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राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग में याचिका दायर, बदल सकता है बिजली का टैरिफ - ELECTRICITY BILL HIKE

बिजली की सभी श्रेणियों में दर कम करने के साथ ही स्थायी और अन्य शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है.

बदल सकता है बिजली का टैरिफ
बदल सकता है बिजली का टैरिफ (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 12, 2025 at 8:56 AM IST

3 Min Read

जयपुर. प्रदेश में बिजली की दरों में बदलाव को लेकर राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग (आईआरसी) में याचिका दायर की गई है. प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों ने टैरिफ संशोधन को लेकर याचिका का दावा है कि इस बार सभी दायर की है. इस याचिका पर जनसुनवाई के बाद आयोग निर्णय लेगा, जिसके बाद नई दरें लागू होंगी. सरकार श्रेणियों में बिजली के टैरिफ को कम करने का प्रस्ताव दिया गया है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है. हालांकि, स्थायी प्रभार बढ़ाने का भी प्रस्ताव शामिल है, जिससे कुल बिल उपभोग के आधार पर प्रभावित होगा.

पीक आवर्स में महंगी बिजली : डिस्कॉम ने 10 किलोवॉट से ज्यादा लोड वाले उपभोक्ताओं पर टाइम ऑफ है (टीओडी) टैरिफ लगाना प्रस्तावित किया है. इसके अनुसार सुबह 6 से 8 चजे तक बिजली उपभोग पर 5 प्रतिशत और शाम 6 से रात 10 बजे तक बिजली उपभोग पर 10 प्रतिशत ज्यादा शुल्क देना होगा. हालांकि दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक खर्च की गई बिजली पर 10 प्रतिशत की छूट भी मिलेगी. टीओडी सबसे ज्यादा नुकसान घरेलू उपभोक्ताओं को होगा और फायदा अघरेलू श्रेणी को मिलेगा.

इसे भी पढ़ें: गर्मी में उपभोक्ताओं को मिलेगी बिजली की निर्बाध आपूर्ति- ऊर्जा मंत्री

उद्योगों को मिलेगी सस्ती बिजली : औद्योगिक कैटेगरी में मल्टीपल एनर्जी चार्ज के स्थान पर विद्युत शुल्क की एक ही दर रखी गई है. बड़े औद्योगिक श्रेणी में पहले 7 रुपए 30 पैसे विद्युत शुल्क था, जिसे 6 रुपए 50 पैसे प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है. मध्यम में 7 रुपए प्रति यूनिट थी, जिसे अब कम करके 6 रुपए 50 पैसे करने का प्रस्ताव है. स्मॉल कैटेगरी में दो रेट्स थी, 6 रुपए और 6 रुपए 45 पैसे प्रति यूनिट, इसको एक करते हुए 6 रुपए प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव रखा गया है.

छोटे उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा भार ! : याचिका में पहली बार एक रुपया प्रति यूनिट विनियामक अधिभार प्रस्तावित किया गया है, जिसमें प्यूल सरचार्ज समायोजित होगा. वर्तमान में फ्यूल सरचार्ज औसतन 50 पैसे है. प्रस्तावित टैरिफ से SC यूनिट तक बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं पर 25% तक अधिक भार पड़ सकता है. अभी 4.75 रुपए यूनिट दर है,जो बढ़कर 6 रुपए प्रति यूनिट हो सकती है.

राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग में याचिका दायर
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग में याचिका दायर (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

BPL और आस्था कार्डधारकों का विलय : प्रदेश में घरेलू श्रेणी के लगभग 1.35 करोड़ बिजली उपभोक्ता है, जिनमें 1 करोड़ 4 लाख घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को राजस्थान सरकार सब्सिडी प्रदान करती है. इन 1 करोड़ 4 लाख उपभोक्ताओं में से 62 लाख उपभोक्ताओं को बिजली खपत के लिए कुछ भी भुगतान नहीं करना होता है, यानी उनका बिजली बिल शून्य है. घरेलू श्रेणी के संबंध में स्लैब का विलय नियामक आयोग के निर्देशों के अनुरूप है. करीब 17 लाख बीपीएल और आस्था कार्ड धारक उपभोक्ता हैं. चूंकि विलय किए गए घरेलू स्लैब पर सरकार पहले से सब्सिडी दे रही है, लिहाजा इनके बिलों पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा.

जयपुर. प्रदेश में बिजली की दरों में बदलाव को लेकर राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग (आईआरसी) में याचिका दायर की गई है. प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों ने टैरिफ संशोधन को लेकर याचिका का दावा है कि इस बार सभी दायर की है. इस याचिका पर जनसुनवाई के बाद आयोग निर्णय लेगा, जिसके बाद नई दरें लागू होंगी. सरकार श्रेणियों में बिजली के टैरिफ को कम करने का प्रस्ताव दिया गया है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है. हालांकि, स्थायी प्रभार बढ़ाने का भी प्रस्ताव शामिल है, जिससे कुल बिल उपभोग के आधार पर प्रभावित होगा.

पीक आवर्स में महंगी बिजली : डिस्कॉम ने 10 किलोवॉट से ज्यादा लोड वाले उपभोक्ताओं पर टाइम ऑफ है (टीओडी) टैरिफ लगाना प्रस्तावित किया है. इसके अनुसार सुबह 6 से 8 चजे तक बिजली उपभोग पर 5 प्रतिशत और शाम 6 से रात 10 बजे तक बिजली उपभोग पर 10 प्रतिशत ज्यादा शुल्क देना होगा. हालांकि दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक खर्च की गई बिजली पर 10 प्रतिशत की छूट भी मिलेगी. टीओडी सबसे ज्यादा नुकसान घरेलू उपभोक्ताओं को होगा और फायदा अघरेलू श्रेणी को मिलेगा.

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उद्योगों को मिलेगी सस्ती बिजली : औद्योगिक कैटेगरी में मल्टीपल एनर्जी चार्ज के स्थान पर विद्युत शुल्क की एक ही दर रखी गई है. बड़े औद्योगिक श्रेणी में पहले 7 रुपए 30 पैसे विद्युत शुल्क था, जिसे 6 रुपए 50 पैसे प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है. मध्यम में 7 रुपए प्रति यूनिट थी, जिसे अब कम करके 6 रुपए 50 पैसे करने का प्रस्ताव है. स्मॉल कैटेगरी में दो रेट्स थी, 6 रुपए और 6 रुपए 45 पैसे प्रति यूनिट, इसको एक करते हुए 6 रुपए प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव रखा गया है.

छोटे उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा भार ! : याचिका में पहली बार एक रुपया प्रति यूनिट विनियामक अधिभार प्रस्तावित किया गया है, जिसमें प्यूल सरचार्ज समायोजित होगा. वर्तमान में फ्यूल सरचार्ज औसतन 50 पैसे है. प्रस्तावित टैरिफ से SC यूनिट तक बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं पर 25% तक अधिक भार पड़ सकता है. अभी 4.75 रुपए यूनिट दर है,जो बढ़कर 6 रुपए प्रति यूनिट हो सकती है.

राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग में याचिका दायर
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग में याचिका दायर (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

BPL और आस्था कार्डधारकों का विलय : प्रदेश में घरेलू श्रेणी के लगभग 1.35 करोड़ बिजली उपभोक्ता है, जिनमें 1 करोड़ 4 लाख घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को राजस्थान सरकार सब्सिडी प्रदान करती है. इन 1 करोड़ 4 लाख उपभोक्ताओं में से 62 लाख उपभोक्ताओं को बिजली खपत के लिए कुछ भी भुगतान नहीं करना होता है, यानी उनका बिजली बिल शून्य है. घरेलू श्रेणी के संबंध में स्लैब का विलय नियामक आयोग के निर्देशों के अनुरूप है. करीब 17 लाख बीपीएल और आस्था कार्ड धारक उपभोक्ता हैं. चूंकि विलय किए गए घरेलू स्लैब पर सरकार पहले से सब्सिडी दे रही है, लिहाजा इनके बिलों पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा.

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