अजमेर: बिजयनगर में नाबालिग लड़कियों को ब्लैकमेल कर दुष्कर्म करने के मामले में गिरफ्तार कैफे संचालक की जमानत याचिका पॉक्सो एक्ट प्रकरण की विशेष कोर्ट संख्या एक ने खारिज कर दी है. कैफे संचालक आरोपियों से पैसे लेकर उन्हें जगह देता था, जहां आरोपी नाबालिग लड़कियों के साथ दुराचार करते और उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए भी दबाव बनाते थे. विशिष्ट लोक अभियोजक प्रशांत यादव के तर्क से संतुष्ट होकर कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है.
विशिष्ट लोक अभियोजक प्रशांत यादव ने बताया कि अजमेर की पॉक्सो एक्ट प्रकरण की विशेष और संख्या एक में बिजयनगर ब्लैकमेल कांड में आरोपी कैफे संचालक श्रवण की कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद खारिज कर दिया गया. पुलिस अनुसंधान में कैसे संचालक श्रवण कुमार की भूमिका आरोपियों को नाबालिग लड़कियों से दुराचार करने के लिए पैसे लेकर जगह उपलब्ध करवाने की बात सामने आई थी. कैफे संचालक आरोपियों से लगातार संपर्क में था.
कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान आरोपी श्रवण की भूमिका गंभीर अपराध में मानते हुए, उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी. प्रकरण में सामने आया कि विशेष समुदाय वर्ग के युवकों की ओर से विशेष वर्ग की नाबालिग लड़कियों के साथ दैहिक शोषण करना, उनको ब्लैकमेल कर उनकी सहेलियों को भी बुलाने के लिए दबाव डालना समेत और कई गलत काम करते थे. आरोपियो ने दो समुदायों के बीच वैमनस्य और तनाव बढ़ाने का काम किया है. यादव ने बताया कि इन तमाम तर्कों को सुन जमानत याचिका खारिज कर दी गई.
पढ़ें : बिजयनगर ब्लैकमेल कांड: पूर्व पार्षद हकीम कुरैशी की जमानत अर्जी खारिज - BIJAYNAGAR BLACKMAIL CASE
यह था मामला : 15 फरवरी 2025 को परिवादी ने बिजयनगर थाने में रिपोर्ट दी थी कि कुछ लोग गिरोह बनाकर नाबालिग बालिकाओं को मोबाइल फोन देकर बात करने का दबाव बनाते हैं. साथ ही अन्य लड़कों के लिए उनकी सहेलियों को लाकर दोस्ती करवाने का दबाव बनाते हैं. इतना ही नहीं, आसपास के कैफे में ले जाकर मिलने को मजबूर करते हैं.