शिमला: बिलासपुर की गोविंद सागर झील में वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों को लेकर मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. एमजी स्काई एडवेंचर्स ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर बिलासपुर के डीसी आबिद सादिक हुसैन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. हाईकोर्ट ने इस याचिका पर संज्ञान लेते हुए पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव सहित डीसी बिलासपुर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
इसके अलावा अन्य संबंधित लोगों व विभागों को भी नोटिस जारी किए गए हैं. उनमें पर्यटन निदेशक, व्यापार एवं रोजगार सृजन सोसाइटी के अध्यक्ष, एडीसी बिलासपुर, मैसर्स हिमालयन एडवेंचर्स व मैसर्ज गंधर्वी बिल्डर भी शामिल हैं. सभी को दो हफ्ते में जवाब देने के लिए कहा गया है. मामले की सुनवाई 28 अक्टूबर को तय की गई है.
याचिका दाखिल करने वाली प्रार्थी संस्था मैसर्ज एमजी स्काई एडवेंचर्स ने आरोप लगाया है कि डीसी बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक मनमाने तरीके से गोविंद सागर झील में वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां करवा रहे हैं. यहां वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के लिए सिर्फ प्रार्थी संस्था को ही टेंडर जारी किया गया है. याचिका में कहा गया है कि प्रार्थी संस्था हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ वाटर स्पोर्ट्स से जुड़ी गतिविधियां करवाने के लिए पंजीकृत है.
वहीं, डीसी बिलासपुर गोविंद सागर में मैसर्ज हिमालयन एडवेंचर और मैसर्ज गंधर्वी बिल्डर के माध्यम से अवैध जल क्रीड़ा की गतिविधियां करवा रहा है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि हिमालयन एडवेंचर और गन्धर्वी बिल्डर्स न तो प्रदेश सरकार में वाटर स्पोर्ट्स के संचालन के लिए पंजीकृत है और न ही उन्होंने अनुभवी ट्रेनर तैनात किए हैं. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि डीसी बिलासपुर वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों को करवाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. यही नहीं, प्रार्थी की तरफ से डीसी पर घूस लेने के आरोप भी लगाए गए हैं.
याचिका के माध्यम से अदालत को बताया गया कि नियमों के मुताबिक 15 जुलाई से 15 सितंबर तक किसी भी वाटर स्पोर्ट्स गतिविधि पर रोक रहती है. जबकि डीसी बिलासपुर ने हिमालयन एडवेंचर और गन्धर्वी बिल्डर्स से अवैध स्पोर्ट्स गतिविधियां करवाई हैं. अदालत को बताया गया कि इन अवैध गतिविधियों को 30 अगस्त को मीडिया में भी दर्शाया गया है. इसके बाद डीसी बिलासपुर ने उल्टे प्रार्थी को ही इन अवैध गतिविधियों के लिए जिम्मेदार ठहराया.
प्रार्थी ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि इन अवैध गतिविधियों को तुरंत प्रभाव से बंद करवाया जाए और टेंडर के अनुसार प्रार्थी फर्म को ही वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियां करवाने के आदेश दिए जाए. साथ ही अदालत से गुहार लगाई गई है कि हिमालयन एडवेंचर और गन्धर्वी बिल्डर को पंजीकरण और अनुभव की कमी के चलते वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के संचालन से रोका जाए. डीसी बिलासपुर के खिलाफ लगाए आरोपों की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग भी की गई है. मामले की सुनवाई 28 अक्टूबर को तय की गई है.
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