रायपुर : रायपुर नगर निगम की महापौर मीनल चौबे ने अपना पहला बजट पेश किया. जिसे उन्होंने राजधानी के वास्तविकता का बजट बताया. मेयर मीनल चौबे ने कहा कि पूर्व के महापौर सिर्फ कहते थे , करते नहीं थे. इसलिए उन्होंने 2000 करोड़ का बजट पेश किया था, लेकिन 800 करोड़ का भी काम नहीं किया. लेकिन हमने जो कहा है वह करके दिखाएंगे.
समाज के हर वर्ग को कुछ ना कुछ मिलेगा : महापौर मीनल चौबे ने कहा कि अपना पहला बजट 1529 करोड़ 53 लाख का बजट अनुमान है.जिसमें 1528 करोड़ के व्यय का अनुमान है. 79 लाख रुपए के फायदे का इस बार का बजट है. हमारा बजट वास्तविकता का बजट है , हमने बजट में जो भी प्रावधान किया, उसे एक वर्ष में पूरा करने का प्रयास करेंगे. पूर्ववर्ती सरकार की तरह हम हवाई बातें नहीं करेंगे. इस बजट में समाज के प्रत्येक वर्ग को कुछ ना कुछ दिया गया है, इसमें महिला, युवा, थर्ड जेंडर सभी के लिए बजट में कुछ न कुछ दिया है.
हमारा जो बजट होगा वास्तविकता का बजट होगा. पूर्व के महापौर ने लगभग 2000 करोड़ रुपए का बजट पिछले वित्तीय वर्ष प्रस्तुत किया था, लेकिन मात्र 850 करोड़ रुपए ही खर्च हो पाए थे. उसके पहले 1600 करोड़ का बजट प्रस्तुत करते थे ,इसमें से सिर्फ 900 करोड़ रुपए खर्च हो पाए हैं. इसी प्रकार की अनियमिता उनके बजट में थी. हमारा बजट वास्तविक बजट है. हवा हवाई बजट नहीं है, इसलिए राशि में कमी दिख रही है- मीनल चौबे ,महापौर
वहीं नेता प्रतिपक्ष संदीप साहू ने बजट को फेल बताते हुए कहा कि इस बजट में शहर के मूलभूत सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा गया. गौ माता के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया है.यह पूरा बजट खोखला बजट रहा है. इसमें पुराने बजट को समाहित किया गया है. इसमें कोई अंतर नहीं है. बजट ऐसा होना चाहिए जो मूलभूत सुविधाएं प्रदान कर सकें. चौपाटी के मामले में देखा गया , पहले महापौर ने वहां विरोध किया और दूसरे दिन देखने को मिलता है कि उस चौपाटी को चालू कर दिया गया. ऐसे कौन से अधिकारी है जो उनकी सुन नहीं रहे हैं. गोवंश की बात की जाती, बहुत सारी घटनाएं होती है, और स्मार्ट सिटी की कल्पना करते हैं, लेकिन स्मार्ट सिटी के अनुरूप जो सुविधा मिलनी थी ,वह नहीं मिल रही है.
लाखों करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी राजधानी को मच्छरों से मुक्त नहीं किया जा सका है. उनकी संख्या बढ़ती जा रही है . मानो मच्छरों को प्रोटीन विटामिन दिया जा रहा है. जिससे उनकी संख्या बढ़ रही है. महापौर ने इसे फायदे का बजट बताया, लेकिन फायदे का बजट तब होगा, जब यहां की जनता को मूलभूत सुविधाएं मिल पाएगी- संदीप साहू, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम
वहीं निर्दलीय पार्षद आकाश तिवारी ने कहा कि इस बजट पर विश्वास की कमी देखी गई है.1500 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया है.पहले 1900 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया था. उसी पूरी तरह से केंद्र सरकार राज्य सरकार के ऊपर निर्भर है. क्या रायपुर की शहर सरकार को केंद्र राज्य सरकार के ऊपर विश्वास कम है, जो सिर्फ 1500 करोड़ का बजट पेश किया है.
यातायात पार्किंग की बात कर रहे हैं, उसकी व्यवस्था नहीं की गई ये मांगीलाल के हसीन सपने हैं. वास्तविकता ये है कि तात्यापारा सड़क चौड़ीकरण की एक लाइन इसमें नहीं लिखी गई है. जहां से रोज लाखों लोग गुजरते हैं. स्कूली शिक्षा को लेकर बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है- आकाश तिवारी, निर्दलीय पार्षद, नगर निगम
बजट को बढ़ाने के बजाय घटा दिया गया : ऐतिहासिक धरोहर राजा तालाब के लिए कोई उल्लेख नहीं है.बजट को पूरी तरह से मुंगेरीलाल के हसीन सपने कह सकते हैं और कॉपी पेस्ट है. इसमें कुछ भी नया नहीं है.आकाश तिवारी ने कहा कि हमारे समय तो केंद्र सरकार नहीं थी , उसका सहयोग नहीं था. यहां ट्रिपल इंजन की सरकार है, इस बजट को बढ़ाना था, वह कम क्यों हो रहा है.
रायपुर नगर निगम बजट, महापौर मीनल चौबे ने पेश किया 1530 करोड़ का बजट
मेयर मीनल चौबे का शायराना अंदाज, बजट भाषण के दौरान पढ़ी एक के बाद एक शायरियां