मथुरा : भगवान बांके बिहारी के मंदिर में दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. वर्तमान में 60 हजार भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. लेकिन जब वीकेंड का समय होता है या कोई और त्योहार होता है, तो श्रद्धालुओं की संख्या चार-पांच गुनी हो जाती है. यहां की गलियां एकदम खचाखच भर जाती हैं. यहां से निकलने में लोगों को दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है.
इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए योगी सरकार ने बांके बिहारी कॉरिडोर बनाने का फैसला किया. फैसले से नाराज लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रोजेक्ट पर मंजूरी दे दी है. 500 करोड़ के इस प्रोजेक्ट से लगभग 3500 लोग परेशान हैं. कॉरिडोर की जद में मंदिर के आसपास के 200 मकान और 100 दुकान आ रहे हैं, जिन्हें गिराया जा सकता है. 200 से ज्यादा इमारतों की सर्वे रिपोर्ट बनाकर मार्किंग हो चुकी है.
मंदिर तक पहुंचने के लिए होंगे तीन रास्ते : मंदिर तक पहुंचने के तीन रास्ते होंगे. यमुना की ओर से जो रास्ता आएगा, वो 2100 वर्गमीटर क्षेत्र में होगा. कॉरिडोर में करीब 800 वर्गमीटर क्षेत्र में पूजा की दुकानें बनाई जाएंगी. श्रद्धालुओं के लिए 37 हजार वर्गमीटर में बांके बिहारी ब्रिज पार्किंग तैयार की जाएगी.
मथुरा-वृंदावन के रज-रज में श्री कृष्ण वास : कॉरिडोर को लेकर वृंदावन के वासी दुखी हैं. उनका कहना है द्वापर युग से भगवान श्री कृष्ण के तमाम सबूत मथुरा-वृंदावन के रज-रज में वास है. सरकार कॉरिडोर जरूर बनाए, मंदिर की व्यवस्थाएं अच्छी होंगी, लेकिन प्राचीन धरोहर और कुंज गलियां जो साढ़े पांच हजार वर्ष पुरानी हैं, उनको खत्म न किया जाए, क्योंकि उन्हीं कुंज गलियों से वृंदावन की पहचान है.

विरोध- पुराना स्वरूप हो जाएगा खत्म : लोगों का कहना है कि वृंदावन का पुराना स्वरूप खत्म हो जाएगा. कुंज गलियां जो कि भगवान श्री कृष्ण की विरासत संजोय हुए है, उन पर अब खतरा मंडरा ने लगा है. मंदिर के स्वरूप की आड़ में कुंज गलियों को खत्म कर दिया जाएगा. लोग कहते हैं सरकार और कोर्ट को व्यवस्था बनानी है, तो मंदिर के अंदर की बनाई जाए, मंदिर की क्षमता बढ़ाई जाए. जरूरत मंदिर के अंदर है. बाहर की कुंज गलियों को खत्म करने की नहीं.
सरकार की नजर मंदिर के खजाने पर : श्री ठाकुर बांके बिहारी जी मंदिर के एक पुजारी ने कहा, लाखों श्रद्धालु दान पूण्य करने के लिए हजारों करोड़ गुप्त दान देते हैं, मंदिर के खजाने में चार सौ करोड़ रुपए की संपत्ति है. उस पर सरकार की नजर है. कॉरिडोर बनाना है तो सरकार अपने बजट से बनवाए और वृंदावन वासियों को रोजगार उपलब्ध कराए, क्योंकि कुंजी गलियों में जो दुकानें प्रसाद, ठाकुरजी की सामग्री, पोशाक बेचने वाले हजारों परिवार हैं, वे बेघर हो जाएंगे.

कुंज गलियां हो जाएंगी खत्म : दुकानदार सुमित मिश्रा ने बताया, सालों से हम लोग ठाकुर बांके बिहारी जी मंदिर के पास दुकान लगाते आ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है हम उससे बहुत दुखी हैं, क्योंकि व्यवस्थाएं मंदिर के अंदर होना बहुत जरूरी है. मंदिर के आस-पास कुंज गलियां भगवान श्री कृष्ण के जमाने से हैं. अगर यहां कॉरिडोर बनेगा तो द्वापर युग की कुंज गलियां खत्म हो जाएंगी और वृंदावन का स्वरूप बदल जायेगा. यह कहां का न्याय है, व्यवस्था बनाई जाती है जनता को सड़कों पर नहीं डाला जाता.

कॉरिडोर बनाने से व्यवस्था बिगड़ेगी : कुल पुरोहित छैल बिहारी ने बताया, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है बांके बिहारी मंदिर में रिसीव नियुक्त करके सरकार चलाएगी और मंदिर के बजट से 500 करोड़ से कॉरिडोर बनाया जायेगा. कॉरिडोर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए है, या फिर जो लोकल वासी हैं उनके लिए. कुछ लोग तो पिकनिक मनाने आते हैं. मथुरा-वृंदावन वासियों की मंदिर में आस्था है. हर रोज मंदिर में नित्य आरती के साथ उनके दिन की शुरुआत होती है. उन्हीं लोगों ने इस मंदिर का निर्माण कराया है. सरकार ने और कोर्ट ने मंदिर नहीं बनाया. सेवा वृंदावन के लोग ही करते हैं. कॉरिडोर बनाने से व्यवस्था बिगड़ेगी.
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