अररिया : बिहार के अररिया के फारबिसगंज में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या NH-27 से इंटेग्रेटेड चेकपोस्ट (ICP) जोगबनी होते हुए नेपाल जाने वाले मार्ग पर स्थित परमान नदी पर बने पुल के एक पिलर की तस्वीर सामने आई है. मीरगंज के समीप स्थित इस पुल के पिलर कैप की मिट्टी पानी में बह गई है और साथ ही उसका कुछ हिस्सा भी झड़ गया है. यह तस्वीर सामने आने के बाद इलाके में चिंता का माहौल है, क्योंकि इसी मार्ग से भारत और नेपाल के बीच व्यवसायिक गतिविधियां संचालित होती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस लापरवाही पर चिंता जताई है.
पिलर संख्या B-2 में दरार : जानकारी के अनुसार, पिलर संख्या B-2 के पाइलकैप में दरार आ गई है और पिलर से छड़ टूटकर पानी में समा गया है. यह वही पुल है जो फोर लेन सड़क पर बना हुआ है और फारबिसगंज से जोगबनी के इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट तक जाने वाले मार्ग का महत्वपूर्ण हिस्सा है. अगर यह पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त होता है, तो इस सड़क मार्ग पर आवागमन बाधित हो सकता है, जिससे भारत-नेपाल व्यापार पर सीधा असर पड़ेगा.

NHAI ने बताया सामान्य मामला: NHAI पूर्णिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सौरभ कुमार ने इस पूरे मामले पर बयान देते हुए कहा कि यह कोई गंभीर मामला नहीं है. यह खामी पुल के रूटीन चेकअप के दौरान सामने आई है और जल्द ही इसकी मरम्मत कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.
“यह कोई गंभीर मामला नहीं है. रूटीन चेकअप में यह बात सामने आई है. जल्द ही इसकी मरम्मत कर दी जाएगी ताकि यातायात और सुरक्षा पर कोई असर न पड़े.”- सौरभ कुमार, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, NHAI, पूर्णिया
व्यापारिक संबंधों पर पड़ सकता है असर : गौरतलब है कि भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह ने 16 सितंबर 2023 को इस इंटेग्रेटेड चेकपोस्ट का उद्घाटन किया था, जिसका उद्देश्य भारत और नेपाल के बीच व्यापार को सुचारु और तेज़ करना था. इस सड़क मार्ग से प्रतिदिन हजारों भारी वाहन दोनों देशों के बीच आवाजाही करते हैं, जिससे द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को मजबूती मिलती है. ऐसे में पुल की इस हालत ने NHAI की निगरानी प्रणाली और कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
'सरकारी निर्माण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं'-SC : हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि सरकारी परियोजनाओं और सार्वजनिक निर्माण कार्यों में लापरवाही किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है. न्यायालय ने कहा कि पुल, सड़क और सार्वजनिक ढांचे लोगों की जान से जुड़े होते हैं, और इनकी निगरानी व गुणवत्ता सुनिश्चित करना सरकार और संबंधित एजेंसियों की जिम्मेदारी है. कोर्ट ने अधिकारियों को समय पर निरीक्षण और आवश्यक सुधार कार्य करने की सख्त हिदायत दी थी.
सुप्रीम कोर्ट पटना हाईकोर्ट कर चुका है केस ट्रांसफर : वैसे भी सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में बार-बार पुल गिरने की घटनाओं पर दायर जनहित याचिका को पटना हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश में कहा है कि पटना हाईकोर्ट मासिक आधार पर मामले की निगरानी करेगा.
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