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पूना मारगेम: 5 हार्डकोर माओवादियों का सरेंडर, सरकार की नई पुनर्वास नीति से प्रभावित हो रहे नक्सली

आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी जंगल में आईईडी और स्पाइक प्लांट करने का काम करते थे.

hardcore Maoists surrender
सरकार की नई पुनर्वास नीति से प्रभावित (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : July 24, 2025 at 2:14 PM IST

3 Min Read
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सुकमा: गुरुवार को 5 हार्डकोर माओवादियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. हथियार डालने वाले नक्सली सरकार की नई पुनर्वास नीति से काफी प्रभावित हैं. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली सरेंडर करने के बाद समाज की मुख्य धारा से जुड़कर काम करना चाहते हैं. सरेंडर करने वाले माओवादियों को 50 पचास हजार की आर्थिक राशि दी गई. सरेंडर करने वाले माओवादियों को शासन की ओर से कई और सुविधाएं दी जाएंगी. नक्सलवाद के खात्मे के लिए जिले में नियद नेल्लानार योजना और पूना मारेगम अभियान चलाया जा रहा है. शासन की नीतियों से प्रभावित होकर लगातार नक्सली हथियार डाल रहे हैं. सरेंडर करने वाले सभी पांचों माओवादी लंबे वक्त से सुकमा के जगरगुंडा थाना इलाके में सक्रिय रहे हैं.

5 हार्डकोर माओवादियों का सरेंडर: सरेंडर करने वाले माओवादियों के खिलाफ सुकमा जिले के अलग अलग थाना क्षेत्रों में कई केस दर्ज हैं. फोर्स के बढ़ते मूवमेंट, नक्सल संगठन के भीतर चल रहे भेदभाव और शोषण के चलते इन माओवादियों ने सरेंडर किया. सरेंडर करने वाले माओवादियों को शासन की ओर स्किल डेवलपमेंट का कोर्स भी कराया जाएगा. स्किल डेवलपमेंट का कोर्स करने के बाद नक्सली अपनी खुद को रोजगार शुरु कर सकेंगे. सभी माओवादियों ने सुकमा पुलिस अधीक्षक के दफ्तर में सरेंडर किया. सरेंडर के वक्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित शाह और 131वीं सीआरपीएफ बटालियन के सहायक कमांडेंट अमित श्रीवास्तव रहे.

पूना मारगेम (ETV Bharat)
पूना मारगेम: नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने में थाना चिंतलनार और सीआरपीएफ की 74वीं और 131वीं बटालियन की अहम भूमिका रही. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देश में किए गए लगातार प्रयासों का यह परिणाम है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब नक्सलियों का मनोबल टूट रहा है. बड़ी संख्या में नक्सली समाज की मुख्यधारा में लौट हैं, कुछ लौटने की तैयारी में हैं. शासन द्वारा सभी आत्मसमर्पित माओवादियों को “छत्तीसगढ़ माओवाद आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति 2025” के तहत 50-50 हजार की प्रोत्साहन राशि और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी.

आत्मसमर्पित नक्सली पुलिस गश्त पर नजर रखना, आईईडी/स्पाइक प्लांट करना, रास्ते बाधित करना और शासन विरोधी पर्चा-पोस्टर लगाना जैसे अपराधों में शामिल रहे हैं: रोहित शाह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सुकमा

सरेंडर करने वाले माओवादियों के नाम

  • माड़वी कोसा (उम्र 35 वर्ष), ग्राम पेद्दाबोड़केल, डीएकेएमएस अध्यक्ष.
  • माड़वी कमलेश उर्फ हुंगा (उम्र 32 वर्ष), ग्राम कोत्तापाड़, डीएकेएमएस सदस्य.
  • नुप्पो लखमा (उम्र 40 वर्ष), ग्राम पेद्दाबोड़केल, आरपीसी सरकार सदस्य.
  • माड़वी जोगा (उम्र 45 वर्ष), ग्राम पेद्दाबोड़केल, जंगल कमेटी अध्यक्ष.
  • माड़वी पोज्जा (उम्र 34 वर्ष), ग्राम पेद्दाबोड़केल, मिलिशिया सदस्य.

पूना मारगेम अभियान क्या है:

  • पूना मारगेम- पुनर्वास से पुनर्जीवन
  • बस्तर में माओवादी सरेंडर के लिए नया अभियान
  • बस्तर के सभी 7 जिलों में पूना मारगेम अभियान शुरू
  • बस्तर पुलिस ने हल्बी व गोंडी भाषा में बैनर पोस्टर जारी किए
  • नक्सलियों से हिंसा छोड़ने की अपील
  • सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाकर सामान्य जीवन जीने की अपीलनक्सलियों को आर्थिक सहायता के साथ ही स्किल डेवलपमेंट भी
  • सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव, बस्तर और कांकेर में अभियान
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