औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद जिले के नबीनगर में स्थित एनटीपीसी बिजली उत्पादन इकाई अब भारत में दूसरा सबसे बड़ा बिजली उत्पादक संयंत्र बनने जा रहा है. 5402 मेगावाट बिजली उत्पादन के साथ यह देश का दूसरा सबसे बड़ा बिजली उत्पादक क्षेत्र होगा। 30 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोहतास के बिक्रमगंज से इसका वर्चुअल शिलान्यास करेंगे. शिलान्यास के दौरान एनटीपीसी के अदिति नगर टाउनशिप एरिया में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जहां प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण होगा और स्थानीय अधिकारी शामिल होंगे. इस दौरान 800 मेगावाट की तीन नई इकाइयों का शिलान्यास किया जाएगा.
वर्तमान उत्पादन और भविष्य की योजना: औरंगाबाद जिले के नबीनगर में स्थित थर्मल पावर कॉर्पोरेशन के अंतर्गत एनएसटीपीएस से 1980 मेगावाट और बीआरबीसीएल से 1000 मेगावाट मिलाकर कुल 2980 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है. आगामी वर्षों में जब स्टेज-2 की तीन इकाइयां और सौर ऊर्जा संयंत्र भी चालू हो जाएंगे, तब नबीनगर अकेले ही 5402 मेगावाट बिजली देश को देने में सक्षम होगा.
प्रधानमंत्री का कार्यक्रम और शिलान्यास: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई को रोहतास जिले के बिक्रमगंज में एक कार्यक्रम में आ रहे हैं. इस दौरान वो 48,520 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे. इन्हीं परियोजनाओं में शामिल है औरंगाबाद के नबीनगर में बनने जा रही देश की दूसरी सबसे बड़ी विद्युत परियोजना नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन, जो एनएसटीपीएस के नाम से जाना जाता है. इसके स्टेज-2 का शिलान्यास प्रधानमंत्री रिमोट के माध्यम से करेंगे. इस कार्यक्रम के दौरान एनटीपीसी के अदिति नगर टाउनशिप एरिया में भी कार्यक्रम है, जहां से अधिकारी लाइव रहेंगे.
एनटीपीसी की परियोजना और उत्पादन क्षमता: एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक सुदीप नाग ने इस संबंध में बताया कि नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली परियोजना है. इसके स्टेज-1 से वर्तमान में 660 मेगावाट की तीन इकाइयों से कुल 1980 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है. अब इसके स्टेज-2 के अंतर्गत 800-800 मेगावाट की तीन नई इकाइयों की स्थापना की जा रही है, जिनसे कुल 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इस तरह स्टेज-1 और स्टेज-2 दोनों के पूर्ण संचालन के बाद यहां की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 4380 मेगावाट की हो जाएगी, जो देश की दूसरी सबसे बड़ी बिजली उत्पादन परियोजना होगी। वर्तमान में देश में सर्वाधिक बिजली उत्पादन मध्य प्रदेश के सिंगरौली स्थित एनटीपीसी के संयंत्र से होता है, जहां कुल 4760 मेगावाट बिजली उत्पन्न होती है.
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव क्या होगा?: सुदीप नाग ने बताया कि स्टेज-2 के निर्माण पर लगभग 29,930 करोड़ रुपये की लागत आएगी. ये परियोजना पूर्वी भारत, विशेषकर बिहार की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी. इससे न केवल क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे और आम लोगों को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध हो सकेगी.
नबीनगर: देश की बिजली राजधानी: नबीनगर अब देश की बिजली राजधानी बनने की ओर अग्रसर है. यहां एनएसटीपीएस के अलावा भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड, जिसे बीआरबीसीएल के नाम से जाना जाता है, की ताप विद्युत परियोजना पहले से स्थापित है, जिसकी उत्पादन क्षमता 1000 मेगावाट है। इसके अलावा बीआरबीसीएल परिसर में 22 मेगावाट क्षमता वाले सौर ऊर्जा संयंत्र की भी योजना बनाई गई है. इन सभी परियोजनाओं के पूर्ण संचालन के बाद नबीनगर की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 5402 मेगावाट हो जाएगी, जो अपने आप में एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड होगा.
वर्तमान में कितने मेगावाट बिजली का हो रहा उत्पादन?: वर्तमान में नबीनगर से एनएसटीपीएस से 1980 मेगावाट और बीआरबीसीएल से 1000 मेगावाट का उत्पादन हो रहा है. इस तरह कुल 2980 मेगावाट बिजली का उत्पादन वर्तमान में हो रहा है. जब स्टेज-2 की तीन इकाइयां और सौर ऊर्जा संयंत्र भी चालू हो जाएंगे, तब नबीनगर अकेले ही 5402 मेगावाट बिजली देश को देने में सक्षम होगा.
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