मुजफ्फरपुर : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने सशर्त आरजेडी को समर्थन करने का ऐलान किया है. मुजफ्फरपुर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अगर लालू यादव हमारी शर्त को मान लेते हैं तो जन सुराज के सभी नेता-कार्यकर्ता जी-जान से आरजेडी को जिताने में जुट जाएंगे.
''तेजस्वी यादव छोड़िए, लालू यादव अपने परिवार के अलावे किसी को मुख्यमंत्री बनाने की बात करेंगे तो हम लोग साथ खड़े होंगे. किसी यादव के बेटे को ही वह चेहरा बनाएं और नाम का ऐलान करें.''- प्रशांत किशोर, सूत्रधार, जन सुराज
'तेज प्रताप तो आते-जाते रहते हैं' : इस दौरान प्रशांत किशोर ने तेज प्रताप यादव प्रकरण पर भी अपनी बात रखी. जन सुराज के संस्थापक ने कहा कि तेज प्रताप तो आते-जाते रहते हैं. निकलते रहते हैं और आते रहते हैं. पहले भी वो सबकुछ छोड़कर वृंदावन चले गए थे. फिर से उन्हें लाया गया और मंत्री भी बनाया गया.
''मैं नहीं समझता हूं कि लालू परिवार के कोई सदस्य जो राजनीति करते हैं या इसमें आना चाहते हैं उनपर लालू यादव कोई कार्रवाई करेंगे. वैसे यह उनका पारिवारिक मामला है.''- प्रशांत किशोर, सूत्रधार, जन सुराज
'चुनाव के समय बिहार आते हैं PM' : मुजफ्फरपुर में प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी बिहार दौरे पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि मोदी जी हर बार चुनाव के समय बिहार आते हैं और यहां की गरीब जनता के पैसों से प्रचार करते हैं, लेकिन विकास की कोई ठोस योजना नहीं लाते.

''पिछले महीने पीएम मोदी पंचायती राज दिवस पर मधुबनी आए थे. सवाल यह है कि वे हर साल क्यों नहीं आते? सिर्फ चुनावी साल में ही बिहार क्यों याद आता है? इस बार भी प्रधानमंत्री नई ट्रेनों की घोषणाएं करेंगे, लेकिन बिहार में फैक्ट्रियां न होने की वजह से युवा उन्हीं ट्रेनों से पलायन कर रहे हैं.''- प्रशांत किशोर, सूत्रधार, जन सुराज
1.25 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का क्या हुआ ? : प्रशांत किशोर ने यह भी पूछा कि 2015 में पीएम मोदी ने आरा की रैली में बिहार के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी, अब 10 साल बाद जनता जानना चाहती है कि वह पैसा आया भी या नहीं? और अगर आया, तो वह कहां गया? क्या वह पैसा भाजपा और जदयू की सरकार ने आपस में बांट लिया?
'गांधी के बाद अंबेडकर की तस्वीर' : जन सुराज के झंडे पर गांधी और अंबेडकर की तस्वीर लगाने को लेकर पूछे गए सवाल पर पीके ने कहा कि यह प्रतीकात्मक नहीं, वैचारिक संघर्ष है. उन्होंने कहा कि भाजपा को देश में लगभग 40% वोट मिले हैं, जबकि देश की 80% आबादी हिंदू है. इसका अर्थ है कि 40% हिंदुओं ने भाजपा को वोट नहीं दिया.
''जन सुराज की कोशिश है कि इस 40% हिंदू आबादी, जो गांधी, अंबेडकर, लोहिया और जयप्रकाश नारायण की विचारधारा में विश्वास रखती है और मुस्लिम समुदाय को साथ लाकर एक मजबूत राजनीतिक-सामाजिक गठजोड़ खड़ा किया जाए. ताकि भाजपा को वैचारिक और जनाधार दोनों स्तर पर चुनौती दी जा सके. जन सुराज का संघर्ष केवल चुनावी नहीं, बल्कि एक वैकल्पिक विचारधारा को सामने लाने का प्रयास है.''- प्रशांत किशोर, सूत्रधार, जन सुराज
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