पटना: बिहार की राजधानी पटना के पाटलिपुत्र थाने से एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जहां मालखाने से जब्त की गई शराब की कई बोतलें गायब हो गई हैं. इस मामले में थाने में पदस्थापित तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. शराब की बोतलें गायब करने का आरोप इन्हीं तीनों पुलिसकर्मियों पर लगा है.
मालाखाना प्रभारी ने किया मामले का खुलासा: खबरों की मानें तो, पाटलिपुत्र थाने की महिला दारोगा आशा कुमारी ने करीब एक सप्ताह पहले शराब की एक खेप पकड़ी थी. जब्त खेप को थाने की सिरिस्ता रख दिया गया था. बाद में जब मालखाना प्रभारी ने जब्ती सूची के साथ शराब की बोतलों का मिलान किया, तब पता चला कि कई शराब की बोतलें गायब हैं.इसके बाद मालखाना प्रभारी ने दारोगा और छापेमारी दल के अन्य सदस्यों से पूछताछ की, लेकिन जवाब नहीं मिल सका.
सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग: मामले की गंभीरता को देखते हुए मालखाना प्रभारी ने थाने की सीसीटीवी फुटेज की जांच की. फुटेज में देखने के बाद पूरा माजरा साफ हो गया. मालखाना प्रभारी के अनुसार, फुटेज में एएसआई राजेश कुमार ने सिरिस्ता से शराब की बोतलें हटाते दिखे, इस दौरान एएसआई पंकज कुमार भी मौजूद नजर आए. इसके बाद सिटी एसपी स्वीटी सहरावत को पूरे मामले की सूचना दी गई.
तीन पुलिसकर्मियों पर शराब गायब करने का लगा आरोप: सूचना मिलते ही सिटी एसपी स्वीटी सहरावत शाने पहुंचीं और थानेदार सहित अन्य पुलिसकर्मियों से पूछताछ भी की. एसपी ने सीसीटीवी फुटेज देखने बाद पंकज कुमार, आशा कुमारी और राजेश कुमार को मामले में संलिप्त पाया. मामले की भनक लगते ही तीनों आरोपी पुलिसकर्मी थाने से फरार हो गए, जिसके बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. सिटी एसपी ने तीनों पर विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
"मालखाने से शराब का ट्रेटा पैक गायब होने की जानकारी मालखाना प्रभारी ने थानेदार को दी थी, जिसके बाद आरोपी आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है. सभी को निलंबित किया गया है."- अवकाश कुमार, एसएसपी

लापरवाही नहीं चलेगी, होगी कार्रवाई: ये पहली बार नहीं है, जब पटना के किसी थाने से जब्त शराब गायब हुई है. इससे पहले दीघा थाने से भी शराब गायब होने का मामला सामने आया था, जिसमें कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. पुलिस प्रशासन का कहना है कि ऐसे मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी.
जीरो टॉलरेंस की नीति पर होगा काम: इस घटना ने एक बार फिर पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार का मामले को उजागर किया है. प्रशासन का कहना है कि वो ऐसे अधिकारियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करेगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.
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