धनबाद: चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की आज उदयमान सूर्य देव की अर्घ्य देने के साथ समापन हो गया हैं. सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु नदी, तालाबों और विभिन्न छठ घाटों पर पहुंचे. जहां छठ व्रती पानी में घंटों खड़े होकर भगवान भास्कर की आराधना की.
इसके बाद आसमान में लालिमा आते ही व्रती छठी मईया को किसी ने गाय के शुद्ध दूध से तो किसी ने जल से भगवान सूर्य को अर्घ्य समर्पित किया. चैती छठ को लेकर प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गयी. इसके अलावा छठ पूजा समिति की ओर से भी भक्तों की सुविधा के लिए प्रबंध किए गये.
छठ पूजा के दौरान अर्घ्य देने के दौरान धूप, दीप, हवन लोगों के द्वारा किया गया. सुहागिन महिलाओं को सिंदूर लगाकर खोईछा भराई की रस्म अदाएगी की जाती है. यह पर्व में सुख समृद्धि और संतान प्राप्ति कामना करती है. इस पर्व से शारीरिक और मानसिक शुद्धता मिलती है. इस दौरान भगवान भास्कर सूर्य को अर्घ्य देने से रोग कष्ट मिट जाते हैं. यह पर्व विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में लोग बड़े ही आस्था पूर्वक मनाते हैं. जिसका फल अति शुभदायक होता हैं. जिसके कारण लोगों में बड़ी आस्था हैं.
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