रांची: राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल रिम्स के निदेशक डॉ राजकुमार को पदमुक्त कर देने का मामला अब राजनीतिक रूप लेने लगा है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी द्वारा निदेशक को पदमुक्त करने के तरीके और समय का जिक्र करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाए हैं.
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि बड़े मेडिकल संस्थान 'RIMS' में सुचारू रूप से काम हो और सरकार का दखल अधिक न हो, इसके लिए बाबूलाल मरांडी के मुख्यमंत्री काल में राजेंद्र मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल को रिम्स बनाया गया था. लेकिन जिस तरह से रिम्स निदेशक को बर्खास्त किया गया है, उससे जनता के मन में कई सवाल उठते हैं. जिसका जवाब विभागीय मंत्री और सरकार को देना चाहिए.
वहीं विभागीय मंत्री डॉ इरफान अंसारी के फैसले को सही बताते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि निदेशक की कार्यशैली ही उन्हें पदमुक्त करने की वजह बनी है. उन्होंने कहा कि रिम्स में कई योग्य और वरिष्ठ चिकित्सक हैं. नए निदेशक का चयन होने तक उन्हीं में से किसी एक को प्रभारी बनाकर रिम्स को सुचारू रूप से चलाया जाएगा.
दाल में जरूर कुछ काला है: भाजपा
रिम्स के निदेशक डॉ राजकुमार को अचानक हटा दिए जाने पर भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिव पूजन पाठक ने कहा कि जिस निदेशक की नियुक्ति सरकार विज्ञापन से वेकैंसी निकाल कर, साक्षात्कार लेकर योग्य निदेशक का चुनाव करती है. उन्हें एक सवा साल में बर्खास्त या पदमुक्त करने की नौबत क्यों आ जाती है. बीजेपी नेता ने कहा कि जरूर दाल में कुछ काला है. उन्होंने कहा कि इसका जवाब स्वास्थ्य मंत्री और सरकार को देना चाहिए.
बीजेपी के कार्यकाल में भी निदेशक हटे हैं: झामुमो
रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार को पदमुक्त करने के पीछे भाजपा के सवाल पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि भाजपा की मनोस्थिति ठीक नहीं है. रिम्स की व्यवस्था खराब होती तो यही लोग अव्यवस्था पर सवाल उठाते. अब बेहतर व्यवस्था के लिए जब निदेशक को हटाया गया है तो यही लोग बेवजह का सवाल उठा रहे हैं.
रिम्स के पिछले चार निदेशकों ने नहीं पूरा किया कार्यकाल
रिम्स में निदेशक का पद बेहद महत्वपूर्ण होने के बावजूद डॉ राजकुमार लगातार चौथे निदेशक हुए, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया. इनसे पहले डॉ बीएल शेरवाल, डॉ डीके सिंह, (पद्मश्री) डॉ कामेश्वर प्रसाद ऐसे निदेशक हुए जो अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले कोई न कोई वजह बताकर रिम्स निदेशक पद छोड़ दिया था. लेकिन मूल रूप से न्यूरो सर्जन डॉ राजकुमार को रिम्स शासी परिषद की बैठक के ठीक बाद पदमुक्त किया गया है. यह संभवतः पहली बार हुआ है.
रिम्स निदेशक को हटाने के पीछे कई वजहें: सूत्र
सवाल यह उठता है कि क्या विभागीय मंत्री या इनसे पूर्व वाले स्वास्थ्य मंत्री को डॉ राजकुमार की कार्यशैली को जानने समझने में सवा साल का समय लग गया!
दरअसल, रिम्स के सूत्र बताते हैं कि एक नहीं कई वजहें रही, जिसके चलते रिम्स निदेशक की विदाई का फैसला मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री द्वारा लेना पड़ा.
मंगलवार को हुई जीबी की बैठक में अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह से निदेशक की नोकझोंक हो गई थी.
मुख्यमंत्री के बेहद प्रिय अधिकारियों में से एक रांची के डीसी मंजूनाथ भजंत्री का भी निदेशक से किसी मुद्दे पर हॉट टॉक हुई. इसके अलावा रिम्स में पीपीपी मोड़ पर दो निजी एजेंसियों के लंबित भुगतान नहीं करने और उसके पीछे की निदेशक की दलील जैसी कई वजहें रही. जिसके बाद गुरुवार की रात मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने निदेशक को हटाने का फैसला लिया और मुख्यमंत्री ने भी अपनी सहमति दे दी.
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