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वक्फ कानून को लेकर झारखंड में सियासत गर्म, झामुमो ने इसे धर्मनिरपेक्षता पर हमला करार दिया - WAQF AMENDMENT ACT 2025

वक्फ कानून को लेकर झारखंड में सियासत गर्म है. एक तरफ महागठबंधन इसका विरोध कर रही है, तो दूसरी तरफ बीजेपी इसके समर्थन में है.

WAQF AMENDMENT ACT 2025
प्रतीकात्मक तस्वीर (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : April 16, 2025 at 5:04 PM IST

4 Min Read

रांची: ​झारखंड में वक्फ कानून को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इंडिया गठबंधन के नेताओं ने इस कानून के खिलाफ अपनी आपत्तियां दर्ज कराई हैं. वहीं झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी ने यह तक कह दिया कि झारखंड में यह कानून लागू नहीं होगा.

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो और विपक्षी भाजपा के बीच तीखी राजनीतिक बहस छिड़ गई है. जहां झामुमो इसे राज्यों के अधिकारों और धर्मनिरपेक्षता पर हमला मानता है, वहीं भाजपा इसे आदिवासी हितों की रक्षा के लिए जरूरी कदम बता रही है. इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, जिससे राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे राज्यों के अधिकारों और धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताया है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी और उसके नेता इस विधेयक को आदिवासी हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम मानते हैं.

झामुमो क्यों कर रहा है विरोध

झामुमो के 13वें अधिवेशन में पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक राज्यों के अधिकारों का उल्लंघन करता है और इसे झारखंड में लागू करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों को पूंजीपतियों को सौंपने की योजना बना रही है. जो धर्मनिरपेक्षता और सर्वधर्म सद्भाव के खिलाफ है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वक्फ कानून में राज्य सरकारों से परामर्श किए बिना संशोधन किया गया, जबकि भूमि राज्य का विषय है. उन्होंने कहा 'केंद्र का एकतरफा कदम न केवल असंवैधानिक है, बल्कि इसका उद्देश्य अल्पसंख्यक संस्थानों को कमजोर करना भी है. यह राज्यों को दरकिनार करने और संघवाद को कमजोर करने का स्पष्ट मामला है. झारखंड इसके क्रियान्वयन का विरोध करेगा'

नए वक्फ कानून को लेकर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

वहीं, इस कानून को लेकर कांग्रेस नेता और झारखंड सरकार में मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने साफ किया है कि यह कानून झारखंड में लागू नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने केंद्र सरकार पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों को छीनने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी वक्फ संपत्तियां बड़े उद्योगपतियों को देना चाहती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस कानून का विरोध कर रही है. राहुल गांधी दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के साथ खड़े हैं.

मिथिलेश ठाकुर ने क्या कहा

नए वक्फ कानून को लेकर झारखंड कांग्रेस के नेता मिथिलेश ठाकुर ने भी बीजेपी और केंद्र सरकार को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर संशोधित वक्फ कानून को वापस नहीं लिया गया, उनकी पार्टी राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगी. उन्होंने कहा कि यह केवल वक्फ संपत्ति का मुद्दा नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार हर धर्म की स्वायत्तता छीनने की कोशिश कर रही है.

बीजेपी का कानून समर्थन और प्रतिक्रिया

वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी इस कानून के समर्थन में है. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस मामले में कहा कि झामुमो इस कानून का विरोध कर ये साबित कर रही है कि वह आदिवासी विरोधी है. उन्होंने कहा कि संशोधन के बाद संविधान की अनुसूची 5 और 6 के तहत आने वाले आदिवासी क्षेत्रों में वक्फ संपत्ति घोषित नहीं की जा सकेगी, जिससे आदिवासी समुदाय की संस्कृति और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा होगी.

अन्य बीजेपी नेताओं और प्रदेश प्रवक्ताओं ने भी वक्फ (संशोधन) कानून 2025 को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसका समर्थन करते हुए इसे सामाजिक और प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक कदम बताया है. बीजेपी नेताओं ने इस कानून को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने वाला कदम माना है. उनका कहना है कि यह कानून वक्फ बोर्ड के दुरुपयोग को रोकेगा और संपत्तियों का लाभ वास्तविक हकदारों तक पहुंचेगा. झारखंड बीजेपी के नेताओं ने इसे अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर पसमांदा मुस्लिमों, के हित में बताया है, क्योंकि यह संपत्तियों के कथित दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगा.

ये भी पढ़ें:

झामुमो का 13वां अधिवेशन शुरू, पार्टी के राजनीतिक प्रस्ताव में सरना कोड, वक्फ बोर्ड और जाति जनगणना का जिक्र

झारखंड में वक्फ कानून नहीं होगा लागू: मंत्री इरफान अंसारी

रांची: ​झारखंड में वक्फ कानून को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इंडिया गठबंधन के नेताओं ने इस कानून के खिलाफ अपनी आपत्तियां दर्ज कराई हैं. वहीं झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी ने यह तक कह दिया कि झारखंड में यह कानून लागू नहीं होगा.

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो और विपक्षी भाजपा के बीच तीखी राजनीतिक बहस छिड़ गई है. जहां झामुमो इसे राज्यों के अधिकारों और धर्मनिरपेक्षता पर हमला मानता है, वहीं भाजपा इसे आदिवासी हितों की रक्षा के लिए जरूरी कदम बता रही है. इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, जिससे राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे राज्यों के अधिकारों और धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताया है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी और उसके नेता इस विधेयक को आदिवासी हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम मानते हैं.

झामुमो क्यों कर रहा है विरोध

झामुमो के 13वें अधिवेशन में पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक राज्यों के अधिकारों का उल्लंघन करता है और इसे झारखंड में लागू करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों को पूंजीपतियों को सौंपने की योजना बना रही है. जो धर्मनिरपेक्षता और सर्वधर्म सद्भाव के खिलाफ है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वक्फ कानून में राज्य सरकारों से परामर्श किए बिना संशोधन किया गया, जबकि भूमि राज्य का विषय है. उन्होंने कहा 'केंद्र का एकतरफा कदम न केवल असंवैधानिक है, बल्कि इसका उद्देश्य अल्पसंख्यक संस्थानों को कमजोर करना भी है. यह राज्यों को दरकिनार करने और संघवाद को कमजोर करने का स्पष्ट मामला है. झारखंड इसके क्रियान्वयन का विरोध करेगा'

नए वक्फ कानून को लेकर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

वहीं, इस कानून को लेकर कांग्रेस नेता और झारखंड सरकार में मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने साफ किया है कि यह कानून झारखंड में लागू नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने केंद्र सरकार पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों को छीनने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी वक्फ संपत्तियां बड़े उद्योगपतियों को देना चाहती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस कानून का विरोध कर रही है. राहुल गांधी दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के साथ खड़े हैं.

मिथिलेश ठाकुर ने क्या कहा

नए वक्फ कानून को लेकर झारखंड कांग्रेस के नेता मिथिलेश ठाकुर ने भी बीजेपी और केंद्र सरकार को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर संशोधित वक्फ कानून को वापस नहीं लिया गया, उनकी पार्टी राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगी. उन्होंने कहा कि यह केवल वक्फ संपत्ति का मुद्दा नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार हर धर्म की स्वायत्तता छीनने की कोशिश कर रही है.

बीजेपी का कानून समर्थन और प्रतिक्रिया

वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी इस कानून के समर्थन में है. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस मामले में कहा कि झामुमो इस कानून का विरोध कर ये साबित कर रही है कि वह आदिवासी विरोधी है. उन्होंने कहा कि संशोधन के बाद संविधान की अनुसूची 5 और 6 के तहत आने वाले आदिवासी क्षेत्रों में वक्फ संपत्ति घोषित नहीं की जा सकेगी, जिससे आदिवासी समुदाय की संस्कृति और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा होगी.

अन्य बीजेपी नेताओं और प्रदेश प्रवक्ताओं ने भी वक्फ (संशोधन) कानून 2025 को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसका समर्थन करते हुए इसे सामाजिक और प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक कदम बताया है. बीजेपी नेताओं ने इस कानून को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने वाला कदम माना है. उनका कहना है कि यह कानून वक्फ बोर्ड के दुरुपयोग को रोकेगा और संपत्तियों का लाभ वास्तविक हकदारों तक पहुंचेगा. झारखंड बीजेपी के नेताओं ने इसे अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर पसमांदा मुस्लिमों, के हित में बताया है, क्योंकि यह संपत्तियों के कथित दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगा.

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