जयपुर. स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना के तहत छात्रों में देश की बजाए विदेशी संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने को लेकर रुझान ज्यादा देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि जहां विदेश में पढ़ने के लिए 300 में से 290 छात्रों का चयन किया जा चुका है. वहीं भारतीय संस्थानों में 200 में से 57 का ही चयन हो पाया है और अन्य छात्रों के चयन के लिए दोबारा आवेदन मांगे गए हैं.
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस के नाम से योजना की शुरुआत की थी. जिसका बीजेपी सरकार ने नाम बदल कर स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना कर दिया. यही नहीं 500 छात्रों को विदेश भेजने के बजाए. ये दायरा घटाकर 300 कर दिया। और 200 छात्रों को देश के ही प्रतिष्ठित संस्थानों में नि:शुल्क पढ़ाने का फैसला लिया. लेकिन इन 200 सीटों के लिए आवेदन बहुत कम आए हैं.
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इसे लेकर कॉलेज शिक्षा आयुक्त डॉ ओमप्रकाश बैरवा ने बताया कि मार्च में विदेश में स्कॉलरशिप को लेकर 300 छात्रों में से 290 छात्रों का चयन कर उनकी प्रोविजनल सूची जारी की जा चुकी है. जबकि पिछले साल 2023-24 में ये सूची जुलाई 2024 में जारी हुई थी. प्रयास किया गया है कि ये स्कॉलरशिप नियमित और तय समय पर दी जाए. इसी तरह देश के प्रतिष्ठित संस्थानों को लेकर जो आवेदन प्राप्त हुए उनमें से 57 छात्र पात्र पाए गए जिनका चयन किया गया है और अब दोबारा 143 पात्र छात्रों के चयन के लिए आवेदन शुरू किया गया है. इसके साथ ही एनआईआरएफ रैंकिंग प्राप्त संस्थाओं के प्रमुखों से संपर्क कर उन्हें राजस्थान के पात्र छात्रों आवेदन करने के लिए कहा गया है.
वहीं आयुक्त ने कहा कि अभी तक 2021-22 से लेकर 2024-25 तक स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप के तहत 500 छात्रों में कोई कमी नहीं की गई है. इस बार 500 छात्रों को विदेश में पढ़ाने के बजाए 300 छात्रों को विदेश में अध्ययन करने के लिए स्कॉलरशिप दी जा रही है. जबकि 200 छात्रों को भारत के प्रतिष्ठित एनआईआरएफ 1 से 50 तक रैंकिंग के संस्थानों में अध्ययन करने के लिए छात्रों को दी जा रही है.

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आपको बता दें कि आवेदन के साथ छात्रों को रिकॉर्ड टू रिपोर्ट (आरटीआर) और सालाना आय की जानकारी देनी होती है. पॉलिसी के तहत ई-1 कैटेगरी के छात्रों को पहले प्राथमिकता दी जाती है. इसके बाद ई-2, ई-3 कैटेगरी के छात्रों को वरीयता दी जाती है. कुछ मामलों में सामने आया कि छात्र ई-1 कैटेगरी में आने के लिए आवेदन में झूठी जानकारी दे रहे हैं, जिन्हें विभागीय जांच में पकड़ा भी गया और उनका आवेदन निरस्त भी किया गया है.
कैटेगरी विवरण:-
ई-1 कैटेगरी: वार्षिक आय आठ लाख तक. 50 लाख ट्यूशन फीस व प्रतिमाह एक लाख खर्चा.
ई-2 कैटेगरी: वार्षिक आय आठ लाख से 25 लाख तक. 50 लाख ट्यूशन फीस व प्रतिमाह 50 हजार खर्चा.
ई-3 कैटेगरी: वार्षिक आय 25 लाख से अधिक. केवल 50 लाख तक ट्यूशन फीस की सुविधा