नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन न देने की योजना बनाई है. ऐसे वाहनों की पहचान की जा सके इसके लिए दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई ) आधारित कैमरे साउंड सिस्टम व सर्वर लगाया जा रहा है. हालांकि इस व्यवस्था को 1 अप्रैल से लागू करने की घोषणा की गई थी, लेकिन काम पूरा न होने के कारण 15 दिन के लिए छूट दे दी गई थी.
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) का कहना है कि इस माह के अंत तक यह व्यवस्था लागू हो पाएगी, क्योंकि अभी बहुत सारा काम बाकी है. दिल्ली में 400 से अधिक पेट्रोल पंप हैं, जिन पर एआई कैमरे लगाए जा रहे हैं. ये कैमरे परिवहन विभाग के डेटाबेस से लिंक हैं, जो वाहन की नंबर प्लेट को रीड कर पता लगा लेंगे कि वाहन ओवर ऐज है या नहीं.
ओवर ऐज वाहनों को ईंधन ना देने के लिए साउंड पर वाहन नंबर के साथ अनाउंसमेंट होगा. इसके साथ ही वहां की पूरी डिटेल का नोटिफिकेशन परिवहन विभाग को भी जाएगा, जिससे कि ओवर ऐज हो चुके वाहन पर कार्रवाई हो सके. यह व्यवस्था लागू करने के लिए अभी हार्डवेयर इंस्टॉल करने का काम किया जा रहा है.
ईंधन ना देने की योजना लागू हो सकती है: डीपीडीए के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया का कहना है कि दिल्ली में ज्यादातर पेट्रोल पंप पर कैमरे साउंड और सरवर लगा दिया गया है. अब इन सभी को परिवहन विभाग के डेटाबेस से जोड़ा जाएगा. व्यवस्था एक अप्रैल से लागू होनी थी लेकिन अभी तक लागू नहीं हो पाई है, क्योंकि कैमरे साउंड और सर्वर लगाने का काम बहुत धीमी रफ्तार से चल रहा है. हार्डवेयर का काम होने के बाद सभी पेट्रोल पंप पर कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर भी डाले जाएंगे. इसमें भी वक्त लगेगा. ऐसे में ओवरीज हो चुके वाहनों को ईंधन न देने की व्यवस्था इस माह के अंत तक ही लागू हो सकती है. अभी तक सरकार की तरफ से दिल्ली के पेट्रोल पंप संचालकों के पास कोई नोटिफिकेशन भी नहीं आया है.
वाहनों से होता है सबसे अधिक प्रदूषण: पूर्व में दिल्ली सरकार प्रदूषण के आंकड़ों को पेश करते हुए यह बात कह चुकी है कि राजधानी दिल्ली में वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण सबसे अधिक प्रदूषण होता है. दिल्ली की सड़कों पर रोजाना लाखों वाहन गुजरते हैं और सुबह शाम पीक आवर में भयंकर जाम भी लगता है. वाहनों के धुएं से वायुमंडल में पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ती है जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक है.
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