शिमला: नगर निगम शिमला ने फरवरी में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपना बजट पेश किया था. बजट में इस बार नगर निगम ने शहरवासियों के लिए घर-द्वार पर मेडिकल टेस्ट, पानी आपूर्ति, ई-कार्ट, पिंक टॉयलेट जैसी कई नई योजनाओं की घोषणा की थी. सबसे बड़ी बात नगर निगम ने शिमला में पाइपलाइन से रसोई गैस देने की योजना बनाई है.
महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि, 'इस बार हमने लोगों को कुछ अलग सुविधाएं देने का प्लान बनाया है. Indian Oil Adani Gas Private Limited की ओर से PNG (Pipe Natural Gas) डिस्ट्रीब्यूशन प्लांट शिमला के दाड़नी में लगाने की प्रस्ताव है, यहां गैस स्टोरेज स्टेशन से गैस पाइप लाइन से शहरवासियों को सप्लाई की जाएगी. इस प्लांट का काम एक साल से चल रहा है और इसे तैयार होने में एक साल और लगेगा, जहां जहां नगर निगम की सड़कें हैं, वहां से पाइप लाइन गुजार कर लोगों के घरों तक पीएनजी गैस पहुंचाई जाएगी. इस सुविधा से शिमला के लोगों की गैस की खपत भी कम होगी और ये एलपीजी के मुकाबले सस्ती भी होगी. आसान शब्दों में कहा जाए तो ये गैस सिलेंडर के मुकाबले सस्ती होगी. इस योजना पर कई महीनों से काम चल रहा है. इसके अलावा सीएनजी सुविधा वाला निगम का पेट्रोल पंप संजौली में आईजीएमसी के पास लगेगा.'
पांच जिलों को मिली मंजूरी
बता दें कि प्रदेश में उपभोक्ताओं को पाइप्ड नैचुरल गैस (PNG) कनेक्शन से सस्ती रसोई गैस मिलेगी. देश के महानगरों की तर्ज पर प्रदेश के पांच जिलों में पहली बार पाइप्ड नैचुरल गैस सुविधा देने के लिए काम किया जा रहा है, जिसके लिए केंद्र बीते साल मंजूरी दी थी. पहले चरण में जिन शहरों को इस सुविधा से जोड़ा जाना था, इसकी सूची भी जारी कर दी गई थी. इसमें शिमला, सोलन, हमीरपुर, ऊना, सिरमौर शामिल थे. केंद्र से योजना मंजूर होने के बाद संबंधित जिला प्रशासन को तेल कंपनी से संपर्क कर पाइप्ड नैचुरल गैस (PNG) कनेक्शन योजना को सिरे लगाने के लिए भूमि चयन कर ट्रांसफर की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने को कहा था.
क्या है पीएनजी
पीएनजी या पाइप्ड नेचुरल गैस, प्राकृतिक गैस का एक रूप है. जिसे भूमिगत पाइपलाइनों के एक नेटवर्क के माध्यम से सीधे आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं तक वितरित किया जाता है. यह एक स्वच्छ-जलने वाला जीवाश्म ईंधन है जो मुख्य रूप से मीथेन से बना होता है. इसे अन्य पारंपरिक ईंधनों के लिए अधिक पर्यावरण के अनुकूल विकल्प माना जाता है. यह गैस सिलेंडर की तुलना में काफी सस्ती और सुरक्षित है. यही वजह है कि शहरी क्षेत्र के अधिकांश घरों में आपको पीएनजी कनेक्शन देखने को मिलेगा.
एलपीजी के मुकाबले सस्ती
उपभोक्ताओं को पीएनजी एलपीजी की तुलना में 20 से 25 फीसदी तक सस्ती पड़ेगी. पीएनजी के एक क्यूबीक मीटर का दाम करीब 50 रुपये होता है, वहीं एलपीजी करीब 70 रुपए रुपये प्रति किलो पड़ती है. ऐसे में उपभोक्ताओं को एक LPG सिलेंडर के बराबर गैस खर्च करने पर 200 से 300 की बचत हो होगी.
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