ETV Bharat / state

वसुंधरा राजे के बयान पर सियासत गरमाई, कांग्रेस ने मुद्दा बनाया तो भाजपा ने कहा विपक्ष पंचायती नहीं करे - WATER PROBLEM CONTROVERSY

झालावाड़ में पानी की समस्या को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सख्त तेवर अब सियासी बहस का केंद्र बन चुके हैं.

मदन राठौड़
मदन राठौड़ (फोटो ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 10, 2025 at 2:40 PM IST

4 Min Read

जयपुर. राजस्थान के झालावाड़ में पानी की समस्या को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सख्त तेवर अब सियासी बहस का केंद्र बन चुके हैं. राजे द्वारा अधिकारियों को फटकार लगाने और पानी संकट को लेकर सार्वजनिक बयान देने के बाद कांग्रेस ने इसे भजनलाल शर्मा सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. तो वहीं भाजपा ने इसे घरेलू मामला कहकर विपक्ष को "पंचायती" न करने की नसीहत दे डाली.

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सवाल उठाए तो बचाव में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ उत्तर आये. गुरुवार को जयपुर पार्टी मुख्यलय पर मीडिया से बात करते हुए राठौड़ ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि वो उनकी पार्टी और सरकार के मामले पंचायती नहीं करे, वो उनके घर का मामला है वो देख लेंगे. उन्हें अपनी सरकार के समय को याद करना चाहिए जब प्रदेश की जनता पानी की एक बूंद के लिए तरस रही थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री अपनी सीएम की कुर्सी बचाने के लिए एसी रूम की होटलों में बंद थे.

इसे भी पढ़ें: वसुंधरा के भजनलाल सरकार पर हमले के बाद केंद्र का एक्शन, तत्काल मांगी रिपोर्ट

विपक्ष पंचायती नहीं करे : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि यह हमारे परिवार का मामला है विपक्ष को पंचायती नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अधिकारियों की खिंचाई की तो ठीक बात है, ना इस बात में कोई दिक्कत नहीं है और उन्होंने सही पूछा है. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे वह हमारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है, दो बार की मुख्यमंत्री रही है, उन्हें कहीं कमी देखी तो पूछ लिया इसमें ठीक बात है. उन्होंने झालावाड़ की बात कही उसमें उसे क्षेत्र की जहां पानी की किल्लत है. आज जो विपक्ष जबरन बयान बाजी कर रहा है, जबकि ये सब खामिया तो विपक्ष जब सरकार में था तब की है. ये अपनी सरकार में काम किए होते तो कहां तकलीफ होती. विपक्ष का काम सिर्फ सिर्फ मुद्दा उठाना और हल्ला मचाना है, हम अधिकारी के बचाव के लिए हम अपने आप को क्यों कटघरे में खड़ा करें. कांग्रेस को अपनी सरकार के समय को याद करना चाहिए जब प्रदेश की जनता पानी की एक बूंद के लिए तरस रही थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री अपनी सीएम की कुर्सी बचाने के लिए एसी रूम की होटलों में बंद थे.

इस तरह चढ़ा सियासी पारा : बता दें कि वसुंधरा राजे ने दो दिन पहले झालावाड़ में पानी किल्ल्त के बीच कहा था कि जनता रो रही है और अधिकारी मस्त हो रहे हैं. ऐसा नहीं होने दिया जाएगा. राजे के इस बयान के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स हैंडल से किए गए ट्वीट को रिट्वीट कर सरकार पर हमला बोला है. जूली ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी की सरकार के बावजूद पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति के लिए अपनी बात मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से कहनी पड़ रही है, जब भाजपा की ही पूर्व मुख्यमंत्री इस सरकार के अधिकारियों के सामने इतनी मजबूर हैं तो आमजन की स्थिति समझी जा सकती है.

इसे भी पढ़ें: वक्फ बिल : भ्रांतियां दूर करने के लिए भाजपा चलाएगी अभियान, गांव-ढाणी तक पहुंच हर वर्ग को करेगी जागरूक

दिल्ली तक पहुंची राजे की नाराजगी : इतना ही नहीं राजे की नाराजगी और उनका गुस्सा दिल्ली तक भी पहुंचा. राजे के बयान के बाद केंद्र सरकार का जल शक्ति मंत्रालय भी हरकत में आ गया और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने भी ट्वीट किया, जिसमें बताया है कि जल संकट को लेकर वसुंधरा राजे सिंधिया ने चिंता जताई है. जिसको भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने गंभीरता से संज्ञान में लिया है. राजस्थान सरकार से इस संबंध में तात्कालिक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है.

जयपुर. राजस्थान के झालावाड़ में पानी की समस्या को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सख्त तेवर अब सियासी बहस का केंद्र बन चुके हैं. राजे द्वारा अधिकारियों को फटकार लगाने और पानी संकट को लेकर सार्वजनिक बयान देने के बाद कांग्रेस ने इसे भजनलाल शर्मा सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. तो वहीं भाजपा ने इसे घरेलू मामला कहकर विपक्ष को "पंचायती" न करने की नसीहत दे डाली.

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सवाल उठाए तो बचाव में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ उत्तर आये. गुरुवार को जयपुर पार्टी मुख्यलय पर मीडिया से बात करते हुए राठौड़ ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि वो उनकी पार्टी और सरकार के मामले पंचायती नहीं करे, वो उनके घर का मामला है वो देख लेंगे. उन्हें अपनी सरकार के समय को याद करना चाहिए जब प्रदेश की जनता पानी की एक बूंद के लिए तरस रही थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री अपनी सीएम की कुर्सी बचाने के लिए एसी रूम की होटलों में बंद थे.

इसे भी पढ़ें: वसुंधरा के भजनलाल सरकार पर हमले के बाद केंद्र का एक्शन, तत्काल मांगी रिपोर्ट

विपक्ष पंचायती नहीं करे : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि यह हमारे परिवार का मामला है विपक्ष को पंचायती नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अधिकारियों की खिंचाई की तो ठीक बात है, ना इस बात में कोई दिक्कत नहीं है और उन्होंने सही पूछा है. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे वह हमारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है, दो बार की मुख्यमंत्री रही है, उन्हें कहीं कमी देखी तो पूछ लिया इसमें ठीक बात है. उन्होंने झालावाड़ की बात कही उसमें उसे क्षेत्र की जहां पानी की किल्लत है. आज जो विपक्ष जबरन बयान बाजी कर रहा है, जबकि ये सब खामिया तो विपक्ष जब सरकार में था तब की है. ये अपनी सरकार में काम किए होते तो कहां तकलीफ होती. विपक्ष का काम सिर्फ सिर्फ मुद्दा उठाना और हल्ला मचाना है, हम अधिकारी के बचाव के लिए हम अपने आप को क्यों कटघरे में खड़ा करें. कांग्रेस को अपनी सरकार के समय को याद करना चाहिए जब प्रदेश की जनता पानी की एक बूंद के लिए तरस रही थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री अपनी सीएम की कुर्सी बचाने के लिए एसी रूम की होटलों में बंद थे.

इस तरह चढ़ा सियासी पारा : बता दें कि वसुंधरा राजे ने दो दिन पहले झालावाड़ में पानी किल्ल्त के बीच कहा था कि जनता रो रही है और अधिकारी मस्त हो रहे हैं. ऐसा नहीं होने दिया जाएगा. राजे के इस बयान के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स हैंडल से किए गए ट्वीट को रिट्वीट कर सरकार पर हमला बोला है. जूली ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी की सरकार के बावजूद पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति के लिए अपनी बात मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से कहनी पड़ रही है, जब भाजपा की ही पूर्व मुख्यमंत्री इस सरकार के अधिकारियों के सामने इतनी मजबूर हैं तो आमजन की स्थिति समझी जा सकती है.

इसे भी पढ़ें: वक्फ बिल : भ्रांतियां दूर करने के लिए भाजपा चलाएगी अभियान, गांव-ढाणी तक पहुंच हर वर्ग को करेगी जागरूक

दिल्ली तक पहुंची राजे की नाराजगी : इतना ही नहीं राजे की नाराजगी और उनका गुस्सा दिल्ली तक भी पहुंचा. राजे के बयान के बाद केंद्र सरकार का जल शक्ति मंत्रालय भी हरकत में आ गया और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने भी ट्वीट किया, जिसमें बताया है कि जल संकट को लेकर वसुंधरा राजे सिंधिया ने चिंता जताई है. जिसको भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने गंभीरता से संज्ञान में लिया है. राजस्थान सरकार से इस संबंध में तात्कालिक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.