याण के लिए 11 दिवसीय महायज्ञ और पुराणवाचन का श्रीगणेश होगा.
कार्तिकेय मंदिर समिति अध्यक्ष बिक्रम सिंह नेगी ने बताया कि बुधवार को क्रौंच पर्वत तीर्थ से भगवान कार्तिक स्वामी की आठ दिवसीय बदरीनाथ यात्रा का श्रीगणेश विद्वान आचार्यों की वेद ऋचाओं के साथ होगा और यात्रा प्रथम रात्रि प्रवास के लिए पोखरी के निकटवर्ती गांव सतूड़ पहुचेंगी. 29 मई को भगवान कार्तिक स्वामी की यात्रा सतूड़ से रवाना होकर रात्रि प्रवास के लिए गंजेड गांव पहुंचेगी. 30 मई को भगवान कार्तिक स्वामी की यात्रा तृतीय रात्रि प्रवास के लिए गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर पहुंचेगी और 31 मई को यात्रा सिद्धपीठ अनुसूया माता मंदिर का भ्रमण कर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देगी.
कार्तिकेय मंदिर समिति प्रबंधक पूर्ण सिंह नेगी ने बताया कि एक जून को भगवान कार्तिक स्वामी की यात्रा रात्रि प्रवास के लिए नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी और दो जून को भगवान कार्तिक स्वामी की यात्रा के मोक्ष धाम बदरीनाथ पहुंचने पर देव सेनापति भगवान कार्तिक स्वामी और जगत के पालनहार भगवान बदरीनाथ का अदभुत मिलन होगा.
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